त्रावणकोर देवास्वम बोर्ड ने लगाया केरल के मंदिरों में आरएसएस की शाखा पर प्रतिबंध

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नई दिल्ली। त्रावणकोर देवास्वम बोर्ड ने एक सर्कुलर जारी कर मंदिर परिसरों में आरएसएस की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। राज्य संचालित त्रावणकोर देवास्वम बोर्ड ने मंदिर परिसरों में आरएसएस की गतिविधियों पर अपने प्रतिबंध की पुष्टि करते हुए कहा है कि बाहरी लोगों द्वारा बैनर और लाउडस्पीकर का उपयोग भी प्रतिबंधित है।

त्रावणकोर देवास्वम बोर्ड का यह कोई पहला सर्कुलर नहीं है। मई महीने में भी बोर्ड ने एक सर्कुलर जारी किया था। जिसमें आरएसएस की गतिविधियों पर केवल सामान्य शब्दों में प्रतिबंध लगाया गया था और बोर्ड द्वारा संचालित कई मंदिरों में इसका उल्लंघन किया जा रहा था। दरअसल केरल के मंदिर परिसरों में आरएसएस शाखा लगाता है और रात में मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण देता है।

नवीनतम आदेश के साथ-साथ मंदिर प्रबंधन के अलावा किसी अन्य द्वारा लाउडस्पीकर के उपयोग पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि परिसर का उपयोग केवल धार्मिक उद्देश्यों के लिए किया जाता है। सर्कुलर में कहा गया है कि मंदिरों में किसी तीसरे पक्ष का बैनर और होर्डिंग्स या किसी सामग्री की अनुमति नहीं दी जाएगी। प्रत्येक मंदिर के पुजारियों को निर्देश दिया गया है कि यदि कोई उल्लंघन हो तो अधिकारियों को सूचित करें।

गौरतलब है कि त्रावणकोर देवास्वम बोर्ड देश भर में लगभग 1,248 मंदिरों का संचालन करता है। और बोर्ड के तहत लगभग 3,500 पुजारी और कर्मचारी काम करते हैं। प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर के सभी अनुष्ठान भी इसी बोर्ड के निर्देशन में होते हैं। बोर्ड के अध्यक्ष सीपीएम के वरिष्ठ नेता के. अनंतगोपन हैं।

इस सर्कुलर पर केरल की राजनीति गर्मा गई है। भाजपा ने त्रावणकोर देवास्वम बोर्ड के आदेश पर सवाल उठाते हुए कहा कि केरल के मंदिर राज्य सरकार की संपत्ति नहीं है, बोर्ड केवल मैनेजमेंट देखता है। वो मंदिर या उसकी संपत्ति का मालिक नहीं है। मंदिर की संपत्ति के मालिक भगवान हैं।

राज्य भाजपा अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने कहा कि “अगर वे कोई प्रतिबंध लागू करने की कोशिश करते हैं तो हम पूरी ताकत से सामने आएंगे और सुनिश्चित करेंगे कि आरएसएस की गतिविधियां हर जगह हों। जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी हमारी गतिविधियों पर प्रतिबंध नहीं लगा सके। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन भी असफल होंगे।”

पांच महीने पहले मई में त्रावणकोर देवास्वम बोर्ड ने केरल के मंदिरों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की शाखा लगाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। बोर्ड ने एक सर्कुलर जारी कर आदेश दिया था कि मंदिरों में सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान होगा। किसी भी राजनीतिक गतिविधि या आरएसएस की शाखा की इजाजत नहीं दी जाए। सर्कुलर में ये भी कहा गया था कि आदेश का पालन नहीं करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड ने अधिकारियों को इस तरह की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने के लिए कदम उठाने और मुख्यालय को रिपोर्ट करने के लिए भी कहा गया था।

केरल में आरएसएस की महत्वपूर्ण उपस्थिति है, लेकिन राज्य की जनता लगातार भाजपा को खारिज करती रही है। जिसने केरल से कभी भी लोकसभा सीट नहीं जीती है। भाजपा ने अब तक केरल में केवल एक विधानसभा सीट जीती है, जिसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री ओ. राजगोपाल 2016 में नेमोम, तिरुवनंतपुरम से जीते थे। लेकिन पार्टी 2021 में सीपीएम से सीट हार गई।

प्रदीप सिंह https://www.janchowk.com

दो दशक से पत्रकारिता में सक्रिय और जनचौक के राजनीतिक संपादक हैं।

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