पं. जवाहरलाल नेहरू की यादों के साथ इधर एक बडी विडम्बना जुड़ गई है। जब भी उनकी बात चलती है, उनके बडे योगदानों, बड़ी उपलब्धियों और बड़ी विफलताओं के हवाले हो जाती है और वे छोटे प्रसंग अचर्चित रह...
बीती शताब्दी के नवें दशक की बात है। ‘पढ़ाई-लिखाई’ खत्मकर बेरोजगार घूम रहा था और कई मीडिया संस्थानों में खासा बढ़िया इंटरव्यू देने के बावजूद हाथ लगी निराशा ने मनोबल को बुरी तरह तोड़ रखा था। इसलिए अयोध्या (उन...
वर्ष 1857 में वह दस मई, दिन रविवार का था। उस रोज जब हमारे देश ने अंग्रेजों की ईस्ट इंडिया कम्पनी की गुलामी के विरुद्ध अपने पहले स्वतंत्रता संग्राम का आगाज किया। इस आगाज की अगुवाई देश की राजधानी...
पूंजीवाद की जय और साम्यवाद की पराजय के उद्घोष के इस दौर में वैज्ञानिक समाजवाद के प्रणेता दार्शनिक, अर्थशास्त्री, समाजविज्ञानी और पत्रकार कार्ल मार्क्स {1818 में जिनका जर्मनी में आज के ही दिन जन्म हुआ} की यादें एक बडी...
मई दिवस। अमेरिका के छब्बीसवें राष्ट्रपति थियोडोर रूजवेल्ट (जो 1906 का शांति का नोबेल जीतकर यह पुरस्कार पाने वाले पहले अमेरिकी भी बने थे) ने 1903 में मजदूर दिवस के अपने बहुचर्चित सम्बोधन में मजदूरों के लिहाज से बेहद...
हमारे बचपन में साइकिलों को छोड़ दीजिए तो इस गांव में बैलगाड़ियां, इक्के और तांगे ही हुआ करते थे या फिर रिक्शे। टेढ़ी-मेढ़ी और ऊबड़-खाबड़ कच्ची सड़क पर लोग इन्हीं साधनों से जैसे-तैसे आते-जाते। यह जो चमाचम सड़क देख...
कोई पूछे कि खड़ी बोली में रचा गया हिन्दी का पहला महाकाव्य कौन-सा है, तो हिंदी साहित्य के सामान्य जानकार को भी ‘प्रिय प्रवास’ का नाम लेते देर नहीं लगती। आलोचक कहते हैं कि सत्रह सर्गों में विभाजित इस...
राहुल सांकृत्यायन, जिन्हें हम आज 14 अप्रैल को उनकी पुण्यतिथि पर याद कर रहे हैं, अपने वक्त में ही ‘भारत के ह्वेनसांग’ बन गये थे और न सिर्फ यह देश बल्कि दुनिया उन्हें ‘महापंडित’ के रूप में जानने, इतिहास,...
हिन्दी के मशहूर कवि सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की एक बहुचर्चित और विचारोत्तेजक कविता है-‘देश कागज पर बना नक्शा नहीं होता’। जिन बेहद गम्भीर आशयों के सिलसिले में उन्होंने देश को लेकर यह व्यवस्था दी है, यहां उनके विश्लेषण का...
‘मत कहो आकाश में कोहरा घना है, यह किसी की व्यक्तिगत आलोचना है’। हिन्दी के अपने वक्त के बेहद लोकप्रिय कवि-कथाकार स्मृतिशेष दुष्यंत कुमार {27 सितम्बर, 1931-30 दिसम्बर, 1975} ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की अहमन्यता कहें या तानाशाही-प्रवृत्ति...