महाकुंभ में हादसा: भगदड़ में 30 से ज्यादा मौतों की आशंका, घायलों का विभिन्न अस्पतालों में चल रहा इलाज, अमृत स्नान रद्द

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प्रयागराज। महाकुंभ में संगम तट पर रात को भगदड़ मचने 30 से ज्यादा लोगों के मरने की सूचना आधिकारिक रूप से आ गई है। बताया गया है कि घायलों की संख्या 50 से ज्यादा है। हादसे के बाद की जो तस्वीरें सामने आ रही हैं, वह विचलित करने करने वाली है।

हादसे की तस्वीरों को देखकर मरने वालों की संख्या बहुत ज्यादा होने की आशंका जताई जा रही है। प्रशासन ने अभी तक मरने वालों की वास्तविक संख्या की पुष्टि नहीं की है। इसलिए आशंका और अनुमान का दौर जारी है।

विश्वस्त सूत्रों के अनुसार स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल के मोर्चरी में लाशों को रखा गया है। और घायलों को कई अस्तपतालों में भर्ती कराया गया। भगदड़ में घायल कुछ लोगों का इलाज मेला क्षेत्र के सेक्टर 2 में बने केंद्रीय अस्पताल में चल रहा है।

फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से दो बार बात कर चुके हैं। विशेष सतर्कता बरतते हुए अखाड़ा परिषद ने अमृत स्नान रद्द करने का फैसला लिया है।

महाकुंभ के दूसरे अमृत स्नान पर्व मौनी अमावस्या से पहले संगम क्षेत्र में हादसे के बाद लोगों को संगम क्षेत्र से बाहर निकालने के लिए बैरिकैडिंग हटा दी गई है। हालांकि, अब भी संगम तट पर लोगों का तांता लगा हुआ है। भगदड़ के बाद भी लोग किसी तरह से संगम तट की तरफ जाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। साधु-संत लोगों से संगम तट न जाने की अपील कर रहे हैं।

महाकुंभ आए श्रद्धालुओं से CM योगी की अपील

महाकुंभ आए श्रद्धालुओं से CM योगी ने अपील की है कि श्रद्धालु अफवाहों पर ध्यान न दें, जो जिस घाट पर है वहीं स्नान करें। ‘संयम और सतर्कता बरतते हुए प्रशासन द्वारा बनाए गए नियमों का पालन करें।

संगम में स्नान का आग्रह छोड़ दें

सीएम योगी के साथ ही धर्म गुरुओं ने भी श्रद्धालुओं से अपील की है। स्वामी रामभद्राचार्य ने महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की कि वे सभी संगम में स्नान का आग्रह छोड़ दें और निकटतम घाट पर स्नान करें। लोग अपने शिविर से बाहर न निकलें। अपनी और एक दूसरे की सुरक्षा करें। उन्होंने वैष्णव सम्प्रदाय के प्रमुख संत की हैसियत से सभी अखाड़ों और श्रद्धालुओं से अफवाहों से बचने का आह्वान किया।

मायावती ने कहा- यह बहुत दुखद

महाकुंभ में भगदड़ पर बसपा चीफ मायावती ने कहा- प्रयागराज की संगम स्थली पर, महाकुम्भ में हुई भगदड़ में, जिन भी श्रद्धालुओं ने अपनी जान गवाई है व घायल हुए हैं। यह घटना अति-दुःखद व चिन्तनीय। ऐसे समय में कुदरत पीडि़तों को इस दुःख को सहन करने की शक्ति दे, पार्टी की यही कामना।

अखिलेश यादव ने उठाए सवाल

महाकुंभ में भगदड़ पर सपा चीफ अखिलेश यादव ने कहा कि महाकुंभ में अव्यवस्था जन्य हादसे में श्रद्धालुओं के हताहत होने का समाचार बेहद दुखद है। श्रद्धांजलि! हमारी सरकार से अपील है कि गंभीर रूप से घायलों को एअर एंबुलेंस की मदद से निकटतम सर्वश्रेष्ठ हॉस्पिटलों तक पहुंचाकर तुरंत चिकित्सा व्यवस्था की जाए।

मृतकों के शवों को चिन्हित करके उनके परिजनों को सौंपने और उन्हें उनके निवास स्थान तक भेजने का प्रबंध किया जाए। ⁠जो लोग बिछड़ गये हैं, उन्हें मिलाने के लिए त्वरित प्रयास किये जाएं। हेलीकॉप्टर का सदुपयोग करते हुए निगरानी बढ़ाई जाए।

सतयुग से चली आ रही ‘शाही स्नान’ की अखण्ड-अमृत परंपरा को निरंतर रखते हुए, राहत कार्यों के समानांतर सुरक्षित प्रबंधन के बीच ‘मौनी अमावस्या के शाही स्नान’ को संपन्न कराने की व्यवस्था की जाए। श्रद्धालुओं से भी हमारी अपील है कि वो इस कठिन समय में संयम और धैर्य से काम लें और शांतिपूर्वक अपनी तीर्थयात्रा संपन्न करें।

