तिरूपति मंदिर ट्रस्ट के पास 27 करोड़ की विदेशी मुद्रा

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आंध्र प्रदेश। देश के सबसे अमीर धार्मिक ट्रस्ट, तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) को बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। ट्रस्ट को विदेश से मिले चढ़ावे के रूप में लाखों रूपये ‘हुंडी’ के रूप में जमा हो गए हैं। ट्रस्ट का खाता एसबीआई बैंक में है और बैंक ने ये विदेशी मुद्राएं जमा करना से इनकार कर दिया है, क्योंकि ट्रस्ट का एफसीआरए (विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम) के तहत पंजीकरण रिन्यू नहीं किया जा सका है।

ट्रस्ट का मुख्यालय तिरुपति, आंध्र प्रदेश में है, जो तिरुमाला वेंकटेश्वर मंदिर के अलावा 70 मंदिरों का प्रबंधन करता है। इस मामले में ट्रस्ट ने सरकार से दखल देने की मांग की थी, लेकिन सरकार ने कानून का उल्लंघन करने चलते ट्रस्ट को एक जुर्माना नोटिस भेजा दिया है।

एसबीआई ने अपने खाते में ट्रस्ट के किसी भी विदेशी योगदान ‘हुंडी’ को जमा करने से मना कर दिया है। जिस कारण पिछले एक साल में 26.86 करोड़ रुपये तक का विदेशी मुद्रा दान ‘हुड़ी’ के रूप में जमा हो गया है। टीटीडी ने हाल ही में गृह मंत्रालय को विदेशी दान का ब्यौरा भेजा जिसमें 11.50 करोड़ रुपये मूल्य के अमेरिकी डॉलर और मलेशियाई रिंगगिट 5.93 करोड़ रुपये और सिंगापुर डॉलर 4.06 करोड़ रुपये शामिल हैं। रिपोर्टों के अनुसार पिछले साल, टीटीडी को ‘हुंडी संग्रह’ के रूप में कुल 1,450 करोड़ रुपये मिले।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार 5 मार्च को गृह मंत्रालय के एफसीआरए डिवीजन ने टीटीडी के मुख्य कार्यकारिणी को पत्र लिखकर बताया कि उनका वार्षिक रिटर्न गलत प्रारूप में है और ट्रस्ट पर 3.19 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। माना जा रहा है कि यह जुर्माना 2019 के अंत में एफसीआरए पंजीकरण के नवीनीकरण में विफल रहने के बाद टीटीडी द्वारा पहले ही भुगतान किए गए 1.14 करोड़ रुपये के जुर्माने के अतिरिक्त है।

माना जा रहा है कि तकनीकी गड़बड़ियों के कारण टीटीडी का एफसीआरए पंजीकरण पिछले तीन वर्षों से रिन्यू नहीं हो पाया है। टीटीडी ने कोविड महामारी के दौरान आई कठिनाईयों के लिए खातों को दाखिल करने में देरी को भी जिम्मेदार ठहराया। एफसीआरए अधिनियम में 2020 के संशोधन के अनुसार, एनजीओ की तरफ से एसबीआई में एक खाता खोला जाना था।

हालांकि, दान दाताओं की पहचान अज्ञात होने के कारण एसबीआई ने विदेशी मुद्रा जमा करने से इनकार कर दिया। गृह मंत्रालय ने टीटीडी की तरफ से अपने विदेशी दान पर मिले ब्याज के ‘उपयोग’ पर भी आपत्ति जताई है, जिसकी एफसीआरए के तहत अनुमति नहीं है। टीटीडी के मुताबिक APCHR अधिनियम की धारा 111 के अनुसार हुंडी में जमा प्रसाद तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के कोष का ‘हिस्सा’ है।

इसलिए, उसने अपनी एफडी को ‘मूल रूप से दाखिल किए गए एफसी (विदेशी योगदान) रिटर्न में उपयोग के रूप में दिखाया।‘ टीटीडी के मुख्य कार्यकारी और पीआरओ ने एफसीआरए पंजीकरण पर कुछ भी नहीं कहा।

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