देश इस समय दुनिया की सबसे बड़ी संस्कारी पार्टी के विचित्र कारनामों को देखकर हतप्रभ है। पता नहीं ये सब…
दो जून की रोटी का सवाल और खेला ही खेला
जिस देश के 80 करोड़ लोग राशन की दुकान से मिलने वाले अनाज पर निर्भर हों उस देश में सिंदूर…
महिलाओं की असुरक्षा, अपमान और बढ़ती यौन हिंसा से सरकार की कमज़ोरी उजागर
राजनीति के गलियारे आजकल ‘बेटी पढ़ाओ और बेटी बचाओ’ से नहीं गूंजते उनकी जगह बलात्कारियों की खबरें चटकारे लेकर सुनाई…
कर्नल सोफिया कुरैशी और बानू मुश्ताक पर हमें नाज़ है
हालांकि मुस्लिम महिलाओं की तेजस्विता की चर्चा करना आज गुनाह की श्रेणी में आ सकता है लेकिन इसकी अहमियत आज…
गुजरात में यूपी-बिहार के मज़दूरों के साथ अमानवीयता क्यों?
गुजरात से मज़दूर दिवस के पहले एक बहुत ही चिंताजनक खबर मिल रही है कि वहां से विभिन्न फैक्ट्रियों में…
देशद्रोही कौन और सरकार की नज़र
भारतीय संविधान और विधि के अनुसार राष्ट्र के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह करने वाला, ऐसे विद्रोह की सुनियोजित तैयारी करने वाला,…
घर के जयचंदों पर सरकार सख्त कार्रवाई क्यों नहीं करती?
सदियों से भारत में एक कहावत प्रचलित है: “घर का भेदी लंका ढाए।” यह कहावत यूं ही नहीं बनी। इतिहास…
पत्रकारिता के बीच देखी संवेदनहीन समाज की आवाज़ है ‘प्रतिरोध के स्वर”
समदर्शी प्रकाशन से प्रकाशित ‘प्रतिरोध के स्वर’ काव्य संग्रह के कवि वरिष्ठ लेखक पत्रकार प्रमोद झा हैं। उनका यह तीसरा…
पाकिस्तान के नाम पर एका: भारत सरकार की बड़ी कामयाबी
पहलगाम के विख्यात पर्यटन केंद्र में हुई मौतों के लिए पाकिस्तान जिम्मेदार है।इसके बदले में भारत ने पाकिस्तान से ना…
साहिब जी का सऊदी अरब से कार्यक्रम छोड़ भारत आना!
इस बार साहिब जी की संवेदनशीलता देखकर सब लोग चौंक पड़े हैं। जन्नतें कश्मीर में पुलवामा के बाद ये दूसरा…