आप ने मोदी के खिलाफ 11 भाषाओं और 22 राज्यों में शुरू किया पोस्टर अभियान

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (AAP) ने “मोदी हटाओ, देश बचाओ” पोस्टर अभियान का विस्तार करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अपना हमला तेज कर दिया। पार्टी ने गुरुवार को 11 भाषाओं और 22 राज्यों में एक साथ इस पोस्टर अभियान को शुरू किया। पोस्टर हिंदी, अंग्रेजी, मराठी, पंजाबी, मलयालम, उड़िया, कन्नड़, बंगाली, गुजराती, उर्दू और तेलुगु में छपे हैं। लेकिन आम आदमी पार्टी ने गुरुवार को दिल्ली में कोई पोस्टर नहीं लगाया।

आप के दिल्ली संयोजक और मंत्री गोपाल राय ने पार्टी मुख्यालय में इसकी घोषणा करते हुए कहा, ‘अभियान के दूसरे चरण के तहत 10 अप्रैल से देश भर के विश्वविद्यालयों में छात्रों द्वारा पोस्टरों का प्रचार किया जाएगा।’

उन्होंने कहा, ‘मोदी सरकार पूरे विपक्ष को दबा कर देश को नियंत्रित करना चाहती है। मोदी हठपूर्वक देश के लोकतांत्रिक ढांचे को ध्वस्त कर रहे हैं। यह भारत के लोकतांत्रिक ढांचे और संविधान पर सीधा हमला है।’

उन्होंने भाजपा सरकार पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि वह जांच एजेंसियों को नियंत्रित कर रही है और न्यायपालिका को दबाने की कोशिश कर रही है।

देर शाम आम आदमी पार्टी ने कहा कि उसके कई कार्यकर्ताओं को अलग-अलग राज्यों में पुलिस ने पोस्टर जब्त कर लिए और पार्टी कार्यकर्ताओं को भी हिरासत में ले लिया। हरियाणा पुलिस ने आप के राज्यसभा सदस्य सुशील गुप्ता और वरिष्ठ नेता अनुराग ढांडा को कुछ देर के लिए हिरासत में ले लिया। इसी तरह अहमदाबाद, पुणे और महाराष्ट्र के अन्य स्थानों पर पुलिस ने आप के कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया और उनके पोस्टर जब्त कर लिए।

पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने शहीद दिवस (23 मार्च) पर जंतर मंतर से “मोदी हटाओ, देश बचाओ” अभियान शुरू किया था, और उस समय सवाल उठाया था कि क्या एक “अशिक्षित” नेता देश को विकास की ओर ले जा सकता है।

इस महीने 20-21 मार्च के बीच, दिल्ली के विभिन्न इलाकों में “मोदी हटाओ, देश बचाओ” पोस्टर लगाने के आरोप में दिल्ली पुलिस ने 49 एफआईआर दर्ज कीं और दो प्रिंटिंग प्रेस मालिकों सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया था, ऐसे पोस्टरों पर प्रिंटर का नाम नहीं था। पुलिस ने सार्वजनिक संपत्ति को खराब करने के लिए भी मुकदमा दर्ज किया था।

दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने पलटवार करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी हुई है और विश्वसनीयता के संकट का सामना कर रही है। देश के अन्य हिस्सों को छोड़ दें, उन्हें दिल्ली के लोगों से भी कोई समर्थन नहीं मिल रहा है। अब हताश गोपाल राय प्रधानमंत्री के खिलाफ बयान देकर लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वह सफल नहीं होंगे।

(जनचौक की रिपोर्ट।)

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