जहांगीरपुरी में माकपा नेता वृंदा करात और माले नेता रवि राय ने बुलडोजर के सामने आ कर रुकवायी कार्रवाई

नई दिल्ली। पिछले कुछ दिनों से दिल्ली के जहांगीरपुरी में पुलिस-प्रशासन के संरक्षण में लगातार जारी हिंसा के क्रम में आज जहांगीरपुरी में कई मकानों-दुकानों और मस्जिद की बाहरी दीवार से बिल्कुल सटाकर अवैध रूप से बुलडोज़र चलाया गया। गौरतलब है कि माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश के खिलाफ जाते हुए पुलिस और उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने बुलडोज़र द्वारा दुकानों-मकानों को घंटों तक तोड़ना जारी रखा। मौके पर पहुंचे ‘भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले)’ के राज्य सचिव रवि राय व ‘मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी’ की वरिष्ठ नेता वृंदा करात द्वारा सशरीर बुलडोज़र के सामने खड़े होने के बाद ही पुलिस व नगर निगम ने अपनी कार्रवाई को रोक दिया। 

उच्चतम न्यायालय की अनदेखी कर पुलिस और नगर निगम ने जारी रखी अपनी अवैध कार्रवाई

मौके पर मौजूद ट्रेड यूनियन संगठन ऐक्टू की राज्य सचिव श्वेता राज ने बताया कि नगर निगम व पुलिस अधिकारियों से बार-बार माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश की दुहाई दी गई, पर अधिकारियों ने जान-बूझकर अपनी अवैध कार्रवाई जारी रखी। जहांगीरपुरी में सांप्रदायिक डर और तनाव के बीच इस तरह की कार्रवाई सरासर गलत है। उन्होंने यह भी बताया कि दिल्ली में सत्तारूढ़ पार्टी के एक भी चुने हुए जन-प्रतिनिधि मौके पर मौजूद नहीं थे। मेहनत-मजदूरी कर अपना पेट पालने वाले गरीब लोगों, विशेषकर मुस्लिम समुदाय के लोगों के मकानों-दुकानों पर बुलडोज़र चलाकर सरकार अब अपने सांप्रदायिक एजेंडे को खुले तौर पर राजधानी दिल्ली के नगर-निगम चुनावों के पहले लागू कर रही है।

सभी अमन-पसंद लोगों, संगठनों और राजनीतिक पार्टियों को आवाज़ उठाने की ज़रुरत

गौरतलब है कि भाकपा माले के राज्य सचिव रवि राय, माकपा की वरिष्ठ नेता वृंदा करात समेत अन्य नेताओं के सशरीर बुलडोज़र के समक्ष खड़े होने के बाद ही पुलिस और नगर निगम ने अपनी कार्रवाई पर रोक लगाई।

प्रेस बयान जारी करते हुए भाकपा (माले) के राज्य सचिव रवि राय ने कहा कि राज्य द्वारा अपने ही नागरिकों पर धर्म के आधार पर की जा रही हिंसा की भाकपा (माले) भर्त्सना करती है और देश के सभी नागरिकों से अपील करती है कि संघ-भाजपा की नफरत की राजनीति को जन-एकता के बल पर शिकस्त दें। ये बहुत दुःख की बात है कि मेहनतकश, गरीब और अल्पसंख्यक समुदाय के साथ खड़े रहने के लिए दिल्ली के अन्दर वाम-पार्टियों के अलावे और कोई दिखाई नहीं देता। हम सभी शांति और सौहार्द चाहने वाले संगठनों और राजनीतिक पार्टियों से अपील करते हैं कि इस ज़ुल्म और नाइंसाफी के खिलाफ आवाज़ बुलंद करें और देश की जनता के साथ खड़े हों।

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