आज दिलीप कुमार नहीं रहे।
उनका न रहना हमारे सिनेमा के किसी युग का अंत नहीं, बल्कि किसी विध्वंस से इसकी गंगोत्री के अपनी जगह से हट जाना है।
दिलीप कुमार से शुरू हुई धारा हमारे सिनेमा मात्र के सनातन समय...
जो अपने विषाद के क्षण में कहते पाए जाते हैं कि ‘भारत बदल गया है’, वे हमारे जीवन के यथार्थ के विश्लेषण में बड़ी चूक करते हैं ।सच यह है कि भारत नहीं, भारत का शासन बदल गया है...
वीरेन्द्र यादव की फेसबुक वॉल पर जाति और वर्ग के बारे में डा. लोहिया के विचार के एक उद्धरण* के संदर्भ में : जाति हो या वर्ग, दोनों ही सामाजिक संरचना की प्रतीकात्मक श्रेणियाँ (Symbolic categories) हैं। भले कभी...
सच कहा जाए तो बंगाल के चुनाव के साथ ही भारत की राजनीति का पट-परिवर्तन हो चुका है। दार्शनिकों की भाषा में जिसे संक्रमण का बिंदु, event कहते हैं, जो किसी आकस्मिक अघटन की तरह प्रकट हो कर अचानक...
सीपीआईएम के अभी के छद्म सिद्धांतकारों ने पश्चिम बंगाल में अपना काम कर दिया है। राज्य में सीपीआईएम की संभावनाओं तक को जैसे हमेशा के लिए दफ़्न कर दिया है। सीपीआईएम के ये सिद्धांतकार एक लंबे अर्से से द्वंद्वात्मकता...
आज कोरोना के डरावने मंजर को देखते हुए पूरी मोदी सरकार का बंगाल में डेरा डाल कर बैठे रहना, या जब भारत में संक्रमण की दर ने सारी दुनिया के लोगों को चिंतित कर दिया है, तब मोदी का...
बीजेपी को 2019 के लोकसभा चुनाव में बंगाल में 40 प्रतिशत मत मिले थे। वह 2016 के विधान सभा चुनाव में बीजेपी के 10.2 प्रतिशत मतों से एक लंबी छलांग थी। लेकिन टीएमसी के 43 प्रतिशत मत प्राय: स्थिर...
बंगाल में वामपंथी प्रचार के पोस्टरों की यह एक अनोखी सिरीज़ है जिसे लाखों की संख्या में गाँव-शहर के कोने-कोने में लगा हुआ देखा जा सकता है। बवासीर के इलाज या गुप्त रोग के डाक्टर या वशीकरण मंत्र की...
आज ‘द वायर’ पर एक कथित राजनीतिक विश्लेषक डॉ. सज्जन कुमार का बंगाल के चुनाव की परिस्थिति का विश्लेषण सुन रहा था। उनका कहना था कि उन्होंने पिछले दिसंबर महीने में बंगाल की सभी 294 सीटों, अर्थात् बंगाल के...
कल (28 फरवरी को) कोलकाता के विशाल ब्रिगेड परेड ग्राउंड में वाम-कांग्रेस-एएसएफ की चुनावी सभा है। यह वाम-कांग्रेस के चुनावी रण में उतरने की दुंदुभी बजाने वाली सभा है। अभी के चुनावी समीकरण को देखते हुए मीडिया में भले...