Sunday, April 28, 2024

अरुण माहेश्वरी

‘हिज मास्टर्स वॉयस’ में बदल गया भागवत का संबोधन

यह सच है कि मोहन भागवत के विजया दशमी के कर्मकांडी भाषण का संघ के एक पूर्व कट्टरतावादी प्रचारक की सरकार के काल में भी कोई विशेष सांस्थानिक मायने नहीं है। यह किसी पिटे हुए मोहरे की जोर आजमाइश...

हिंदी टीवी ड्रामा के इतिहास में ‘मिर्ज़ापुर’ एक महत्वपूर्ण मोड़ का सूचक

कल एमेजन प्राइम पर बहुचर्चित टीवी ड्रामा ‘मिर्ज़ापुर।’ के दूसरे दौर की सारी कड़ियों को देखा। यूपी की राजनीति के शिखर-स्थान और हथियारों-नशीली दवाओं के व्यापार से जुड़े माफिया गिरोहों के बीच के रिश्तों और इनके घर-परिवार की बंद,...

पश्चिम बंगाल में बेहद दूरगामी है वाम और कांग्रेस की एकता

बंगाल में 2021 के चुनावी रण की बिसात पर वाम-कांग्रेस के गठजोड़ के साथ पहला बड़ा राजनीतिक कदम उठा लिया गया है। इन दोनों दलों ने चुनाव के अलावा अन्य संयुक्त कार्यक्रमों से भी इस गठजोड़ के आधार को...

गुरु गंभीर भाषा के दंश का शिकार ‘गंभीर आदमी’ !

कल मनु जोसेफ के पहले उपन्यास पर आधारित सुधीर मिश्रा की फिल्म, भारत सरकार के एक वैज्ञानिक आचार्या के अनुसूचित जाति के क्लर्क अय्यन मणि की कुंठाओं की त्रासदी की कहानी की फिल्म ‘सीरियस मेन’ देखी ।  अय्यन मणि तमिलनाडु...

आलोचना पत्रिका के बहानेः बाजार और जंगल के नियम में कोई फर्क नहीं होता!

पांच दिन पहले ‘आलोचना’ पत्रिका का 62वां (अक्तूबर-दिसंबर 2019) अंक मिला। कोई विशेषांक नहीं, एक सामान्य अंक। आज के काल में जब पत्रिकाओं के विशेषांकों का अर्थ होता है कोरा पिष्टपेषण, एक अधकचरी संपादित किताब, तब किसी भी साहित्यिक...

पतनशीलता की सड़ांध ही मोदी की नियति है!

मोदी के आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रह्मण्यन को जीडीपी में वृद्धि की -23.9 प्रतिशत दर में भी विक्ट्री का V चिन्ह दिखाई दे रहा है ! उनकी इस बात से साफ़ है कि सचमुच मोदी सरकार ग़ज़ब के सनकी धुरंधरों...

कोरोना काल के संकेतों को न समझने वाला नष्ट होने जाने के लिए अभिशप्त

आर्थिक नीतियों के बारे में प्रधानमंत्री के अब तक की तमाम ऐतिहासिक लफ़्फ़ाज़ियों के परे वित्तमंत्री और रिज़र्व बैंक के गवर्नर के नृत्यों की जुगल जोड़ी सचमुच अब अश्लीलता की हद तक असहनीय होती जा रही है ।  इस पूरी...

माहेश्वरी का मतः राम मंदिर का शिलान्यास राज्य की धार्मिक निष्ठा की शक्ति का नग्न प्रदर्शन

आज सभ्यता के सबसे बड़े संकट के काल में भारत में राम जन्मभूमि मंदिर के शिलान्यास का जो भव्य आडंबरपूर्ण कार्यक्रम संपन्न हुआ वह भारतीय राज्य की धार्मिक निष्ठा की शक्ति का नग्न प्रदर्शन था। जिस काल में राज्य...

माहेश्वरी का मत: सभ्यता के संकट के तौर पर सामने आया कोरोना समाजों की संरचना पर करता है फिर से विचार की मांग

सात महीने बीत रहे हैं, पर सच यही है कि कोरोना आज भी एक रहस्य ही बना हुआ है । यह सारी दुनिया में फैल चुका है, कुछ देशों ने इसके नियंत्रण में भारी सफलता पाई है तो कुछ...

भारत में गूगल का निवेश : भारत की सार्वभौमिकता में अमेरिकी सेंध की अनुमति

गूगल एंड अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचई ने भारत में 75 हज़ार करोड़ के निवेश की जो घोषणा की है, वह महज़ इसीलिये संदेहास्पद हो जाती है क्योंकि इसे प्रधानमंत्री मोदी से बात करने के बाद किया गया है।...

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सलमान सोज और अमिताभ दुबे का लेख: कांग्रेस एक ज्यादा न्यायपूर्ण समाज बनाना चाहती है

कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र ने भारत में बढ़ती जा रही गैर-बराबरी पर एक महत्वपूर्ण बहस छेड़ दी है। चूंकि...