ए भाई जरा देख के चलो, टोल टैक्स आज रात से बढ़ने जा रहा है!

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आज 2022-23 वित्तीय वर्ष का आखिरी दिन है, रात 12 बजे कोई घोषणा नहीं होने जा रही है। लेकिन कई वस्तुओं और सेवाओं के दाम ऑटोमेटिक रूप से बढ़ जाने वाले हैं। इसलिए कमर कस लें, जीवन संघर्ष आगे और भी कठिन होने जा रहा है, जिसके लिए और अधिक हिम्मत और उर्जा को संजोना होगा।

आज रात 12 बजे से जीवन रक्षक दवाओं, हाईवे पर टोल टैक्स के दामों में बढ़ोत्तरी होने जा रही है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने टोल टैक्स की दरों में 7% की बढ़ोत्तरी कर दी है। इसलिए यदि आप दिल्ली-चंडीगढ़ की 243 किमी की दूरी के लिए अभी तक 325 रूपये खर्च कर रहे थे, तो आपको 7% और अधिक जेब ढीली करने के लिए कमर कसनी होगी।

हालांकि, अलग-अलग राज्यों में ये दरें अलग-अलग हो सकती हैं। पिछले वर्ष भी टोल की दरों में 10 से 15% की बढ़ोत्तरी की गई थी। देश में अब शायद ही कोई राजमार्ग बचा है, जहां पर टोल टैक्स की वसूली नहीं होती है। सरकार के पास भी विकास के नाम पर राजमार्गों के निर्माण की वो कहानी है, जिसे लगभग सभी राजनीतिक दलों और आर्थिक विशेषज्ञों ने लगभग स्वीकृति दी हुई है। इस कथित विकास के नैरेटिव पर किसी का कोई विरोध नहीं है। 

इस वित्तीय वर्ष में बजट में राजमार्गों के निर्माण हेतु 2.20 लाख करोड़ का बजट रखा गया है, जो पिछले वर्ष के 1.।99 लाख से 21,000 करोड़ अधिक है। 2017-18 में केंद्रीय आवंटन मात्र 59,636 करोड़ रूपये था। सरकार जहां एक तरफ तेजी से राजमार्गों के निर्माण को लेकर कृत संकल्पित है, वहीं टोल टैक्स से मिलने वाली वसूली में भी लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। 2022 में फ़ास्टटैग के जरिये कुल 50,855 करोड़ रूपये का टैक्स वसूला गया था, जिसे 2023 के लिए 70,000 करोड़ रूपये का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। 

परिवहन मंत्री नितिन गडकरी जी की मानें तो जल्द ही सभी वाहनों की जिओ टैगिंग अनिवार्य कर दी जायेगी। इसके बाद आपके प्रति किलोमीटर का हिसाब अपने आप ही हो जायेगा, और आपके बैंक अकाउंट से लिंक होने के कारण आपके अकाउंट से कट जाएगा।  केंद्र सरकार के प्रत्यक्ष टैक्स संग्रह में कटौती करती जा रही और प्रत्यक्ष कर बढ़ाती जा रही है। टोल टैक्स भी आम जनता से धन उगाही करने का एक तरीका है।

कुल मिलाकर सूचना यह है कि छोटे वाहनों के लिए टोल की दर जो अभी तक 1.61 रूपये प्रति किमी थी, वह आज रात से 1.73 रूपये प्रति किमी होने जा रही है। मिनी बसों और हल्के व्यावसायिक वाहनों के लिए यह दरें 2.80 रूपये प्रति किमी, ट्रक और बस के लिए 5.87 रूपये प्रति किमी, 3 एक्सल के कमर्शियल वाहनों के लिए 6.40 रूपये और 4 से 6 एक्सल वाहनों के लिए 9.20 रूपये और 7 एक्सल वाहनों के लिए 11.21 रूपये प्रति किमी का टोल टैक्स देय होगा। 

दूध के दामों में पिछले वित्तीय वर्ष में कई बार बढ़ोत्तरी हुई थी, इस वर्ष में भी चारे की कमी के चलते कोई राहत के आसार नहीं हैं, बल्कि दामों में एक और बढ़ोत्तरी जल्द ही संभव है। जीवन रक्षक दवाओं के दामों में बढ़ोतरी की सूचना पहले ही आम लोगों के संज्ञान में है।

यूपीआई से भुगतान के संबंध में सरकार की ओर से सफाई आ गई है कि सिर्फ 2000 रूपये से अधिक के ट्रांजेक्शन पर ही अधिभार की वसूली की जायेगी, और यह उपभोक्ताओं को नहीं बल्कि व्यावसायिक ट्रांजेक्शन पर लागू होगी। लेकिन हर ग्राहक अच्छी तरह से वाकिफ है कि खरबूजे पर चाक़ू गिरे या खरबूजा ही चाकू पर गिर जाये, कटेगा तो खरबूजा ही। इसलिए यदि इस प्रकार की कोई भी व्यवस्था अमल में आती है तो व्यवसायी अपने उपर आने वाले किसी भी अधिभार को ग्राहकों के उपर ही डालेगा। वरना उसका साफ़ कहना होगा कि नकद भुगतान करें।

( रविंद्र पटवाल जनचौक के मैनेजिंग एडिटर हैं।)

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