स्टेन स्वामी के इलाज के लिए हेमंत हस्तक्षेप कर उन्हें तत्काल अच्छे अस्पताल में शिफ्ट कराएं: जन संगठन

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झारखंड के अनेक जन संगठनों व मंचों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से अपील की है कि वे तुरंत स्टेन स्वामी के मामले में हस्तक्षेप करें ताकि स्टेन को अच्छे अस्पताल में शिफ्ट किया जाए एवं उन्हें बेहतर इलाज मिल सके।

बता दें 84-वर्षीय स्टेन स्वामी को 8 अक्तूबर, 2020 को NIA द्वारा भीमा कोरेगांव मामले में UAPA के तहत झारखंड से गिरफ़्तार किया गया था। वे तब से मुंबई के निकट स्थित तलोजा जेल में हैं। स्टेन पिछले कई दशकों से आदिवासी व अन्य वंचित समुदायों के अधिकारों के लिए संघर्षरत रहे हैं। 

स्टेन को पार्किन्संस है, जिसके कारण उनके दोनों हाथों में भीषण कम्पन होता है। इस कारण, उन्हें तरल पदार्थ पीने, नहाने, अपने कपड़े धोने आदि में बहुत दिक्कत होती है। वे दोनों कानों में हियरिंग ऐड की सहायता से ही सुन पाते हैं। हाल में उनका दो बार हर्निया का ऑपरेशन हुआ है। उनको कई अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी हैं। 

14 मई को स्टेन ने अपने एक साथी को फ़ोन द्वारा सूचित किया कि वे बीमार हैं। जब से वे गिरफ़्तार हुए हैं, तब से यह पहली बार हुआ है कि उन्होंने बोला है कि वे कमज़ोर व अस्वस्थ महसूस कर रहे हैं। स्टेन साधारणतः अपनी तकलीफों के विषय में दूसरों को नहीं बताते हैं। ताकि अन्य लोग परेशान न हों। उनको इतनी कमज़ोरी हो रही थी कि वे फ़ोन पर अपनी पूरी अवस्था का विवरण भी नहीं दे पाए, और अन्य लोगों को उनकी स्थिति का ब्यौरा देना पड़ा। स्टेन को बुखार और खासी है और उनका पेट भी खराब है। उनको जेल के आयुर्वेदिक चिकित्सक ने एंटीबायोटिक दी, पर इनसे उनकी तबियत में कुछ ख़ास सुधार नहीं आया। उनकी अब तक न तो कोविड के लिए जांच हुई है, और न ही उनको कोविड से बचाव के लिए टीका लगा है। 

तलोजा जेल में कोविड के बढ़ते मामलों की खबरें मिल रही हैं और जेल में टेस्टिंग और रोकथाम की पर्याप्त सुविधा भी नहीं है। पिछले सप्ताह तो तलोजा जेल में एक 22-वर्षीय पुरुष की मृत्यु भी हो गई थी। भीमा कोरेगाँव मामले में गिरफ़्तार कुछ अन्य व्यक्ति भी बहुत बीमार हैं। उनके परिवार के बहुत आग्रह के बाद जब उनको अस्पताल ले जाया गया, तो पता चला कि उन्हें कोविड है। बहुत दबाव के बाद 18 मई को स्टेन को जे. जे. अस्पताल ले जाया गया, पर कुछ ही घंटों बाद- वह भी बीच रात में -उन्हें वापस जेल भेज दिया गया। संगठनों को स्टेन की जान को लेकर बहुत चिंता है, अगर उन्हें तुरंत चिकित्सा के लिए एक पर्याप्त सुविधाओं वाले अस्पताल में शिफ्ट नहीं किया गया। 

ऐसे में निम्न जन संगठनों ने मांग किया है कि स्टेन स्वामी को तुरंत एक अच्छे अस्पताल में भर्ती किया जाए। यह सोचने की बात है कि स्टेन बुज़ुर्ग हैं, रोग ग्रसित हैं, ज़्यादा चलने-फिरने में सक्षम नहीं हैं एवं जिनका दूसरों के विरुद्ध हिंसा का कोई इतिहास नहीं है। उनकी तुरंत बेल पर रिहाई भी हो। संगठनों ने झारखंड के मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि वे तुरंत इस मामले में हस्तक्षेप करें। 

जन संगठनों के नाम जिन्होंने स्टेन के प्रति चिंता व्यक्त की है:

All India Youth Federation

Adivasi Feminist Manch

Akhil Bhartiya Adivasi Mahasabha

All India Kisan Sabha, Jharkhand

All India People’s Forum

All India Student Federation, Jharkhand

GRAINS (Gulaichi Research and Innovation for Society)

Inter State Adivasi Women’s Network ( ISAWN), India

Janmukti Sangharsh Vahini

Janwadi Mahila Samiti

Jharkhand Andolankari Sangharsh

Jharkhand Janadhikar Mahasabha

Jharkhand Mines Area Co-ordination Committee

Jharkhand Muslim Yuva Manch

Jharkhandis Organisation for Human Rights

Manki Munda Sangh, Kolhan, Porahat, Chaibasa

Sarna Prarthna Sabha, Ranchi

Singhbhum Adivasi Samaj, Ranchi

(झारखंड से वरिष्ठ पत्रकार विशद कुमार की रिपोर्ट।)

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