Saturday, April 20, 2024

अरुण माहेश्वरी

राम जन्मभूमि पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की व्याख्या संविधान से इंकार के अलावा और कुछ नहीं

आज के टेलिग्राफ में राम मंदिर के प्रसंग में हिलाल अहमद का एक लेख है — राम मंदिर : एक वैकल्पिक परिप्रेक्ष्य ; एक भिन्न दृष्टि (Ram temple : an alternative perspective; A different reading) ।  हिलाल अहमद ने इस...

क्या यह हिटलर के इतिहास के पन्ने को ही दोहराने की तैयारी नहीं है?

नाजी जर्मनी के इतिहास से सबक़ लेने पर इस विषय में किसी को कोई संदेह नहीं रहना चाहिए कि 2024 में यदि मोदी फिर से जीत जाते हैं तो विपक्ष के कितने भी सांसद क्यों न चुने जाएं, सबको...

संवैधानिक इतिहास में हमारे वर्तमान सीजेआई का कहां रहेगा स्थान?

धारा 370 और इससे जुड़े अन्य प्रसंगों पर राय देते हुए सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ ने 3:2 के फ़ैसले में कहा है कि धारा 370 एक अस्थायी प्रावधान था और जम्मू-कश्मीर की अपनी खुद की...

पांच राज्यों के चुनाव परिणाम और भविष्य की राजनीति के संकेतों पर एक नज़र

भारत को अगर कोई हिटलर की तर्ज़ के हत्यारे फासीवाद से बचाना चाहता है तो उसके सामने एक ही विकल्प शेष रह गया है-कांग्रेस और इंडिया गठबंधन की विजय को सुनिश्चित करना। इस मामले में केरल की तरह के...

अमेरिका के न्याय विभाग द्वारा जारी तथ्य, हत्यारों का गुजरात कनेक्शन!

जिस हत्यारे ने कनाडा में खालिस्तान आंदोलन के नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की, वही अमेरिका में खालिस्तान आंदोलन के नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साज़िश कर रहा था। और सबसे अधिक चौंकाने वाली बात यह...

रेवड़ियां और उनकी राजनीतिक महत्ता

क्रांतिकारी वामपंथी राजनीति में बहस का यह एक पुराना विषय रहा है कि जब किसी विश्व परिस्थिति में क्रांति का पुराना रूप संभव न दिखाई देता हो, जिसमें वर्गीय शोषण के सभी रूपों का अंत करके सर्वहारा की तानाशाही...

दुनिया के अनेक राष्ट्राध्यक्षों के विनयी सेवक बने पीएम मोदी

अघटन ऐसा कोई आसन्न विध्वंस नहीं होता, जिससे हम सही रणनीति बना कर अपने को बचा सकते हैं। अघटन अपने तात्त्विक अर्थ में हमारे जीवन में पहले से ही घटित सत्य है, और हमारा अस्तित्व उससे बचे हुए लोग,...

फासीवाद के कैंसर के खिलाफ संघर्ष में विपक्ष की बहुलतापूर्ण एकता और राहुल गांधी

सोमवार से बंगलुरू में विपक्ष की दो दिनों की बैठक शुरू होगी। इस बैठक की राजनीतिक पृष्ठभूमि और अहमियत की हम दो दिन पहले ही चर्चा कर चुके हैं। 2024 का चुनाव भारत में जनतंत्र और फासीवाद, दोनों के...

जनतंत्र और फासीवाद दोनों के लिए जीवन-मृत्यु का प्रश्न है 2024 का चुनाव

विपक्ष की बंगलुरू बैठक की पृष्ठभूमि में वर्तमान राजनीति की यह मूलभूत समझ है कि भारत में फासीवाद के उग्रतम रूप का ख़तरा साफ़ तौर पर मंडराने लगा है।  अगर इतने सारे विपक्षी दलों के एक साथ मिलने के पीछे...

कर्नाटक का संदेश: जनतंत्र और आरएसएस लंबे काल तक साथ-साथ नहीं चल सकते

अन्ततः कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री की घोषणा के साथ ही, कह सकते हैं कि कर्नाटक का चुनाव संपन्न हुआ। विजयी कांग्रेस दल के विधायकों की पहली पसंद सिद्दारमैया फिर से एक बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री होंगे और इस शानदार...

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अपरेंटिसशिप गारंटी योजना भारतीय युवाओं के लिए वाकई गेम-चेंजर साबित होने जा रही है

भारत में पिछले चार दशकों से उठाए जा रहे मुद्दों में बेरोजगारी 2024 में प्रमुख समस्या के रूप में सबकी नजरों में है। विपक्षी दल कांग्रेस युवाओं के रोजगार पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, वहीं भाजपा के संकल्प पत्र में ठोस नीतिगत घोषणाएँ नहीं हैं। कांग्रेस हर शिक्षित बेरोजगार युवा को एक वर्ष की अपरेंटिसशिप और 1 लाख रूपये प्रदान करने का प्रस्ताव रख रही है।