‘मत कहो आकाश में कोहरा घना है, यह किसी की व्यक्तिगत आलोचना है’
‘मत कहो आकाश में कोहरा घना है, यह किसी की व्यक्तिगत आलोचना है’। हिन्दी के अपने वक्त के बेहद लोकप्रिय कवि-कथाकार स्मृतिशेष दुष्यंत कुमार {27 [more…]
‘मत कहो आकाश में कोहरा घना है, यह किसी की व्यक्तिगत आलोचना है’। हिन्दी के अपने वक्त के बेहद लोकप्रिय कवि-कथाकार स्मृतिशेष दुष्यंत कुमार {27 [more…]
बस्ती के सभी लोग हैं ऊंची उड़ान पै, किसकी निगाह जायेगी जलते मकान पै? अवध के जनप्रतिबद्ध शायर मरहूम चन्द्रमणि त्रिपाठी ‘सहनशील’ द्वारा कोई तीन [more…]
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 2015 में 22 जनवरी को दिया गया ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का नारा अब सात साल पुराना हो चुका है। उनकी [more…]
अब उत्तर प्रदेश में जंगल राज की चर्चा नहीं होती। इसका एक कारण तो यह है कि अपने खास चरित्र के बन्दी मीडिया ने 2017 [more…]
किसी शायर ने क्या खूब कहा है: मंजिल मिले, मिले, न मिले, कोई गम नहीं, मंजिल की जुस्तजू में मेरा कारवां तो है। हिन्दी के [more…]
किसी शायर ने क्या खूब कहा है: मंजिल मिले, मिले, न मिले, कोई गम नहीं, मंजिल की जुस्तजू में मेरा कारवां तो है। हिन्दी के [more…]
कांग्रेस द्वारा गत रविवार को राजधानी दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में की गई हल्ला बोल रैली को नरेन्द्र मोदी सरकार की रीति-नीति के खिलाफ [more…]
देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस को अभी कुल मिलाकर पखवाड़ा भर ही बीता है। इसलिए पाठकों को याद होगा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उस दिन [more…]
पिछले दिनों भारत में जनस्वास्थ्य से खिलवाड़ की दो बड़ी खबरें सामने आईं। पहली यह कि स्वामी रामदेव की नामी-गिरामी कंपनी पतंजलि आयुर्वेद (जो अपने को [more…]
गत सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपना नौवां स्वतंत्रता दिवस संदेश देने के लिए लाल किले की प्राचीर पर पहुंचे तो शायद ही कोई देशवासी [more…]