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बिजनौर: पुलिस ने मुस्लिम घरों में घुसकर की जमकर तोड़फोड़ और लोगों की पिटाई, महिलाओं तक को नहीं बख्शा

नई दिल्ली। यूपी पुलिस ने बिजनौर के मुस्लिम इलाकों में जमकर तांडव मचाया है। इलाके के लोगों का कहना है कि खाकावर्दी पहने ढेर सारे जवानों ने मुस्लिम घरों में घुसकर जमकर तोड़फोड की और विरोध करने पर सभी को लाठियों से पीटा गया है। यहां तक कि पुलिस वालों ने महिलाओं को भी नहीं बख्शा।

स्क्रोल पोर्टल के जरिये सामने आये एक वीडियो में इस तबाही को देखा जा सकता है। इसमें ट्वायलेट पैन और टेलीविजन सेट को टूटा हुआ देखा जा सकता है। यहां तक कि किचेन में पड़े सामानों को भी पुलिसकर्मियों ने निकाल कर फर्श पर बिखेर दिया और आटे के कनस्तर को तोड़ दिया। इसी के साथ खाना बनाने वाले गैस सिलिंडर की पाइप को भी बीच से काट दिया।

बिजनौर में नहतौर के नाजिया सराय इलाके में रहने वाली एक महिला ने बताया कि पुलिसकर्मी आग लगा रहे थे।

शुक्रवार को दोपहर में जैसे ही मस्जिद से इलाके के मुस्लिम नमाज पढ़कर निकले पुलिस ने आंसू गैस के गोले और बुलेट की फायरिंग शुरू कर दी। हालांकि पुलिस का कहना है कि पहले मुसलमानों ने पत्थरबाजी की। लेकिन इलाके के बाशिंदों ने इस आरोप से इंकार किया है।

एक महिला ने स्क्रोल को बताया कि उसका भाई कुमार अहमद बीमार था। नमाज से लौटने के बाद वह बिस्तर पर सो गया। लेकिन एकाएक पुलिस दरवाजा तोड़कर उसके घर में घुस गयी। उसका आरोप है कि पुलिस ने उसके घर में जमकर तोड़फोड़ की और परिवार के दूसरे सदस्यों को पीटा भी। सिलेंडर की पाइट को काट दिया। उसका कहना था कि अगर सही समय पर वह सिलेंडर के रेगुलेटर को बंद नहीं करती तो घर में आग लग जाती। उसने बताया कि “उनका कहना था कि वो घर में आग लगा देंगे। और अगर ज्यादा शोर मचाओगी तो इज्जत उतार देंगे”।

रेड को खत्म करने के बाद पुलिस उसके भाई को उठा ले गयी। उसके परिवार को यह नहीं पता कि उसका भाई कहां है। बाद में जब वे नेहतौर पुलिस स्टेशन गए तो पुलिस ने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया।

बाद में स्क्रोल की टीम ने रविवार को जब पुलिस स्टेशन का दौरा किया तो उन्हें हिरासत में लिए गए दस लोगों की सूची में उसका भी नाम दिखा। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि उन सभी को जेल भेज दिया गया है।

आपको बता दें कि इसके पहले एक आडियो वायरल हुआ था जिसे बिजनौर के एसपी का आडियो बताया गया था। इसमें तमाम पुलिस वालों को आंदोलनकारियों के साथ सख्ती से निपटने का निर्देश दिया गया था। यहां तक कि किसी तरह की हीलाहवाली या फिर लचीलापन बरतने पर उल्टे संबंधित पुलिसकर्मियों को दंडित करने की धमकी दी गयी थी। और अब बिजनौर से सामने आ रही खबरें उसी के नतीजे के तौर पर देखी जा सकती हैं।

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