दिल्ली की अदालत ने आज ‘बुल्ली बाई’ ऐप मामले के मुख्य आरोपी नीरज बिश्नोई की जमानत याचिका ख़ारिज कर दी है। अदालत ने जमानत याचिका ख़ारिज करते हुये कहा कि आरोपी ने समुदाय विशेष की महिलाओं के ख़िलाफ़ बदनामी का अभियान चलाया, जिसमें अपमानजनक और आपत्तिजनक सामग्री मौजूद थी।
गौरतलब है कि 6 जनवरी को दिल्ली पुलिस, स्पेशल सेल की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑप्स (IFSO) इकाई ने नीरज बिश्नोई को असम के जोरहाट से गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश किया था जहां से उसे सात दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था।
दिल्ली पुलिस का दावा है कि नीरज बिश्नोई ही बुल्ली बाई ऐप का मास्टरमाइंड है। उसने ही गिटहब पर बुल्ली बाई ऐप को बनाया था। इसके बाद इसको प्रमोट करने के लिए ट्विटर पर ‘बुल्ली बाई अंडर स्कोर’ नाम से ट्विटर अकाउंट बनाया। बाद में इसे सोशल मीडिया पर ज्यादा से ज्यादा शेयर कर दिया गया। इसके पास से मिले मोबाइल और लैपटॉप से इसकी पुष्टि हो गई थी। आरोपी को गिरफ्तार कर हवाई जहाज से दिल्ली लाया गया था। इसके बाद इसे कोर्ट में पेश किया था। पुलिस इस मामले में और भी कई गिरफ्तारी कर चुकी है।
नीरज बिश्नोई की गिरफ्तारी के बाद स्पेशल सेल की आईएफएसओ यूनिट के पुलिस उपायुक्त केपीएस मल्होत्रा ने मीडिया को बताया था कि ‘बुल्ली बाई ऐप’ मामले में टेक्निकल सर्विलांस और आईपीडीआर (इंटरनेट प्रोटोकोल डिटेल रिकोर्ड्स) की जांच की। छानबीन में पता चला कि आरोपी असम में मौजूद है। बुधवार सुबह फौरन एक टीम को असम भेजा गया। वहां लोकल पुलिस की मदद से आरोपी की पहचान शुरू की गई। बुधवार देर शाम उसके ठिकाने की पहचान कर ली गई। इसके बाद गुरुवार 6 जनवरी को टीम ने आरोपी नीरज बिश्नोई को दिगंबर, जोरहाट, असम इलाके से धर दबोचा।
(जनचौक ब्यूरो की रिपोर्ट।)
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