सरकार आज की घटना से सबक लेते हुए श्रद्धालुओं के रुकने, ठहरने, भोजन-पानी व अन्य सुविधाओं के लिए अतिरिक्त प्रबंध करे। हादसे में आहत हुए सभी लोगों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना।

हादसे पर अशोक गहलोत की प्रतिक्रिया

राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने लिखा- प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान भगदड़ से 10 से अधिक श्रद्धालुओं की मृत्यु एवं कई श्रद्धालुओं के घायल होने का समाचार बेहद कष्ट देने वाला है। मैं ईश्वर से दिवंगतजनों को श्रीचरणों में स्थान एवं घायलों को जल्द स्वास्थ्य लाभ देने की प्रार्थना करता हूं।

कांग्रेस ने हादसे को बताया पीड़ादायक

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने महाकुंभ में हुए हादसे पर बयान जारी किया। कांग्रेस ने कहा कि महाकुंभ में हुए हादसे में कई श्रद्धालुओं की मृत्यु की खबर बेहद पीड़ादायक है। इस दुख की घड़ी में ईश्वर शोकाकुल परिवारों को संबल प्रदान करें व घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ दें।

कांग्रेस परिवार की संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं। सरकार घायल श्रद्धालुओं का उचित और बेहतर इलाज कराए। मृतकों का पार्थिव शरीर उनके परिजनों को सौंपकर, उनके घर तक पहुंचाने की व्यवस्था की जाए। महाकुंभ की व्यवस्था बेहतर की जाए, जिससे आगे कभी ऐसे हादसे न हों। श्रद्धालुओं के सुलभ और सुरक्षित स्नान का प्रबंध हो। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से अनुरोध है कि वे पीड़ितों को हर संभव मदद करें।

हादसे के बाद शासन-प्रशासन और मीडिया का रूख

गौरतलब है कि हादसे के बाद शासन-प्रशासन, मीडिया और मेला प्रशासन मृतकों की वास्तविक संख्या बताने और घायलों का उचित इलाज करने के बजाए महाकुंभ में भारी संख्या में आने वालों के बखान में ही लगा है। प्रशासन और मीडिया का दावा है कि 13 जनवरी से शुरू हुए महाकुंभ में अब तक करीब 15 करोड़ लोग गंगा में डुबकी लगा चुके हैं।

आज यानी बुधवार को मौनी अमावस्या पर ही 10 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है। लेकिन रात में ही उम्मीद से ज्यादा लोग पहुंच गए। इस पूरी प्रक्रिया में कहीं भी मेला प्रशासन और उत्तर प्रदेश सरकार की लापरवाही को नहीं बताया जा रहा है।

हादसे को लेकर अलग-अलग दावे

शासन-प्रशासन का कहना है कि आज यानी मौनी अमावस्या पर महाकुंभ का दूसरा शाही स्नान होना था, लेकिन एक दिन पहले ही प्रयागराज में अनुमान से ज्यादा भीड़ पहुंच गई। आंकड़ों की मानें तो मंगलवार को ही करीब 5 करोड़ लोग प्रयागराज पहुंच चुके थे।

वहीं प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि पुलिसवालों ने शाही स्नान की तैयारी करने के लिए संगम पर लेटे लोगों को जल्दी-जल्दी उठाना शुरू किया, इससे भगदड़ की अफवाह फैली और हादसा हुआ तो किसी ने बताया कि भीड़ बहुत ज्यादा थी तो कुछ लोगों का दम घुटने लगा और वे बेहोश होने लगे, इस वजह से भगदड़ के हालात बने।

किसी ने यह भी कहा कि लोगों को संगम तट पर जाने से रोका जा रहा था, उन्हें दूसरे तटों पर स्नान के लिए भेजा जा रहा था, लेकिन भीड़ संगम पर ही स्नान के लिए अड़ी हुई थी। ऐसे में बैरियर टूटा और भगदड़ मच गई। प्रशासनिक अधिकारी का बयान भी कुछ ऐसा ही है। कुंभ मेला की OSD आकांक्षा राणा ने बताया है संगम नोज पर भीड़ के कारण बैरियर टूटने के बाद भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हुई।

हादसे के ठीक बाद संगम से जो तस्वीरें आईं, उनमें श्रद्धालुओं के कपड़े, बैग, जूते-चप्पल तितर-बितर पड़े हुए नजर आ रहे हैं।अस्पतालों की तस्वीरें और ज्यादा डरावनी है। यहां फर्श पर शव साफ तौर पर देखे जा सकते हैं। बड़ी संख्या में घायल भी नजर आ रहे हैं।

