हर्ष मंदर का लेख : चुनावी नतीजों से उपजा आशावाद बुझने लगा, बुलडोजर लौटे, अल्पसंख्यकों पर नफरती हमले बढ़े
2014 से नरेंद्र मोदी के नेतृत्व के 10 वर्षों में भारत लगातार नफरत और भय के गणतंत्र में बदला। लिंचिंग, नरसंहार उकसाने वाले नफरती बयान [more…]
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पोलैंड से होलोकास्ट सर्वाइवर एब फॉक्समैन ने कहा था, “ऑस्चविट्स में गैस चैम्बर और शवदाहगृह ईंटों से नहीं शब्दों से शुरू हुए थे… बुरे शब्दों, [more…]
भारतीय गणराज्य के सफ़र में कुछ राष्ट्रीय चुनाव मील के पत्थर साबित हुए हैं। आज़ाद भारत के 1951-52 के पहले चुनावों ने व्यापक तौर पर [more…]
भारतीय आम चुनाव के रूप में देश में विश्व का सबसे बड़ा लोकतान्त्रिक मुकाबला होने जा रहे हैं। भारतीय गणतंत्र के अब तक के सफर [more…]
खूबसूरत पहाड़ियों का राज्य उत्तराखंड आज नफरत और भय में सुलग रहा है। धार्मिक सद्भावना की अपनी सदियों पुरानी परंपरा उलटकर, राज्य तेजी से बहुलतावादी [more…]
12 वीं सदी के कवि, दार्शनिक बसावा ने लिखा था: अमीर शिव के लिए बनाएंगे एक मंदिर। मैं, एक गरीब आदमी, क्या कर सकता हूँ? [more…]