भारत में जाति को लेकर मुख्य समझ एक सांस्कृतिक परिघटना के रूप में जाति के विचार पर केंद्रित रही है। जाति और व्यापक सामाजिक न्याय की मांग करने वाली राजनीति का मजाक उड़ाते हुए 'पहचान की राजनीति' बताया जाता...
मैं इन बातों को लिखने की सोच रहा हूं क्योंकि हर दिन आपके और आपके प्रिय विचारों के खिलाफ मिथ्या अभियान चलाए जाते हुए देखता हूं। मेरा हमेशा से मानना रहा है कि जो कोई भी भारत को समझना...
(मनोज कुमार झा लिखते हैं: गाजा हिंसा पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग के प्रस्ताव पर मतदान न करना अपने इतिहास और दोनों जगहों की अवाम के आपसी संबंधों के साथ भारत का विश्वासघात है।)
हम चाहते हैं कि आप इस...
श्रध्देय मृतक साथी गण
प्रणाम!!
यह पत्र मूलतः आपमें से उन मृतात्माओं के नाम है जिन्हें हमने बीते ढाई-तीन महीनों में खो दिया है। आपमें से कई साथियों के मृतक प्रमाण पत्र पर कोविड पॉजिटिव का उल्लेख है और कईयों के...
मेरे प्यारे सिस्टम जी,
जयहिंद।
मैं बड़ी बेकरारी से आपका पता ढूंढ़ रहा था, जिससे कि अपने विचारों को आपके सम्मुख प्रस्तुत कर सकूं, लेकिन मुझे कोई भी आपका सही पता नहीं बता सका। इसलिए मेरे पास इस लेख को लिखने...