अमेजन की याचिका पर फ्यूचर रिटेल और रिलायंस की डील पर रोक

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दिल्ली हाईकोर्ट ने ई-कॉमर्स दिग्गज कंपनी अमेजन की याचिका पर फ्यूचर रिटेल को रिलायंस के साथ 24,713 करोड़ रुपये के सौदे पर आगे बढ़ने से रोक लगा दी। गुरुवार को अदालत ने मामले में सिंगापुर के मध्यस्थ का आदेश बरकरार रखा। न्यायलय ने कहा कि फ्यूचर ग्रुप (Future Group) ने जानबूझकर मध्यस्थ के आदेश का उल्लंघन किया है। कोर्ट ने फ्यूचर ग्रुप के किशोर बियानी और अन्य को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए पूछा कि उन्हें सिविल जेल में क्यों नहीं रखा जाना चाहिए।

यह आदेश जस्टिस जेआर मिड्ढा की एकल न्यायाधीश पीठ ने पारित किया जिन्होने कहा फ्यूचर रिटेल, फ्यूचर कूपन, किशोर बियानी और अन्य लोगों ने इमरजेंसी अवार्ड का उल्लंघन किया। एकल पीठ ने किशोर बियानी और फ्यूचर ग्रुप से संबंधित अन्य की संपत्तियां कुर्क करने का आदेश दिया। इसके साथ ही अदालत ने फ्यूचर ग्रुप के निदेशकों को आदेश दिया है कि वह पीएम रिलीफ फंड (PM Relief Fund) में 20 लाख रुपये जमा करें। इस राशि से बीपीएल (BPL) श्रेणी के वरिष्ठ नागरिकों को कोरोना वायरस वैक्सीन उपलब्ध कराई जाएगी।

अगस्त 2019 में अमेजन फ्यूचर समूह की गैर सूचीबद्ध कंपनी फ्यूचर कूपंस लिमिटेड की 49% हिस्सेदारी खरीदने का एक करार किया था। फ्यूचर कूपंस के पास फ्यूचर समूह की बीएसई (BSE) में सूचीबद्ध कंपनी फ्यूचर रिटेल की 7.3% हिस्सेदारी है। अमेजन ने फ्यूचर के साथ यह भी करार किया था कि वह 03 से लेकर 10 साल के बीच सूचना डिटेल्स को भी खरीद सकती है।

29 अगस्त 2020 को फ्यूचर समूह ने रिलायंस के साथ अपने करार घोषणा जिसमें उसने अपने खुदरा और थोक व्यवसाय को रिलायंस रिटेल को बेचने का करार कर लिया था, में कहा था कि रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ उसका यह करार 24,713 करोड़ रुपए का है।

अमेजन ने इसके खिलाफ अक्टूबर 2020 में सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय पंचाट केंद्र में एक सदस्यीय आपातकालीन पीठ के समक्ष चुनौती दी। अमेजन ने आरोप लगाया कि रिलायंस के साथ कारोबार बेचने का करार कर फ्यूचर में उसके साथ अनुबंध की अवहेलना की है।

फ्यूचर ग्रुप में सिंगापुर के मध्यस्था मंच सुनवाई मैच में अक्टूबर 2020 ने अपने बयान में कहा है कि अगस्त 2020 में तीसरे नंबर के प्रतिवादी किशोर बियानी और 08 वें नंबर के प्रतिवादी राकेश बियानी तथा अमेज़न डॉट कॉम एनवी इन्वेस्टमेंट होल्डिंग्स एलएलसी की ओर से अभिजीत मजूमदार के बीच हुई बातचीत में वादी अमेजन की ओर से 04 करोड़ डालर के मुआवजे की मांग की गई।

इस मामले के कागजात अनुसार फ्यूचर ग्रुप ने यह भी कहा है कि अमेजन का यह दावा ठीक नहीं है कि उसे रिलायंस के साथ उसके करार की जानकारी नहीं थी। सिंगापुर के फोरम में दाखिल 12 अक्टूबर 2020 के इस दस्तावेज में इस बात का भी उल्लेख है कि फ्यूचर रिटेल ने 29 अगस्त 2020 को सार्वजनिक सूचना में बताया था कि उसका रिलायंस के साथ करार हुआ। समूह का कहना है कि उसने दावेदार अमेजन के प्रतिनिधियों को बता दिया था कि रिलायंस के साथ उसकी बातचीत चल रही है।

सिंगापुर केंद्र की एक सदस्यीय मध्यस्थता पीठ ने 25 अक्टूबर 2020 को अंतरिम आदेश में फ्यूचर रिटेल को रिलायंस के साथ सौदे पर आगे बढ़ने से रोक लगा दी थी। फ्यूचर ने इस फैसले को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी। दिल्ली उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने फ्यूचर रिटेल को फ्यूचर रिटेल के खिलाफ फैसला दिया लेकिन उस फैसले के खिलाफ फ्यूचर रिटेल की अपील पर अदालत की दो सदस्यों वाली पीठ ने कहा कि इस मामले में भारत की नियामक संस्थाओं को समझौते को स्वीकृति देने के संबंध में कोई निर्णय करने से रोका नहीं जा सकता।

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