अंग्रेजी के प्रख्यात कवि एवं नाटककार विलियम शेक्सपियर भले ही कह गये हों कि नाम में क्या रखा है, गुलाब को चाहे जिस नाम से पुकारा जाये, वह गुलाब ही रहता है और उनके अलविदा कह जाने के चार...
पिछले दिनों उत्तराखंड में हरिद्वार स्थित देव संस्कृति विश्वविद्यालय में दक्षिण एशियाई शांति एवं सुलह संस्थान का उद्घाटन करते हुए उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने यह सवाल पूछकर देशवासियों के बड़े हिस्से को बुरी तरह चौंका डाला कि भगवाकरण...
पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश समेत चार राज्यों में शानदार वापसी के फलस्वरूप भारतीय जनता पार्टी के बल्लियों उछलते हौसले की बाबत ढेर सारी बातें कही जा चुकी हैं। इसलिए कुछ बातें समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय लोकदल,...
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विरुद्ध यह गंभीर आरोप एक बार फिर दोहराया है कि वे देश को राजा की तरह चलाने लगे हैं। पिछले दिनों लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चल रही चर्चा...
उत्तर प्रदेश में जब भी चुनाव आते हैं, वे लोकसभा के हों, विधानसभा के या फिर नगर निकायों और पंचायतों के ही क्यों न हों, उन्हें जातियों व धर्मों के युद्धों में बदलने की कोशिशें खासी तेज हो जाती...
मरो भूख से, फौरन आ धमकेगा थानेदार/लिखवा लेगा घरवालों से-’वह तो था बीमार’/अगर भूख की बातों से तुम कर न सके इंकार/फिर तो खायेंगे घर वाले हाकिम की फटकार/ले भागेगी जीप लाश को सात समुन्दर पार/अंग-अंग की चीर-फाड़ होगी...
मंत्री केन्द्र के हों या राज्यों के, पत्रकारों के सारे सवालों के जवाब नहीं देते। अप्रिय, असुविधाजनक अथवा गैरजरूरी लगने पर ‘नो कमेंट’ कहकर आगे बढ़ लेते हैं। गत बुधवार को लखीमपुर खीरी में पत्रकारों के सवालों से चिढ़कर...
हिन्दी के तीसरे सप्तक के महत्वपूर्ण कवियों में से एक सर्वेश्वरदयाल सक्सेना, जिनकी कविताओं को उनकी असाधारण साधारणता के लिए जाना जाता है और जो कवि के तौर पर देश के जनसाधारण से इस हद तक सम्बद्ध थे कि...
निस्संदेह, यह ऐसा समय है जब उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को शर्म महसूस करनी चाहिए कि प्रदेश में रामराज्य ला देने के उसके दावे एक के बाद एक हवा में उड़ते जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी...
अकारण नहीं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भीतर का सपनों का सौदागर एक बार फिर जाग उठा है। 2014 में उनके भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बनने के बाद से ही यह परम्परा-सी बन गई है...