Author: रविंद्र पटवाल
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बीसीसीआई की रणनीति बनी भारतीय टीम की हार की वजह?
नई दिल्ली। जब आप सबकुछ अपने मन-मुताबिक तैयार करके रखते हैं, तो कई बार चीजें वैसी नहीं होतीं, जैसा कि आपने सोच रखा था। इसके लिए विरोधी पक्ष ने यदि पूरे मनोयोग से खुद को तैयार कर रखा हो, और हर परिस्थिति में अपना बेस्ट देने का मन बना लिया हो तो सारा किया-कराया भी…
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उत्तराखंड टनल हादसा: पिछले 56 घंटे से बचाव कार्य जारी, लेकिन अभी तक नहीं मिली सफलता
नई दिल्ली। दो दिन बाद जाकर उत्तराखंड प्रशासन, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ टीम को समझ आया कि टनल में फंसे 40 लोगों को बचाने के लिए पोकलेन मशीन, डंपर की कवायद के बजाए उसी उपाय को अपनाना होगा, जिस माध्यम से पीड़ितों तक पानी और ऑक्सीजन पहुंचाई जा रही है। जी हां, अब रेस्क्यू अभियान से…
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जींद में प्रधानाध्यापक के खिलाफ महापंचायत, 60 नाबालिग छात्राओं के साथ अश्लील हरकत
हरियाणा के जींद जिले में उचाना वरिष्ठ माध्यमिक बालिका विद्यालय के प्रिंसिपल की काली करतूतों का अंत आखिर एक सप्ताह पूर्व उसकी गिरफ्तारी में जाकर हुआ। लेकिन इसके लिए स्कूल की छात्राओं को किन-किन यातनाओं के बीच गुजरना पड़ा और अपनी बदनामी के डर का सामना करते हुए उनपर आज भी क्या बीत रही है,…
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नीतीश कुमार के दो चेहरे: एक तरफ सामाजिक न्याय का झंडा दूसरी ओर मांझी का अपमान
नई दिल्ली। देश में आजादी के किसी ने अगर जातिगत जनगणना करने की हिम्मत जुटाई, और उसे देश के सामने रखने का साहस भी दिखाया, तो वह हैं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार। लेकिन ऐसा लगता है कि उम्र के इस पड़ाव में आकर नीतीश कुमार अपना आपा खो बैठे हैं। प्रदेश के आर्थिक सर्वेक्षण…
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एशिया में भारतीय विश्वविद्यालयों की अव्वल रैंकिंग और फॉरेन यूनिवर्सिटी के भारतीय शिक्षा बाजार में दस्तक में आखिर सच क्या है?
भारतीय मीडिया में शिक्षा के क्षेत्र में दो खबरें चल रही हैं। एक खबर को उछाला जा रहा है, जबकि दूसरी खबर को ढककर आगे बढ़ाया जा रहा है। ये दोनों ही खबरें आम जन के संज्ञान में आनी बेहद जरुरी हैं, लेकिन सूचना तंत्र आज इस कदर जनविरोधी हो चुका है कि आम आदमी…
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सामाजिक न्याय की मृगमरीचिका में फंसने के बजाए शिक्षा, रोजगार के मुद्दे को बुलंद करें वामपंथी पार्टियां
नई दिल्ली। बिहार में जाति आधारित जनगणना को लेकर कई तरह के कयास लगाये जा रहे थे। अनुमान था कि इसमें बड़ी संख्या में सामाजिक एवं आर्थिक रूप से पिछड़े समुदायों और दलित वर्ग के लोगों की पहचान हो सकेगी, जिसे आधार बनाकर लक्षित विकास के माध्यम से उन्हें भी मुख्यधारा में लाकर बिहार के…