….. उसके कदमों की तरफ देख किधर जाते हैं !

पिछले सप्तम सुर तक जा पहुंचे रौद्र रस में जारी भागवत कथा के बीच अचानक से कोमल सुर लग गया।…

संविधान पर बहस; बोले तो बहुत मगर बताने के लिए कम छुपाने के लिए ज्यादा बोले  

संविधान पर हुई बहस में प्रधानमंत्री मोदी लगभग दो घंटा बोले मगर ठीक वही बात नहीं बोले जो बोलनी थी।…

बाबरी से मुरादाबाद वाया रतलाम बाड़ाबंदी का अभियान

हादसे वक्त के गुजरने के साथ अपने आप बेअसर नहीं होते, जख्म खुद-ब-खुद नहीं भरते। इसका उलट जरूर होता है,…

पुचकारने से नहीं मानते भेड़िये

देर आयद की कहावत के पहले दो शब्दों को व्यवहार में उतारते हुए आखिरकार देश की सबसे बड़ी अदालत ने…

कहीं पे निगाहें, कहीं पे निशाना साधते; सीकरी के असाधु और असंत

कुनबे की हड़बड़ी कुछ ज्यादा ही बढ़ी दिख रही है; उन्मादी ध्रुवीकरण को तेज से तेजतर और उसके तरीकों को…

जचगी व्हाइट हाउस में उधर और सोहर का शोर इधर

इस बार 5 नवम्बर को सभी को चौंकाते हुए, जो आदमी, अमरीका के राष्टपति का चुनाव जीता है वह निर्लज्ज…

ध्वंस और अमानवीकरण की महापरियोजना

देश और दुनिया में जो अघट घट रहा है उसे एक आयामी रूप में मतलब जैसा है सिर्फ वैसा, जितना…

देश की एकता पर लपकते शिखा से पादुका तक पैने होते नाखून

जाति जनगणना के सवाल पर मनु-जायों का कुनबा बिलबिलाया हुआ है । न उगलते बन रहा है न निगलते !!…

राम रहीम के बाद लारेंस बिश्नोई: भाजपा के नए आराध्य, संघियों के नए ‘पां-पां’

जैसे कोई खिलाड़ी किसी बड़े मुकाबले को जीतकर आने के बाद अपनी ट्रॉफी दिखाते हुए खुशी और संतुष्टि के साथ मीडिया…

कासगंज की रामलीला में शम्बूक का आत्मवध

शम्बूक को लेकर अनेक रामकथाओं में दर्ज प्रसंग से रूप में थोड़ा अलग किन्तु सार में यथावत पूर्ववत मंचन उत्तर…