छत्तीसगढ़ः आपदा में अवसर तलाशा अफसरों ने, क्वारंटीन सेंटर के लिए खरीदा 580 रुपये किलो टमाटर

रायपुर। छत्तीसगढ़ के एक क्वारंटीन सेंटर में 580 रुपये प्रति किलो की दर से टमाटर  खरीदने का मामला सामने आया है। कांकेर जिले के इमलीपारा क्वारंटीन सेंटर में टमाटर की ये महंगी खरीदारी की गई है। स्थानीय जनप्रतिनिधि इसे भ्रष्टाचार का खुला खेल बता रहे हैं तो वहीं अफसर इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं।

लॉकडाउन के दौरान इमलीपारा के क्वारंटीन सेंटर में अन्य राज्य से आने वाले मजदूर और छात्र-छात्राओं को ठहराया गया था। इन लोगों की खाने की व्यवस्था में जमकर भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाया जा रहा है। सूचना का अधिकार के तहत मिले दस्तावेजों से इस मामले का खुलासा हुआ है।

दी गई जानकारी के मुताबिक इमलीपारा क्वारंटीन सेंटर में सब्जी बनाने के लिए टमाटर प्रति किलो 580 रुपये की दर से खरीदने का बिल लगाया गया है, जबकि उस वक्त टमाटर की अधिकम कीमत 20 रुपये प्रति किलो बताई जा रही है। साथ ही अन्य सब्जियों का कीमत भी बाजार मूल्य से अधिक बिल में लिखा गया है।

इमलीपारा क्वारंटीन सेंटर में खाद्य सामग्री की आपूर्ति के लिए आदिम जाति कल्याण विभाग को जिला प्रशासन ने जिम्मेदारी सौंपी थी। विभाग के जिम्मेदारों ने बाजार मूल्य से कई गुना अधिक कीमत पर खरीदारी करने का बिल लगाया है। इसका भुगतान भी विभाग ने कर दिया है। इतना ही नहीं क्वारंटीन सेंटर के लिए खरीदी गई सामग्रियों के बिल में जीएसटी और टिन नंबर तक नहीं दिया गया है। दस्तावेजों के मुताबिक इस सेंटर में लॉकडाउन के दौरान व्यवस्था बनाने के लिए एक करोड़ 67 लाख रुपये खर्च किए गए हैं।

नेताओं ने की कार्रवाई की मांग
इमलीपारा के क्वारंटीन सेंटर में बाजार मूल्य से काफी महंगी दर पर टमाटर और अन्य सब्जियों की खरीदारी को लेकर स्थानीय विधायक और राज्य सरकार में संसदीय सचिव शिशुपाल सोरी ने कार्रवाई की मांग की है। शिशुपाल ने कहा कि ये अफसरों द्वारा किया गया भ्रष्टाचार का खुला खेल है। अफसरों ने गजब कर दिया। इसके जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई की मांग वो सरकार से करेंगे।

भारतीय जनता पार्टी के नवनियुक्त जिलाध्यक्ष सतीश लाटिया ने क्वारंटीन सेंटरों के नाम पर हो रहे भ्रष्टाचार की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार आने के बाद से अधिकारी बेलगाम होकर भ्रष्टाचार कर रहे हैं। अधिकारियों के मनमाने भ्रष्टाचार को देखते हुए लगता है इन्हें जिले के सत्ताधारी पार्टी के नेताओं का संरक्षण प्राप्त है तभी वे भ्रष्टाचार की सीमा लांघ रहे है।

लाटिया ने कहा कि जिले के अधिकांश क्वारंटीन सेंटरो की बदहाली किसी से छुपी नहीं है। कहीं चाय, नाश्ता और खाना तक नसीब नहीं है तो कहीं पीने का पानी। परंतु इन क्वारंटीन सेंटरों में चाय नाश्ता, फल, खाने, बोतल बंद पानी का बिल लगाकर लाखों रुपये का बंदरबांट अधिकारियों ने कर लिया।
(छत्तीसगढ़ से तामेश्वर सिन्हा की रिपोर्ट।)

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