मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड की बलात्कार पीड़िता के साथ फिर हुआ गैंगरेप

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नई दिल्ली। मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड की एक बलात्कार पीड़िता से एक बार फिर गैंगरेप हुआ है। यह घटना उस समय हुई जब 18 वर्षीय पीड़िता शुक्रवार की शाम को घर से अपने एक रिश्तेदार के यहां जा रही थी।

रिपब्लिक टीवी से बात करते हुए पीड़िता ने बताया कि “मैं अपनी भाभी के घर सोने के लिए जा रही थी। मैं नहीं जानती थी (कोई मेरा पीछा कर रहा है)। एक स्कार्पियो आयी और मेरे बगल में खड़ी हो गयी। वे बाहर निकले और मुझे पकड़कर जबरन अंदर बैठा लिया। मैं उन्हें नहीं जानती थी। क्योंकि चारों के चेहरे ढंके हुए थे। कुछ दूर चलने के बाद मैंने उनके चेहरे पर लगे नकाब को हटा दिया।

उसके बाद बाकी दोनों ने खुद ही उसे हटा दिया। मैं यकायक उन्हें पहचान गयी। मैंने उनसे पूछा कि वो यहां क्या कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुझे कोई समस्या नहीं होगी और फिर मुझे साथ चलने के लिए कहा गया। उसके कुछ ही देर बाद वे लोग मेरे ऊपर गिरना शुरू हो गए।

मैंने उनसे मुझे मेरे घर पहुंचाने के लिए कहा। मेरे साथ बलात्कार करने के बाद उन लोगों ने कहा कि अगर मैं अपने परिवार को इस घटना के बारे में बताती हूं तो वो मेरी हत्या कर देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अगर मैंने पुलिस में शिकायत की तो वे मेरे पूरे परिवार का अपहरण कर लेंगे। उन लोगों ने इस घटना के बारे में एक भी शब्द न बोलने की चेतावनी दी है।”

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गौरतलब है कि आज से 14 महीने पहले मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में रहने वाली इन लड़कियों के साथ बड़े स्तर पर यौन शोषण का मामला सामने आया था। जिसमें बिहार की शीर्ष सत्ता से जुड़े बड़े-बड़े लोगों का नाम आया था। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का संज्ञान लिया था। बाद में इन लड़कियों को मुआवजा देने के साथ ही उन्हें उनके परिवार वालों को सौंप दिया गया था। यह पीड़िता भी उन्हीं में से एक थी।

टाइम्स आफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक लड़की ने बेतिया टाउन पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज करायी है। यह पुलिस स्टेशन पश्चिमी चंपारन जिले में पड़ता है। इस रिपोर्ट में उसने आरोपियों में चार लोगों का नाम दर्ज कराया है। जिसमें आकाश कुमार, राज कुमार, दीनानाथ कुमार और कुंदन कुमार शामिल हैं। ये सभी बेतिया के इलाम राम चौक के रहने वाले हैं। इसमें आकाश और राज कुमार सगे भाई हैं। रविवार तक इनमें से अभी कोई गिरफ्तार नहीं हुआ था। बेतिया स्थित महिला पुलिस स्टेशन की एसएचओ पूनम कुमारी ने बताया कि “हम लोग उसकी मेडिकल रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। सभी चार अभियुक्त अभी फरार हैं।”

मुजफ्फरपुर शेल्टर होम बलात्कार कांड के समय इस बच्ची की उम्र 13 साल थी। उसके पिता नेपाल में मजदूरी का काम करते हैं। यह उन पहली बैच की लड़कियों में शामिल थी जिन्हें उनके घरों में शिफ्ट कर दिया गया था। इस बच्ची को भी सात लाख रुपये का मुआवजा मिला था।

एक अफसर ने बताया कि वह इतनी डरी हुई थी कि उसने दूसरे दिन तक घटना के बारे में किसी को नहीं बताया। बाद में उसके मामले को महिला पुलिस स्टेशन में स्थानांतरित कर दिया गया।

इस भीषण कांड का खुलासा 2018 में हुआ था। जिसमें मुजफ्फरपुर जिले में एक एनजीओ द्वारा संचालित शेल्टर होम में ढेर सारी बच्चियों का यौन शोषण हो रहा था। मामला उस समय सामने आया जब टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टिस) की एक रिपोर्ट सार्वजनिक हुई। उसके बाद इस मामले को सीबीआई को दे दिया गया था जिसमें एनजीओ संचालक ब्रजेश ठाकुर समेत 21 लोगों के खिलाफ चार्जशीट पेश की गयी है। सीबीआई द्वारा पेश की गयी इस चार्जशीट में बताया गया है कि इस दौरान ठाकुर और उसके आदमियों ने तकरीबन 11 बच्चियों की हत्याएं की हैं।

बाद में गुड्डू पटेल नाम के एक आरोपी की निशानदेही पर एक जगह खुदाई की गयी जिसमें से हड्डियों का पूरा बंडल बरामद हुआ।

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