Tuesday, April 23, 2024

अरुण माहेश्वरी

बंगाल में वैचारिक-राजनीतिक विपन्नता सीपीएम के लिए पड़ रही है भारी

ऐसा लगता है कि जैसे बंगाल में सीपीआई(एम) अपना सब कुछ लुटा कर अब होश में आने की तरह की अपनी एक करुण दशा का परिचय दे रही है। उसमें स्वाभाविक तौर पर एक आत्मालोचना का सिलसिला शुरू हुआ...

नब्बेवें जन्मदिन से पूर्व : रोमिला थापर प्राचीन भारतीय अध्ययन की साम्राज्ञी

तीन महीने बाद, 30 नवंबर के दिन भारत की अद्वितीय इतिहासकार रोमिला थापर नब्बे की उम्र में प्रवेश करेंगी। उनके नब्बेवें जन्मदिन की अगुवाई में गोपालकृष्ण गांधी का आज के ‘टेलिग्राफ’ का लेख  ‘प्राचीन भारतीय अध्ययन की साम्राज्ञी: इतिहास...

प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलबाजियां और उसके निहितार्थ

प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने की चर्चा गर्म है। कोई नहीं जानता कि सचमुच ऐसा होगा। इस संशय के पीछे प्रशान्त किशोर का अपना इतिहास ही एक बड़ा कारण है। अब तक वे कई पार्टियों के चुनाव...

दिलीप कुमार सिनेमा के ध्रुवतारे की तरह हमारे सांस्कृतिक जगत के आकाश में हमेशा चमकते रहेंगे

आज दिलीप कुमार नहीं रहे। उनका न रहना हमारे सिनेमा के किसी युग का अंत नहीं, बल्कि किसी विध्वंस से इसकी गंगोत्री के अपनी जगह से हट जाना है। दिलीप कुमार से शुरू हुई धारा हमारे सिनेमा मात्र के सनातन समय...

भारत में नहीं हो पाएगा किसी हिटलर का उदय

जो अपने विषाद के क्षण में कहते पाए जाते हैं कि ‘भारत बदल गया है’, वे हमारे जीवन के यथार्थ के विश्लेषण में बड़ी चूक करते हैं ।सच यह है कि भारत नहीं, भारत का शासन बदल गया है...

वर्ग और जाति के बीच की केमेस्ट्री

वीरेन्द्र यादव की फेसबुक वॉल पर जाति और वर्ग के बारे में डा. लोहिया के विचार के एक उद्धरण* के संदर्भ में : जाति हो या वर्ग, दोनों ही सामाजिक संरचना की प्रतीकात्मक श्रेणियाँ (Symbolic categories) हैं। भले कभी...

बंगाल ने लगा दी है मोदी काल के अंत पर अपनी मुहर

सच कहा जाए तो बंगाल के चुनाव के साथ ही भारत की राजनीति का पट-परिवर्तन हो चुका है। दार्शनिकों की भाषा में जिसे संक्रमण का बिंदु, event कहते हैं, जो किसी आकस्मिक अघटन की तरह प्रकट हो कर अचानक...

क्या बंगाल में सीपीएम अवसादग्रस्त व्यक्ति की फ्रायडीय मृत्यु प्रेरणा के दुश्चक्र में फंस गई?

सीपीआईएम के अभी के छद्म सिद्धांतकारों ने पश्चिम बंगाल में अपना काम कर दिया है। राज्य में सीपीआईएम की संभावनाओं तक को जैसे हमेशा के लिए दफ़्न कर दिया है। सीपीआईएम के ये सिद्धांतकार एक लंबे अर्से से द्वंद्वात्मकता...

कोरोना के प्रति मोदी के ग़ैर-ज़िम्मेदाराना रुख़ के मूल में संघ की फ़ासिस्ट विचारधारा है

आज कोरोना के डरावने मंजर को देखते हुए पूरी मोदी सरकार का बंगाल में डेरा डाल कर बैठे रहना, या जब भारत में संक्रमण की दर ने सारी दुनिया के लोगों को चिंतित कर दिया है, तब मोदी का...

अतिश्योक्तियों से भरा है बंगाल में बीजेपी को लेकर प्रशांत किशोर का आकलन

बीजेपी को 2019 के लोकसभा चुनाव में बंगाल में 40 प्रतिशत मत मिले थे। वह 2016 के विधान सभा चुनाव में बीजेपी के 10.2 प्रतिशत मतों से एक लंबी छलांग थी। लेकिन टीएमसी के 43 प्रतिशत मत प्राय: स्थिर...

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