यूएई की मध्यस्थता से भारत-पाक का रिश्ता पटरी पर लौटा

भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल बंटवारे को लेकर आज मंगलवार से स्थायी सिंधु आयोग की दो दिवसीय बैठक नई दिल्ली में हो रही है। राजधानी दिल्ली में यह बैठक 23 मार्च से शुरु होकर 24 मार्च तक चलेगी। 

सिंधु जल समझौते पर बातचीत के लिए पाकिस्तान का सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल कल सोमवार को दिल्ली पहुंचा है। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व पाकिस्तान के सिंधु आयुक्त सैय्यद मुहम्मद मेहर अली शाह कर रहे हैं। वहीं भारतीय पक्ष का नेतृत्व पीके सक्सेना करेंगे। उनके साथ केंद्रीय जल आयोग, केंद्रीय ऊर्जा प्राधिकरण और राष्ट्रीय जल विद्युत ऊर्जा निगम के प्रतिनिधि भी वार्ता में भाग लेंगे। गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच 1960 की जल संधि के तहत स्थायी सिंधु आयोग की स्थापना की गई थी। 

बता दें कि पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर हमले के बाद करीब ढाई साल के अंतराल के बाद यह बैठक होने जा रही है। स्थायी सिंधु जल आयोग की पिछली बैठक लाहौर में अगस्त 2018 में हुई थी। पिछले महीने भारत और पाकिस्तान की सेना ने 2003 में हुए सीजफायर समझौते को फिर से लागू करने पर सहमति जताई है। इसके बाद दोनों देशों में रिश्ते सुधरने की उम्मीद जताई गई है।

भारत पाकिस्तान के बीच संयुक्त अरब अमीरात ने की मध्यस्थता 

रिश्ते में सुधार की बात पर बता दें कि अंग्रेजी अख़बार द हिंदू में एक रिपोर्ट छपी है। रिपोर्ट में अख़बार ने ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के हवाले से बताया है कि दोनों देशों ने शांति स्थापित करने के लिए संयुक्त अरब अमीरात की मध्यस्थता से रोडमैप तैयार करने पर काम किया है। इस रिपोर्ट के मुताबिक 25 फ़रवरी को भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ ने साझा बयान जारी कर संघर्ष विराम की घोषणा संयुक्त अरब अमीरात की मध्यस्थता में हुई बातचीत के नतीजे में की थी। 

रिपोर्ट के मुताबिक यूएई के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्लाह बिन ज़ायद ने 26 फ़रवरी को दिल्ली दौरे के दौरान भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ बैठक में भारत और पाकिस्तान के बीच शांति स्थापित करने के प्रयासों पर भी चर्चा की थी। 

हालाकि भारत के विदेश मंत्रालय ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। वहीं संयुक्त अरब अमीरात और पाकिस्तान ने भी आधिकारिक तौर पर इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है। 

अख़बार ने अज्ञात अधिकारी के हवाले से बताया है कि संघर्ष विराम की घोषणा इस दिशा में पहला क़दम है और आगे और भी घोषणाएं हो सकती हैं। अधिकारी के मुताबिक़, अगले क़दम में भारत और पाकिस्तान दिल्ली और इस्लामाबाद में अपने राजनयिकों को फिर से भेज सकते हैं। इसके बाद दोनों देशों के बीच कारोबार शुरू करने और फिर कश्मीर के भविष्य पर चर्चा होनी है। इससे पहले भारत कई मीडिया संस्थानों ने अपनी रिपोर्टों में ये बता चुके हैं कि भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल क़मर बाजवा के बीच ‘बैक-चैनल’ बात हुई है। 

सऊदी अरब के उप-विदेश मंत्री आदेल अल-ज़ुबैर ने स्वीकारा मध्यस्थता की बात

अरब न्यूज़ को दिए इंटरव्यू में सऊदी अरब के उप-विदेश मंत्री आदेल अल-ज़ुबैर ने स्वीकार किया है कि भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को कम करने की सऊदी अरब कोशिश कर रहा है। 

 ज़ुबैर ने कहा है कि – “सऊदी अरब पूरे इलाक़े में शांति चाहता है और इसके लिए कई स्तरों पर कोशिश करता है। आदेल अल-ज़ुबैर ने कहा, ”हम इलाक़े में शांति और स्थिरता की लगातार कोशिश करते हैं। वो चाहे इसराइल और फ़लस्तीनियों के बीच शांति हो या फिर लेबनान, सीरिया, इराक़, ईरान, अफ़ग़ानिस्तान में। यहां तक कि हम भारत और पाकिस्तान के बीच भी तनाव कम करने की कोशिश कर रहे हैं।”

उन्होंने आगे कहा है कि -“सूडान में स्थिरता लाना हो या फिर लीबिया में युद्ध ख़त्म कराना हो।  हमने हर जगह सकारात्मक भूमिका अदा की है।’ इससे पहले ये बात भी कही गई थी कि विंग कमांडर अभिनंदन की रिहाई में भी सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन-सलमान की भूमिका थी। पुलवामा हमले के तुरंत बाद सऊदी के क्राउन प्रिंस सलमान ने पहले पाकिस्तान का दौरा किया और फिर भारत का।”

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