कोरोना काल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिन स्वास्थ्यकर्मियों के लिए जनता से ताली थाली पिटवाया, जिनके लिए दीया मोमबत्ती जलवाया, कोरोना वैरियर और रियल हीरो का नाम देकर जिनकी हौसला-अफ़जाई की गयी उन कोरोना वैरियरों की मौत का आंकड़ा तक सरकार के पास नहीं। है न कमाल की बात।
दैनिक ट्रिब्यून की ख़बर के मुताबिक़ सीपीआई सांसद बिनॉय विश्वम के एक सवाल के लिखित जवाब में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन ने बताया है कि सरकार के पास कोरोना से मरने वाले स्वास्थ्यकर्मियों का कोई डेटा नहीं है। सरकार ने बनाया ही नहीं है।
हाँ ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण इंश्योरेंस पैकेज’ के तहत 155 स्वास्थ्यकर्मियों के परिजनों को रिलीफ फंड दिया गया है। जिनमें 64 डॉक्टर, 32 नर्स, 14 आशा वर्कर और 45 अन्य स्टाफ (ड्राइवर व अंतिम संस्कार करने वाले) के परिजन शामिल हैं। बता दें कि स्वास्थ्यकर्मियों की मौत पर पीएम गरीब कल्याण बीमा पैकेज द्वारा राहत मदद दी जाती है। उत्तर प्रदेश में सबसे ज़्यादा 8 डॉक्टर, गुजरात में 6 नर्स, तेलंगाना में 3 आशा वर्कर, महाराष्ट्र में 22 अन्य स्टाफ कटेगरी के लिए राहत दिया गया है।
“स्वास्थ्य राज्यों का विषय है। ऐसे डेटा केंद्र के स्तर पर नहीं बनाए जाते। फिर भी राष्ट्रीय स्तर पर इतना प्रधानमंत्री योजना के तहत मेनटेन किया गया है” – ये कहते हुए केंद्रीय स्वास्थ्यमंत्री ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए सारा दोष राज्यों पर मढ़ दिया है।
29 अगस्त, 2020 को प्रकाशित टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक उस तारीख तक केवल छः राज्यों से 87,176 से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों को कोविड-19 संक्रमित होने और 573 के कोरोना से मरने की सूचना है। इनकी तीन चौथाई संख्या छः राज्यों से थी- महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाड़ु, दिल्ली, पश्चिम बंगाल और गुजरात।
टाइम्स ऑफ इंडिया ने ये आँकड़े स्वास्थ्य मंत्रालय के हवाले से दिए थे। इन आंकड़ों के मुताबिक
9 अगस्त तक-
देश भर में 9,95,922 स्वास्थ्यकर्मियों का कोविड-19 टेस्ट हुआ जिसमें से 87,176 कोविड-19 पोजिटिव पाए गए।
महाराष्ट्र में 1,58,878 स्वास्थ्यकर्मियों की जांच की गई इनमें से 12260 संक्रमित पाए गए जबकि 292 स्वास्थ्यकर्मियों की मौत कोरोना के चलते हुई।
वहीं कर्नाटक में 1,07,100 स्वास्थ्यकर्मियों की कोविड-19 जांच हुई जिसमें से 12,260 कोरोना पोजिटिव पाए गए जबकि 46 स्वास्थ्यकर्मियों की कोविड-19 से मौत हो गई।
तमिलनाड़ु में 1,53,727 स्वास्थ्यकर्मियों की कोविड-19 जांच की गई इसमें 11,169 संक्रमित पाए गए जबकि 49 की कोरोना से मौत हो गई।
दिल्ली में 61,358 स्वास्थ्यकर्मियों की जांच हुई, 8,363 को संक्रमित पाया गया और 51 स्वास्थ्यकर्मियों की कोरोना से मौत हुई।
पश्चिम बंगाल में 65,540 स्वास्थ्यकर्मियों की कोरोना जांच करवाई गई, 5,126 को संक्रमित पाया गया जबकि 21 की कोरोना से मौत दर्ज़ की गई।
गुजरात में 29,246 स्वास्थ्यकर्मियों की कोविड-19 जांच की गई, 3,177 को संक्रमित पाया गया जबकि 35 की मौत दर्ज़ की गई।
(जनचौक के विशेष संवाददाता सुशील मानव की रिपोर्ट।)
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