Monday, June 5, 2023

जयप्रकाश नारायण

फासीवाद का विरोध: लोकतंत्र ‌के मोर्चे पर औरतें

दबे पांव अंधेरा आ रहा था। मुल्क के सियासतदां और जम्हूरियत के झंडाबरदार अंधेरे की शनै: शनै: हो रहे विस्तार को देख रहे थे। हमारी जम्हूरियत विश्व फासीवाद के विध्वंसकारी अवसान की डरावनी स्मृतियों के बीच ही आकार ले...

जलता मणिपुर: असली मुजरिम कौन है?

मणिपुर, चीन से सटी पहाड़ियों-घाटियों और मैदानों के बीच बसे 160 से ज्यादा जनजातियों वाले पूर्वोत्तर के सबसे खूबसूरत दर्शनीय भू-भाग में से एक है। जल समृद्ध नदियों के जाल और प्राकृतिक संपदा से भरपूर इलाके पर लंबे समय से किसी...

मोदी सरकार के 9 साल: भारत नहीं रहा धर्मनिरपेक्ष-संवैधानिक गणतंत्र!

मोदी सरकार के 9 साल में भारत की जनता और लोकतंत्र ने क्या-क्या हासिल किया है और क्या खोया है। इसकी शिनाख्त करना आज वक्त की जरूरत है। आज जब मन की बात के सौवें संस्करण की प्रस्तुति को...

नवरात्रि और रामनवमी का भाजपाई संदेश

ज्ञान, सभ्यता, लोक स्मृति, लोकतंत्र के विरुद्ध युद्ध-नवरात्र के आठवें दिन मैं कुछ मित्रों के साथ बैठा था। आपस में बात हो रही थी कि इस वर्ष 2022 की तरह से संघ के उन्मादी समूहों द्वारा जनता पर नए-नए सामाजिक-धार्मिक-सांस्कृतिक...

हिंदुत्व-कॉरपोरेट गठजोड़ का सामाजिक-आर्थिक एजेंडा

पिछले कुछ वर्षों में अडानी परिवार का आर्थिक साम्राज्य जिस तेज गति से बढ़ा है। उसे सही तरह से विश्लेषित करना आर्थिक-राजनीतिक विश्लेषकों के लिए एक पहेली है। अर्थशास्त्र के सभी नियमों को झुठलाते हुए इतिहास के सबसे विध्वंसक...

सत्ता के कंधे पर सवार ‘धनतंत्र’ और ‘धर्मतंत्र’ का लोकतांत्रिक चेतना पर हमला

इस समय भाजपा की केंद्र और यूपी सरकार में होड़ चल रही है कि हिंदुत्व का चैंपियन कौन बनेगा। इस होड़ ने लोकतंत्र की बुनियाद को हिला दिया है। हजारों तरीकों से लोकतंत्र के बारीक से बारीक तंतुओं पर...

पंजाब में हिंदुत्व और हारे राजनेताओं के षडयंत्र से बिगड़ा माहौल

पंजाब इस समय तनाव के दौर से गुजर रहा है। सूबे में आम आदमी पार्टी की सरकार और भगवंत मान के मुख्यमंत्री बनने को अब भी वहां की सामाजिक-राजनीतिक शक्तियां स्वीकार नहीं कर पा रही हैं। कारण साफ है...

पुण्यतिथि पर विशेष: हत्यारों को आज भी सता रहा है बापू का भूत

समय के साथ विराट होता जा रहा है दुबले-पतले मानव का व्यक्तित्व। नश्वर शरीर से मुक्त गांधी भी हिंदुत्व का पीछा नहीं छोड़ रहे हैं। राज्य की दानवी ताकत पर बैठा, तोप, टैंकर, बंदूक, युद्धक और मानव संहारक विमानों...

नेताजी सुभाष चन्द्र बोस समाजवादी थे, दक्षिणपंथी नहीं

बात 1984 के सितंबर की है। इंडियन पीपुल्स फ्रंट का दूसरा राष्ट्रीय सम्मेलन कोलकाता में होना तय हुआ था। सम्मेलन की तैयारी चल रही थी। नेशनल कमेटी की मीटिंग में तय हुआ था कि हमें स्वतंत्रता आंदोलन के बड़े...

ब्राजील में लूला की जीत:अमेरिकी साम्राज्यवाद से लैटिन अमेरिकी जनता के आजाद होने की छटपटाहट

लैटिन अमेरिका के सबसे बड़े मुल्क ब्राजील में 1 जनवरी को राष्ट्रपति के रूप में लूला डिसिल्वा ने शपथ ली। उनकी विजय सैन्य पृष्ठभूमि वाले तानाशाह जायर बोलसोनारो को हराकर संभव हो सकी। जो ब्राजील के लिए दु:स्वप्न बन चुके...

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