कंगना रनौत को बाम्बे हाईकोर्ट से मिली अंतरिम राहत

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बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत को सांप्रदायिक ट्वीट के आरोप मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। जस्टिस एसएस शिंदे और एमएस कार्णिक की एक खंडपीठ ने कहा है कि हमारा प्रथमदृष्ट्या मत है कि जब तक मामले की सुनवाई पूरी नहीं हो जाती, तब तक दोनों बहनें अंतरिम सुरक्षा प्राप्त करने की हकदार है और तब तक पुलिस द्वारा कोई कठोर कदम नहीं उठायेगी। कंगना और रंगोली को 8 जनवरी को मुंबई पुलिस के सामने पूछताछ के लिए उपस्थित होना पड़ेगा। खंडपीठ ने कंगना और रंगोली, दोनों बहनों को निर्देश दिए हैं कि वे इस मामले से जुड़ी कोई भी पोस्ट या कमेंट सोशल मीडिया पर नहीं करेंगी।

कंगना रनौत और उनकी बहन रंगोली चंदेल ने सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अपने खिलाफ मुंबई पुलिस द्वारा दर्ज एक प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध किया था। ये प्राथमिकी सोशल मीडिया पर किए गए पोस्ट के जरिए समाज में नफरत और सांप्रदायिक तनाव पैदा करने के आरोप में दर्ज की गई है।

कंगना को कई बार मुंबई पुलिस का समन गया था लेकिन वह हर बार कोई न कोई कारण बताकर इसे टालती रही थीं। अब वह कोर्ट से एफ़आईआर को खारिज किए जाने की मांग कर रही हैं जिस पर कोर्ट ने आज सुनवाई की है। खंडपीठ अगली सुनवाई 11 जनवरी को करेगी। मुंबई के बांद्रा पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 295(ए), 153 (ए) और 124(ए) के तहत ये एफआईआर दर्ज की गई है।

बॉम्बे हाईकोर्ट ने यह सवाल भी उठाया कि आखिर क्यों कंगना रनौत पर देशद्रोह का केस लगाया गया। देशद्रोह चार्ज का हवाला देते हुए जस्टिस शिंदे ने कहा कि क्या आप देश के नागरिकों के साथ ऐसा व्यवहार करते हैं? 124ए?”

खंडपीठ ने कंगना रनौत और उनकी बहन की इस दलील को मानने से इनकार कर दिया कि वे एक पारिवारिक शादी में व्यस्त थीं। कंगना के वकील ने जिरह करते हुए कहा- हमारी मुवक्किल नहीं पेश हो पाईं क्योंकि एक शादी हो रही थी। इसलिए उन्होंने सिर्फ बयान भिजवाया था। जिसके बाद जज ने जवाब दिया कि जो भी चीजें थी, आपको समन का आदर करना चाहिए।

बॉम्बे हाईकोर्ट ने यह सवाल भी उठाया कि आखिर क्यों कंगना रनौत पर देशद्रोह का केस लगाया गया। देशद्रोह चार्ज का हवाला देते हुए जस्टिस शिंदे ने कहा- “क्या आप देश के नागरिकों के साथ ऐसा व्यवहार करते हैं? 124ए?

इससे पहले सोमवार को कंगना रनौत और उनकी बहन रंगोली चंदेल ने प्राथमिकी और मजिस्ट्रेट का आदेश रद्द करवाने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। अदालत से यह भी अनुरोध किया गया है कि पूछताछ के लिए जारी पुलिस समन पर भी रोक लगाई जाए। साथ ही पुलिस को निर्देश दिया जाए कि वह उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई नहीं करे।

मामले में मुंबई पुलिस ने पिछले हफ्ते कंगना रनौत और उनकी बहन रंगोली चंदेल को तीसरी बार समन जारी किया। दोनों को 23 और 24 नवंबर को बयान दर्ज करने को कहा गया था। तीसरी बार समन जारी करते हुए डिप्टी कमिश्‍नर ऑफ पुलिस अभिषेक त्रिमुखे ने कहा था कि तीसरा नोटिस जारी किया है और उन्हें जांच में बांद्रा पुलिस के साथ जुड़ने और सहयोग देने के लिए कहा है।

पुलिस के मुताबिक, कंगना रनौत को इससे पहले जब दो समन भेजे गए थे, तब उन्होंने अपने भाई की शादी का हवाला देते हुए कहा था कि वह 15 नवंबर तक मुंबई नहीं पहुंच पाएंगी। कंगना पर आरोप है कि उन्‍होंने नफरत फैलाने वाले ट्वीट किए हैं और समाज के दो समुदायों के बीच द्वेष की भावना फैलाने की कोशिश की है।

(वरिष्ठ पत्रकार जेपी सिंह की रिपोर्ट।)

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