भाकपा माले महाधिवेशन में बोले नीतीश- साथ लड़े तो 100 में सिमट जाएगी भाजपा, कांग्रेस जल्द करे फैसला

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भाकपा माले के 11वें महाधिवेशन के मंच से बोलते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि ‘कांग्रेस विपक्षी एकता को लेकर जल्द फैसला करे, हम लोग इंतजार कर रहे हैं’। उन्होंने कहा कि ‘अगर सभी विपक्षी दल एकजुट होकर लोकसभा चुनाव में उतरते हैं तो भाजपा 100 सीटों के अंदर सिमट जाएगी’।

भाकपा माले के मंच पर मौजूद कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि ‘आप लोग जितनी जल्दी फैसले लेंगे, वो देश के लिए अच्छा होगा’। नीतीश कुमार ने कहा कि ‘नेतृत्व को लेकर मेरी कोई व्यक्तिगत इच्छा नहीं है। हम तो केवल बदलाव चाहते हैं। जो सब तय करेंगे वही होगा’।

दरअसल बिहार की राजधानी पटना में चल रहे भाकपा-माले के 11वें महाधिवेशन के अवसर पर शनिवार को ‘संविधान बचाओ- लोकतंत्र बचाओ- देश बचाओ’ राष्ट्रीय कन्वेंशन का आयोजन किया गया था। जिसमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, पूर्व विदेश मंत्री व कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद, लिबरेशन पैंथर्स पार्टी तमिलनाडु के नेता व संसद सदस्य थोल थिरुमावलवन समेत कई नेताओं ने शिरकत किया।

राष्ट्रीय कन्वेंशन से भाजपा को 2024 के चुनाव में देश की गद्दी से उतार फेंकने के लिए व्यापक एकजुटता का आह्वान किया गया।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का संबोधन

भाकपा माले के राष्ट्रीय कन्वेंशन को संबोधित करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि देश में व्यापक विपक्षी एकता का निर्माण हो, यह समय की मांग है। हम कांग्रेस के जवाब का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने मंच पर बैठे कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद से कहा कि यह संदेश वो कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व तक पहुंचा दें कि यदि हम सभी मिलकर चले तो भाजपा 100 के नीचे आ जाएगी।

नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में तो कोई दिक्कत नहीं है। हम चाहते हैं कि देश में अधिक से अधिक पार्टियां एकजुट हों। हमारी एक ही ख्वाहिश है देश को एकजुट करना, देश को अलग करने वाली ताकतों को खत्म करना। हम पहले भी साथ चले थे और एक बार फिर साथ चल रहे हैं।

कन्वेंशन को संबोधित करते मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

नीतीश कुमार ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि आजादी की लड़ाई में इन लोगों की कोई भूमिका नहीं थी, लेकिन आज आजादी की लड़ाई को भुनाने का प्रयास कर रहे हैं और नया इतिहास बनाने की कोशिश कर रहे हैं। आजादी के बाद देश दो भागों में बंट गया लेकिन देश में विभिन्न धर्मों को मानने वालों में लंबे समय से एकता रही है। हम सबको इस एकता को और मजबूत करना है।

उन्होंने कहा कि साल भर पहले भाजपा से अलग होने की बात हमारी पार्टी में चल रही थी और अंततः हम उनसे अलग हो गए। उन्होंने कहा कि आज हम सब मिलकर काम कर रहे हैं। भाजपा से अलग होने पर सभी ने स्वागत किया। अब अधिक से अधिक पार्टियों को एकजुट करके लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे, तभी भाजपा से देश को मुक्ति मिलेगी।

नीतीश कुमार ने भाकपा-माले के 11वें महाधिवेशन में आमंत्रित किए जाने के लिए माले नेतृत्व का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि भाकपा-माले के लोगों की हम इज्जत और स्वागत करते हैं। उन्होंने जॉर्ज फर्नांडिस के जमाने से माले के साथ अपने पुराने संबंधों की बात कही। उन्होंने महाधिवेशन के लिए पटना का चुनाव करने के लिए भाकपा-माले को धन्यवाद दिया।

उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव का संबोधन

कन्वेंशन को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि मोदी पर नहीं मुद्दे पर बातचीत होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने देश को बचाने की पहल की है। वे बधाई के पात्र हैं। हम सभी को एकजुट होकर लड़ना है। अपने-अपने तरीके की लड़ाई को छोड़कर एक रोड मैप तैयार करके एकजुट होना होगा। तेजस्वी यादव ने उम्मीद जताई कि विपक्षी एकता के मसले पर कांग्रेस जल्द निर्णय लेगी।

तेजस्वी यादव ने कहा कि भाजपा-आरएसएस नफरत फैलाने व देश को बांटने का ही काम करते हैं। जो भाजपा के साथ है, वह हरिश्चंद्र हो जाता है। उन्होंने कहा कि बीजेपी माइंड सेट का मीडिया मुद्दों को भटकाने का प्रयास करता रहता है।

कन्वेंशन को संबोधित करते तेजस्वी यादव

उन्होंने कहा कि बिहार की धरती ने भाजपा के साथ उसी तरह का खेल खेला जो वह दूसरे राज्यों में करती है। हमने उसे सत्ता से बाहर किया लेकिन हमारा रास्ता भाजपा वाला नहीं था। हमारे पास अंबानी-अडानी नहीं हैं कि विधायकों की खरीद-फरोख्त करेंगे।

उन्होंने अपने वक्तव्य की शुरुआत सम्मेलन में आए प्रतिनिधियों को लाल सलाम पेश करके किया। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि इस सम्मेलन से नई राहें निकलेंगी।

उन्होंने राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की ओर से भी महाधिवेशन के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि हमने कभी साम्प्रदायिक ताकतों के सामने घुटना नहीं टेका। यह देश किसी के बाप का देश नहीं है, जो मुसलमानों से उनका अधिकार छीन ले।

माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य का संबोधन

माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने राष्ट्रीय कन्वेंशन में आए सभी अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि आज जब संविधान और लोकतंत्र की बुनियाद खतरे में है, तो हम सबको देश को बचाने के लिए एक बहुत निर्णायक लड़ाई लड़नी होगी और इसके लिए व्यापक एकजुटता कायम करनी होगी।

उन्होंने कहा कि पहले दौर का आपातकाल आज के आपातकाल के सामने कुछ भी नहीं था। उस आपातकाल के दौरान बिहार से एक आवाज निकली थी। आज का आपातकाल स्थाई आपातकाल है।

कन्वेंशन को संबोधित करते माले महासचिव दीपंकर

माले महासचिव ने कहा कि आजादी के समय ही आरएसएस ने कहा था कि भारत का संविधान मनुस्मृति है। आज संविधान को सामने रखकर पूरे देश को तहस-नहस किया जा रहा है। हमारे सारे अधिकारों को हड़पा जा रहा है। नागरिकों की परिभाषा को बदलकर प्रजा में तब्दील किया जा रहा है।

दीपंकर ने आगे कहा कि हम सभी लोग अपने-अपने तरीके से कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा का भी जिक्र किया। उन्होंने नागरिकता आंदोलन का जिक्र करते हुए राजनीतिक बंदियों की रिहाई की मांग उठाई।

माले महासचिव ने कहा कि हम सबको मिलकर इस मुश्किल दौर का मुकाबला करना होगा और यह कन्वेंशन 2024 के लिए देश को एक बड़ा संदेश देगा। उन्होंने समाधान यात्रा की भागदौड़ के बीच समय निकालकर आने के लिए नीतीश कुमार को शुक्रिया कहा।

कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद का संबोधन

लाली देखन मैं गई, और मैं भी हो गई लाल.. इन पंक्तियों के साथ पूर्व विदेश मंत्री व कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने अपने वक्तव्य की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि बदलते वक्त और समाज की मांग के साथ भाकपा-माले द्वारा संविधान व लोकतंत्र बचाने के लिए इस मुहिम की शुरुआत स्वागतयोग्य है।

उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के बिहार मॉडल की चर्चा हर जगह होनी चाहिए। हम भी वही चाहते हैं जो आप चाहते हैं, मामला बस इतना है कि पहले ‘आई लव यू’ कौन बोलेगा।

