हमने 2014 में लोकसभा के चुनाव के समय विकास की आसमानी बरसात देखी थी। जिसमें देश के नागरिकों का मानस डूब गया था, और अब 9 वर्ष बाद हम विकास का सैलाब देख रहे हैं। जिसने पश्चिम-उत्तर भारत के...
महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल आया हुआ है। मेरा मानना है कि नहीं राजनीतिक संगठन जिस जमीन पर खड़े थे वह जमीन धंस रही है। जिसमें शिवसेना के बाद अब एनसीपी का एक हिस्सा डूब गया है। कभी शरद...
जलता मणिपुर, उत्तराखंड में फर्जी मुद्दे खड़ा कर मुसलमान विरोधी अभियान, देवभूमि खाली करो पोस्टर तथा गुजरात के जूनागढ़ में दरगाह को तोड़ने के साथ मध्य प्रदेश में सरकार द्वारा मुसलमानों की सम्पत्ति को बुलडोज करने की घटनाएं भारत...
भारत में आरएसएस पोषित डबल डेकर सरकार ने मुल्क को ऐसे जगह पहुंचा दिया है जहां सभी लोकतांत्रिक-प्रगतिशील-धर्मनिरपेक्ष ताकतों की एकता ऐतिहासिक जरूरत बन गई। आज जो हालात बना दिए गए उसे अगर लोकतंत्र के संदर्भ में देखें तो हम...
दबे पांव अंधेरा आ रहा था। मुल्क के सियासतदां और जम्हूरियत के झंडाबरदार अंधेरे की शनै: शनै: हो रहे विस्तार को देख रहे थे। हमारी जम्हूरियत विश्व फासीवाद के विध्वंसकारी अवसान की डरावनी स्मृतियों के बीच ही आकार ले...
मणिपुर, चीन से सटी पहाड़ियों-घाटियों और मैदानों के बीच बसे 160 से ज्यादा जनजातियों वाले पूर्वोत्तर के सबसे खूबसूरत दर्शनीय भू-भाग में से एक है। जल समृद्ध नदियों के जाल और प्राकृतिक संपदा से भरपूर इलाके पर लंबे समय से किसी...
मोदी सरकार के 9 साल में भारत की जनता और लोकतंत्र ने क्या-क्या हासिल किया है और क्या खोया है। इसकी शिनाख्त करना आज वक्त की जरूरत है। आज जब मन की बात के सौवें संस्करण की प्रस्तुति को...
ज्ञान, सभ्यता, लोक स्मृति, लोकतंत्र के विरुद्ध युद्ध-नवरात्र के आठवें दिन मैं कुछ मित्रों के साथ बैठा था। आपस में बात हो रही थी कि इस वर्ष 2022 की तरह से संघ के उन्मादी समूहों द्वारा जनता पर नए-नए सामाजिक-धार्मिक-सांस्कृतिक...
पिछले कुछ वर्षों में अडानी परिवार का आर्थिक साम्राज्य जिस तेज गति से बढ़ा है। उसे सही तरह से विश्लेषित करना आर्थिक-राजनीतिक विश्लेषकों के लिए एक पहेली है। अर्थशास्त्र के सभी नियमों को झुठलाते हुए इतिहास के सबसे विध्वंसक...
इस समय भाजपा की केंद्र और यूपी सरकार में होड़ चल रही है कि हिंदुत्व का चैंपियन कौन बनेगा। इस होड़ ने लोकतंत्र की बुनियाद को हिला दिया है। हजारों तरीकों से लोकतंत्र के बारीक से बारीक तंतुओं पर...