Friday, March 29, 2024
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    अरुण माहेश्वरी

    भारत में नये ‘अरब वसंत’ का संकेत है किसानों का यह आंदोलन

    दिल्ली पहुंचे किसान बुराड़ी नहीं गए, इसके बावजूद मोदी सरकार दो दिन पहले ही किसानों से वार्ता के लिए तैयार हो गई। बुराड़ी की खुली जेल में खुद ही घुस कर बंदी गुलामों के रूप में किसानों से हुजूर...

    अर्थ-व्यवस्था में मंदी के लिए ताली!

    चालू वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी में 23.9 प्रतिशत के संकुचन के बाद दूसरी तिमाही में उसमें और 7.5 प्रतिशत का संकुचन हो गया ; अर्थात् अर्थव्यवस्था का सिकुड़ना लगातार जारी है । पर मोदी के अर्थशास्त्री...

    बंगाल के चुनाव में पूरा होगा बिहार का अधूरा काम

    जो भी बिहार के चुनाव को मोदी की लोकप्रियता का प्रमाण मानता है, वैसे, कवि कैलाश वाजपेयी के शब्दों में, “चुका हुआ / नंगे पत्थर के आगे झुका हुआ/ औरों के वास्ते विपदाएं मांगता / नाली में पानी रुका...

    अपरिभाषेय राष्ट्रवाद की परिभाषा!

    जेएनयू के परिसर में सन् 2016 की सर्दियों में हुए राष्ट्रवाद पर भाषणों के संकलन, ‘What the nation really needs to know’ के बाद अभी हाल में अनामिका प्रकाशन से राष्ट्रवाद के बारे में लेखों का एक महत्वपूर्ण संकलन,...

    मोदी का आत्म-विनाश का कार्यक्रम अपने शिखर पर, भारत नहीं बना आरसीईपी का सदस्य

    मोदी का आत्म-निर्भर कैसे आत्म-विनाश का कार्यक्रम है, इसे विश्व अर्थ-व्यवस्था के एक तिहाई हिस्से का प्रतिनिधित्व करने वाले 15 देशों के बीच रीजनल कंप्रिहेंसिव इकोनोमिक पार्टनरशिप (आरसीईपी) वाणिज्य संधि में भारत के न शामिल होने से अच्छी तरह...

    कुणाल अवमानना मामला: बचाने की कोशिश में कहीं सरेआम नीलाम न हो जाए सुप्रीम कोर्ट की आबरू

    कहते हैं कि स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा पर अदालत की अवमानना के लिए सुप्रीम कोर्ट में मुक़दमा चलाया जाएगा - उस कोर्ट में जिसने चार दिन पहले अर्णब गोस्वामी के स्तर के बदमिजाज एंकर की स्वतंत्रता की रक्षा के...

    आरएसएस की जुबानी, आरएसएस की कहानी

    पत्रकार पुण्य प्रसून वाजपेयी की चंद रोज पहले ही किताब आई है- ‘आर.एस.एस. (संघ का सफर: 100 वर्ष)। पैंतीस छोटे-छोटे कहानियोंनुमा अध्यायों से बनी 206 पन्नों की किताब। संघ को विचारधारा का पर्याय मान कर राजनीति और विचारधारा के...

    अमेरिकी समाज के संकट के लाक्षणिक प्रतीक हैं ट्रम्प

    यह कहने में अब ज़रा भी संकोच नहीं रह गया है कि ट्रंप पराजित हो चुके हैं। अमेरिकी चुनाव प्रणाली की वजह मात्र से इसकी घोषणा में देर हो रही है, पर बची हुई मतगणना के रुझानों से साफ...

    अमेरिका के अस्तित्व की रक्षा के लिए ज़रूरी है ट्रम्प की हार

    ट्रम्प ने वास्तव में अमेरिकी जनतंत्र के सामने जिसे दर्शनशास्त्र की भाषा में हेगेलियन क्षण कहते हैं उसकी परिस्थिति पैदा कर दी है। ट्रम्प स्वतंत्रता की बात करते हैं, कहते हैं कि बाइदेन के आने से अमेरिकी समाज की...

    चीन पर नहीं है मोदी और संघ के बीच सहमति

    मोदी और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, दोनों ही पिछले दिनों अपने तमाम बयानों में चीन के साथ सुलह करने की बात पर अस्वाभाविक रूप में अतिरिक्त बल देते दिखाई पड़ रहे हैं। सारी दुनिया जानती है कि चीन की...

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    ग्रेट निकोबार द्वीप की प्राचीन जनजातियों के अस्तित्व पर संकट, द्वीप को सैन्य और व्यापार केंद्र में बदलने की योजना

    आज दुनिया भर में सरकारें और कॉर्पोरेट मुनाफ़े की होड़ में सदियों पुराने जंगलों को नष्ट कर रही हैं,...