कन्वेंशन को संबोधित करते कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद

सलमान खुर्शीद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का संदेश पार्टी मुखिया के पास पहुंचाने की बात कही। उन्होंने कहा कि फासिस्ट शक्तियों में दिलेरी नहीं है। जरा सा बिहार के शेर दहाड़ेंगे तो ये बिलों में घुस जायेंगे। उन्होंने आश्वासन दिया कि वे एकता के संदेश को आगे बढ़ाएंगे। कांग्रेस भी विपक्षी एकता बनाने के लिए तैयार है।

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का संदेश

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन रांची में आज राज्यपाल के शपथ ग्रहण समारोह के चलते पूर्व निर्धारित कार्यक्रम में नहीं आ सके, लेकिन उन्होंने अपना संदेश कन्वेंशन में भेजा, जिसे भाकपा माले विधायक विनोद सिंह ने पढ़ा।

हेमंत सोरेन ने कन्वेंशन में नहीं शामिल हो पाने पर खेद जताते हुए कन्वेंशन के सफल होने की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि केंद्रीय सरकार लगातार संघीय ढांचे पर प्रहार कर रही है। आरएसएस के लोग हिटलर की सारी योजनाओं को भारत में लागू करना चाहते हैं और देश का सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़कर लोकतंत्र को कमजोर किया जा रहा है।

हेमंत सोरेन ने अडानी से मोदी सरकार की सांठगांठ की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि 2024 में फासीवादी ताकतों को सत्ता में वापस लौटने नहीं दिया जाएगा।

थिरुमावलवन का संबोधन

कन्वेंशन को विदुथलाई चिरुथिगल काची, तमिलनाडु से संसद सदस्य थिरुमावलवन ने संबोधित करते हुए कहा कि हमें बिना समझौता किए कट्टरता का विरोध करते रहना होगा। फासीवाद भारतीय लोकतंत्र पर सुनामी की तरह प्रहार कर रहा है।

कन्वेंशन को संबोधित करते थिरुमावलवन

मंच पर नेताओं की भागीदारी

मंच पर माले राज्य सचिव कुणाल, ऐपवा की राष्ट्रीय अध्यक्ष रति राव, असम की चर्चित महिला नेत्री प्रतिमा इंगपी, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, कांग्रेस विधायक शकील अहमद, माले विधायक दल के नेता महबूब आलम, सत्यदेव राम, विनोद सिंह, धीरेन्द्र झा, संदीप सौरभ आदि उपस्थित थे।

भाकपा-माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन भाकपा-माले के पोलित ब्यूरो सदस्य राजाराम सिंह ने किया।

भाकपा माले के कन्वेंशन में विपक्षी दलों के नेता

कन्वेंशन की झलकियां

  • राष्ट्रीय कन्वेंशन की शुरूआत सांस्कृतिक टीमों द्वारा मशहूर शायर फैज अहमद फैज की मशहूर नज्म ‘ हम देखेंगे’ के गायन से हुई। जब गीत का गायन हो रहा था, ठीक उसी समय कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद का हॉल में आगमन हुआ। गीत के सम्मान में वे मंच पर न जाकर गलियारे में ही खड़े रहे। गीत की समाप्ति के उपरांत ही वे मंच पर चढ़े।
  • बिहार में किसान आंदोलन के महान नेता स्वामी सहजानंद सरस्वती के जन्म दिन पर कन्वेंशन में उन्हें याद किया गया।
  • अपने वक्तव्य के दौरान तेजस्वी प्रसाद यादव ने लाल सलाम के साथ प्रतिनिधियों का अभिनंदन किया। हॉल से भी प्रतिनिधियों ने उन्हें लाल सलाम पेश किया।
  • कार्यक्रम के दौरान महागठबंधन जिंदाबाद, फासीवाद हो बर्बाद आदि नारे लगातार गुंजते रहे।
  • सभी अतिथियों को मोमेंटम, चादर और पार्टी की ओर से प्रकाशित स्मारिका देकर सम्मानित किया गया।

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