अबूझमाड़ के आदिवासियों का हल्ला बोल! पुलिस कैंप के विरोध में एकजुट हुए ग्रामीण

बस्तर। बस्तर में आदिवासियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। सिलगेर, एड्समेटा के बाद अब नारायणपुर जिले के आदिवासियों ने अबूझमाड़ इलाके में धरना प्रदर्शन किया है। इस विरोध प्रदर्शन के तहत नया पुलिस कैंप खोलने के विरोध में नारायणपुर जिले के ग्राम पंचायत मेटानार और अबूझमाड़ क्षेत्र के सैकड़ों ग्रामीणों ने ब्रेहबेड़ा गांव में एकजुट होकर रैली निकाली और सभा आयोजित की।

ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र, अस्पताल, डोर हॉस्पिटल जैसी बुनियादी सुविधाओं की जरूरत है लेकिन सरकार उनके इलाके में नया पुलिस कैंप खोल रही है। जो उनको नहीं चाहिए, इन आदिवासियों को डर है कि नया पुलिस कैंप खुलने पर पंचायत वासियों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। 

उन्होंने आशंका जताई है कि जंगलों में आजादी से घूमने को नहीं मिलेगा, आदिवासियों को उनके गावों में आकर सुरक्षा बलों के लोग मारपीट करेंगे। और झूठे मुकदमे में फंसा कर गिरफ्तार कर सकते हैं। इसके अलावा भी उन्होंने कहा कि धमकी देना, जंगलों में झूठे मुठभेड़ करना, बिना मतलब के केस डालकर सालों साल जेल में रखना। महिलाओं पर अत्याचार, उनका शोषण करना जैसी समस्या होगी। इसलिए कैंप का विरोध कर रहें हैं और विरोध करेंगे।

लेकिन सरकार और बस्तर पुलिस के आला अधिकारी इस विरोध प्रदर्शन को नक्सलियों द्वारा प्रायोजित बता रहे हैं। खासकर पुलिस यह कहती रही है कि बस्तर के गांव वालों को माओवादी भड़का कर जबरन सरकार विरोधी गतिविधियों में धकेल रहे हैं। 

(बस्तर से जनचौक संवाददाता तामेश्वर सिन्हा की रिपोर्ट।)

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