बलात्कार केस में समझौता करने पर मजबूर किए जाने के बाद दलित लड़की ने की आत्महत्या

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नई दिल्ली। योगीराज में पुलिस-प्रशासन अपराधियों को पकड़ कर कानून के हवाले करने के बजाए पीड़ितों के साथ समझौता कराकर अपराध संख्या कम करना चाहती है। लेकिन बाराबंकी में यह दांव उल्टा पड़ गया और इसकी कीमत एक नाबालिग लड़की को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। बाराबंकी जिले में एक 17 वर्षीय दलित लड़की ने गुरुवार को आत्महत्या कर लिया। क्योंकि पुलिस उसके परिजनों पर बलात्कार करने वाले आरोपी से समझौता करने का दबाव डाल रही थी। पुलिस ने उसके परिजनों को धमकी भी दी थी। मृतक लड़की के पड़ोसी के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज है। लेकिन पुलिस बार-बार लड़की के परिजनों को केस वापस लेने का दबाव बना रही थी।

अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि दलित समुदाय से आने वाले आरोपी को गुरुवार देर रात पुलिस ने पैर में गोली मार दी, जब उसे गांव के पास छुपाए गए एक बन्दूक को बरामद करने के लिए ले जाया गया था।

पीड़ित लड़की के आत्महत्या करने के बाद अब पुलिस-प्रशासन नींद से जागी है। आनन-फानन में विभागीय जांच शुरू की गई है और मामले में जांच अधिकारी उप-निरीक्षक योगेन्द्र सिंह को कथित ढिलाई के लिए निलंबित कर दिया गया है।

गुरुवार को 28 वर्षीय आरोपी के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया। लड़की की आत्महत्या के बाद दर्ज की गई शिकायत में, परिवार के एक सदस्य ने लिखा, “मेरी भतीजी की गुरुवार को आत्महत्या से मृत्यु हो गई। 17 जून को मेरे पड़ोसी के खिलाफ मेरी भतीजी के साथ बलात्कार करने का मामला दर्ज किया गया था। आरोपियों द्वारा उसे धमकी दी जा रही थी, जिसके कारण उसने आत्महत्या कर ली।”

परिवार ने आरोप लगाया है कि स्थानीय पुलिसकर्मियों ने उन पर बलात्कार के आरोपी व्यक्ति के साथ समझौता करने के लिए दबाव डाला। लड़की के चाचा ने कहा, “जब हम पुलिस स्टेशन गए तो उन्होंने एफआईआर लिखी और हमें शाम तक बैठाए रखा। मुझे नहीं पता कि उनके (पुलिसकर्मियों और आरोपियों के) बीच क्या हुआ… उन्होंने कहा कि यह आपकी लड़की के सम्मान का मामला है। और उन्होंने हम पर समझौता पर हस्ताक्षर करने का दबाव डाला।”

गुरुवार को बोलते हुए, लड़की की मां ने कहा, “आरोपियों ने मेरी बेटी को धमकी दी कि अगर वह वैसा नहीं करेगी जैसा वे कहते हैं, तो वे उसके साथ फिर से बलात्कार करेंगे और उसे अपमानित करेंगे, और वह कहीं भी अपना चेहरा दिखाने लायक नहीं रहेगी… हमने कई शिकायतें दर्ज कराईं लेकिन पुलिस ने उन्हें समझौता करने के लिए मजबूर किया। उन्होंने (आरोपियों ने) कहा था कि उन्हें कोई जेल नहीं भेज सकता। स्थानीय पुलिस स्टेशन में किसी ने हमारी बात नहीं सुनी तो हम बाराबंकी (जिला मुख्यालय) भी गए थे।”

बाराबंकी के एसपी दिनेश कुमार सिंह ने शुक्रवार को कहा कि 17 जून को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार) और 511 (आजीवन कारावास या अन्य कारावास से दंडनीय अपराध करने का प्रयास) के तहत मामला दर्ज किया गया था। “आगे की कार्रवाई की जा रही है। पीड़िता की मेडिकल जांच पहले ही हो चुकी थी और सीआरपीसी की धारा 164 के तहत बयान दर्ज किया जाना था। आरोपी को हिरासत में ले लिया गया और उससे पूछताछ की जा रही थी तभी जानकारी मिली कि पीड़िता ने आत्महत्या कर ली है।”’ “आरोपी की कुछ गतिविधियों के कारण नाबालिग लड़की ने आत्महत्या कर ली। यही हमें बताया गया है।”

इन आरोपों के बारे में पूछे जाने पर कि पुलिसकर्मियों द्वारा लड़की के परिवार पर समझौता करने का दबाव डाला गया और आरोपियों की गिरफ्तारी में देरी हुई, सिंह ने कहा कि यदि पुलिसकर्मियों की ओर से ढिलाई पाई गई तो उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। “कोई भी पुलिसकर्मी समझौता नहीं करवा सकता और न ही कराया जाता है। सभी पहलुओं की जांच की जाएगी।”

(जनचौक की रिपोर्ट।)

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