महाकुंभ में मौजूद सभी बड़े साधू-संतों का इस हादसे पर अलग-अलग रूख है। निरंजनी अखाड़ा के संतों का कहना है कि प्रशासनिक अव्यवस्था के कारण यह हुआ है तो अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी जी का कहना है कि करोड़ों की भीड़ को संभालना आसान नहीं है, प्रशासन की इसमें कोई गलती नहीं है।

अमृत स्नान रद्द

महाकुंभ में भगदड़ मचने के बाद अखाड़ा परिषद् ने फैसला किया है कि मौनी अमावस्या के दिन अमृत स्नान नहीं होगा। यह जानकारी अखाड़ा परिषद् के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने दी। अब आज कोई भी अखाड़ा अमृत स्नान नहीं करेगा। अखाड़े ने अपने जुलूस भी वापस शिविरों में बुला लिए हैं। उन्होंने कहा कि आज बहुत बड़ा महापर्व था लेकिन हो सकता है यह हमारा दुर्भाग्य था कि आज हमने जो स्नान करने का प्रयास किया वह हम नहीं कर पाएंगे।

रेलवे की कुंभ स्पेशल रद्द

पंडित दीनदयाल स्टेशन से प्रयागराज को जाने वाली कुंभ स्पेशल अगले आदेश तक रद्द। हजारों श्रद्धालु DDU स्टेशन पर फंसे। प्रयागराज में ज्यादा भीड़ होने के कारण कुंभ स्पेशल ट्रेन रद्द हो गई है। कुंभ स्पेशल रद्द होने के कारण श्रद्धालु परेशान हो रहे हैं।

घटना के लगभग 20 घंटे बाद आधिकारिक आंकड़ा जारी

महाकुंभ के दौरान हुई दर्दनाक भगदड़ में मरने वालों की संख्या को लेकर प्रशासन ने घटना के लगभग 20 घंटे बाद आधिकारिक आंकड़ा जारी किया। प्रशासन के अनुसार, इस हादसे में 30 लोगों की मौत हुई है, जिनमें से 25 की पहचान कर ली गई है। इस घटना में 50 से अधिक श्रद्धालु घायल हुए हैं, जिन्हें प्रयागराज के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हादसे पर गंभीर चिंता जताई और घायलों के इलाज का पूरा खर्च सरकार द्वारा उठाने का आदेश दिया। उन्होंने प्रशासन को निर्देश दिया कि पीड़ित परिवारों को हरसंभव सहायता प्रदान की जाए और हादसे की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए।

कई परिवारों के लिए यह हादसा किसी त्रासदी से कम नहीं था, क्योंकि एक ही परिवार के कई सदस्यों ने अपनी जान गंवा दी। कुंभ मेले में देशभर से श्रद्धालु आते हैं, और यह हादसा उनके लिए एक भयावह अनुभव बन गया। इस भगदड़ में कुछ परिवारों के एक से अधिक सदस्य हताहत हुए हैं, जिससे उनका दुख और भी बढ़ गया।

कुंभ नगर के डीआईजी वैभव कृष्णन ने इस घटना को लेकर बयान जारी किया। उनके अनुसार, हादसे का मुख्य कारण भारी भीड़ के दबाव में बैरिकेड्स का टूटना था। जब बैरिकेड टूटा, तो श्रद्धालु अनियंत्रित हो गए और भगदड़ मच गई। अफरा-तफरी के बीच कई लोग गिर पड़े और एक-दूसरे के ऊपर चढ़ गए, जिससे दम घुटने और कुचलने के कारण कई लोगों की मौत हो गई।

महाकुंभ में इस बार श्रद्धालुओं की संख्या अपेक्षा से अधिक थी। मौनी अमावस्या के अमृत स्नान के दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ संगम तट की ओर उमड़ पड़ी थी। इसके कारण प्रशासन को कई पांटून पुलों को बंद करना पड़ा, जिससे श्रद्धालुओं के पास जाने के रास्ते सीमित हो गए।

इसके चलते लोगों को एक ही रास्ते से गुजरना पड़ा, जिससे भीड़ अत्यधिक बढ़ गई। जब श्रद्धालु बैरिकेड से पार जाने की कोशिश कर रहे थे, तो अत्यधिक दबाव के कारण बैरिकेड गिर गया और हजारों लोग अचानक एक ही दिशा में दौड़ पड़े। इसी दौरान कुछ लोग गिर गए और भगदड़ मच गई।

घटना के बाद प्रशासन ने तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया और घायलों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया। इसके अलावा, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। प्रशासन अब यह सुनिश्चित करने के प्रयास में है कि आगे इस तरह की घटना न हो।

प्रशासन ने कुंभ क्षेत्र में सुरक्षा को और कड़ा कर दिया है। अतिरिक्त पुलिस बल और एनडीआरएफ की टीमें तैनात कर दी गई हैं। साथ ही, भीड़ प्रबंधन को लेकर नई रणनीति बनाई जा रही है, जिससे किसी भी अप्रिय स्थिति से बचा जा सके।

(जनचौक की रिपोर्ट)

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