अमेरिका ने कहा- खशोगी मर्डर केस में पीएम मोदी की तर्ज पर दी गयी है सऊदी प्रिंस को रियायत

पत्रकार जमाल खशोगी की निर्मम हत्या मामले के आरोपी सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के बहाने अमेरिका ने प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी को भी लपेट लिया है। व्हाइट हाउस ने 18 नवंबर को कहा कि अमेरिका ने खशोगी मर्डर केस में सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को छूट दी है। यानी उन पर उस केस को लेकर मुकदमा नहीं चलाया जाएगा। इस फैसले के बाद बाइडेन सरकार की आलोचना होने लगी। जिसकी सफाई में अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि ये पहली बार नहीं है जब किसी राष्ट्राध्यक्ष को किसी तरह की छूट दी गई हो।

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने शुक्रवार को एक ब्रीफिंग में कहा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को अमेरिका में अभियोजन पक्ष से उसी तरह की सुरक्षा दी गई थी जो हाल ही में सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को दी गई थी।

पत्रकार जमाल खशोगी की निर्मम हत्या, जिसमें वह एक आरोपी हैं, पर क्राउन प्रिंस को छूट देने के दबाव पर अमेरिकी विदेश विभाग के प्रधान उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा कि पीएम मोदी उन लोगों में से थे जिन्हें समान सुरक्षा मिली थी।पटेल ने एक पत्रकार से कहा कि यह पहली बार नहीं है कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने ऐसा किया है। यह एक दीर्घकालिक और निरंतर प्रयास है। इसे पहले कई राष्ट्राध्यक्षों पर लागू किया गया है।

अमेरिका ने 2005 में प्रधान मंत्री मोदी को वीजा प्रतिबंध पर आरोप लगाया था कि उनकी सरकार ने गुजरात में 2002 के दंगों को मुख्यमंत्री के रूप में रोकने के लिए कुछ नहीं किया था।2014 में प्रधान मंत्री के रूप में उनके चुनाव तक, यूनाइटेड किंगडम और यूरोपीय संघ के बहिष्कार को समाप्त करने के बाद भी, अमेरिका ने कहा कि “उसकी नीति में कोई बदलाव नहीं” है।

कुछ समय से अमेरिका और सऊदी अरब के रिश्ते ठीक नहीं चल रहे हैं। माना जा रहा है कि रिश्तों को पटरी पर लाने के लिए प्रिंस सलमान को छूट दी गई है। हालांकि व्हाइट हाउस के नेशनल सिक्योरिटी स्पोक्सपर्सन जॉन कर्बी का कहना है कि इन सब का दोनों देशों के रिश्तों से कोई लेना-देना नहीं है।

उन्होंने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन तो अमेरिका  और सऊदी अरब के रिलेशन पर दोबारा विचार कर रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि क्रूड ऑयल उत्पादक देशों के संगठन ओपेक ने 5 अक्टूबर को तेल उत्पादन में कटौती करने का फैसला किया था। इससे अमेरिका बेहद खफा है। सऊदी अरब इस समूह का प्रमुख सदस्य है।

पिछले साल अमेरिका की एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि वॉशिंगटन पोस्ट के सऊदी पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या की योजना को सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने मंजूरी दी थी। रिपोर्ट में यह भी बताया कहा गया कि क्राउन प्रिंस खशोगी को सऊदी अरब के लिए खतरा मानते थे।

अमेरिकी रिपोर्ट में एक्सपर्ट एग्नेस कैलामार्ड ने कहा था कि खशोगी की हत्या से जुड़े सबूतों के आधार पर कहा जा सकता है कि सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और उनके उच्चाधिकारी हत्या से जुड़े हुए थे।

अमेरिकी रिपोर्ट में एक्सपर्ट एग्नेस कैलामार्ड ने कहा था कि खशोगी की हत्या से जुड़े सबूतों के आधार पर कहा जा सकता है कि सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और उनके उच्चाधिकारी हत्या से जुड़े हुए थे।

ट्रम्प जब सत्ता में थे तो उनके सऊदी प्रिंस से करीबी रिश्ते रहे और यही वजह है कि उस दौरान खशोगी की हत्या से जुड़ी अमेरिकी इंटेलिजेंस की रिपोर्ट जारी नहीं की गई। बाइडेन राष्ट्रपति बने और मानवाधिकारों पर उनका रुख हमेशा से सख्त रहा है। फिर रिपोर्ट जारी की गई। इस इंटेलिजेंस रिपोर्ट में सीधे तौर पर खशोगी की हत्या के लिए प्रिंस सलमान का नाम लिया गया था।

तुर्की में इस्तांबुल स्थित संयुक्त अरब अमीरात के वाणिज्य दूतावास में 2 अक्टूबर 2018 को वॉशिंगटन पोस्ट के पत्रकार जमाल खगोशी की हत्या कर दी गई थी। इसमें वली अहद शहजादा मोहम्मद बिन सलमान की भूमिका को लेकर भी सवाल उठे थे।

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा कि अमेरिका पहले भी नेताओं के छूट दे चुका है। 1993 में हैती के राष्ट्रपति एरिस्टाइड, 2001 में जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति मुगाबे, 2014 में भारत के प्रधानमंत्री मोदी और 2018 में कांगो के राष्ट्रपति कबीला को भी छूट दी गई थी। दरअसल, अमेरिका ने गुजरात दंगों को लेकर नरेंद्र मोदी पर ट्रैवल बैन लगा दिया था। उस वक्त मोदी गुजरात के चीफ मिनिस्टर थे। लेकिन बाद में प्रधानमंत्री बनने पर उन्‍हें छूट दे दी गई थी। यानी उन पर लगा ट्रैवल बैन हटा दिया गया था।

भारत ने अभी तक टिप्पणी पर टिप्पणी नहीं की है।

अमेरिकी सरकार ने मोदी पर करीब 10 साल तक यात्रा प्रतिबंध लगाया था। अमेरिका ने ये प्रतिबंध गोधरा दंगों को कथित रूप से रोकने में फेल साबित होने के लिए मोदी पर लगाया था। अमेरिका ने पीएम मोदी के खिलाफ अंतरराष्‍ट्रीय धार्मिक स्‍वतंत्रता कानून लागू किया था। यह उन विदेशी अधिकारियों के खिलाफ लगाया जाता है जो धार्मिक अधिकारों के गंभीर उल्‍लंघन के जिम्‍मेदार माने जाते हैं

दरअसल व्हाइट हाउस ने पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के मामले में सऊदी प्रिंस को मुकदमे से छूट दे दी है। सऊदी क्राउन प्रिंस पर इस केस में अमेरिका में मुकदमा नहीं चलेगा। अमेरिका ने 2014 में मोदी के प्रधानमंत्री चुने जाने तक अमेरिका आने पर प्रतिबंध जारी रखा। लेकिन पीएम बनने पर अमेरिका मोदी का बांहें फैलाकर स्वागत किया था।

अमेरिका ने कहा कि सऊदी क्राउन प्रिंस को हाल ही में प्रधानमंत्री बनाया गया है। इसे देखते हुए उनके ऊपर अमेरिका में मुकदमा ना चलाने और अमेरिका की यात्रा करने पर छूट दी गई है।

(वरिष्ठ पत्रकार जेपी सिंह की रिपोर्ट।)

  
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