Author: विशद कुमार
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हूल दिवस पर विशेष: आदिवासियों को बदहाली से निजात दिलाने के लिए एक और हूल व उलगुलान की जरूरत
झारखंड के आदिवासियों का अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ बगावत का लंबा इतिहास है। इतना ही नहीं आजादी के बाद भी झारखंड अलग राज्य को लेकर लंबे संघर्ष से जो राज्य हासिल हुआ है उसमें कुछ चतुर चालाक लोगों को छोड़ दिया जाए तो आज भी आम आदिवासी वहीं खड़ा है जहां वह अंग्रेजी हुकूमत में खड़ा…
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ग्राउंड रिपोर्ट: गुमला में भू-माफिया मिटा रहे हैं नदियों का अस्तित्व
गुमला। झारखंड अगल राज्य गठन के बाद राज्य में भू-माफियाओं और पत्थर माफियाओं का जो नंगा नाच शुरू हुआ, वह 22 साल बाद आज भी प्रशासनिक गठजोड़ से बदस्तूर जारी है। जहां राज्य के पहाड़ समतल होते जा रहे हैं, वहीं राज्य की नदियां नाले में तब्दील होती जा रही हैं। नतीजतन कई उदाहरण आए…
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ज़किया जाफ़री पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले और तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ़्तारी की कड़ी भर्त्सना
“देश में बढ़ता धार्मिक बहुसंख्यकवाद और सर्वभक्षी कारपोरेटी हमला लोकतंत्र और संविधानिक मूल्यों के लिए बड़े खतरे” पर 26 जून को झारखंड जनाधिकार महासभा द्वारा बगईचा, रांची में आयोजित एक सेमिनार में चर्चा हुई जिसमें राज्य के अनेक जन संगठनों व वाम राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सेमिनार में उपस्थित प्रतिनिधियों ने ज़किया…
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चाईबासा के गरीबों के राशन की लूट, जन सुनवाई में खुलासा
पिछले 13 जून 2022 को झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम अंतर्गत चाईबासा में कैनुवा गांव, टोंटो प्रखंड (पश्चिमी सिंहभूम) में खाद्य सुरक्षा जन अधिकार मंच, पश्चिमी सिंहभूम द्वारा आयोजित जन सुनवाई में चौंकाने वाले खुलासे हुए। सुनवाई के दौरान पता चला कि पिछले कई महीनों से जन वितरण प्रणाली से ग्रामीणों को मिलने वाले राशन का लगभग…
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कुपोषण को कृत्रिम नहीं, प्राकृतिक तरीकों से ही किया जा सकता है दूर: फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट
भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) के क़ानूनी नियमों और भारत सरकार के दिशा-निर्देशों का सरकार खुद ही उल्लंघन कर रही है। भारत सरकार के दिशा-निर्देश में फोर्टीफाईड चावल के बोरों या पैकेटों में लेबल लगाना क़ानूनी बाध्यता है। थैलीसीमिया से पीड़ित लोग और सिकल सेल एनीमिया वाले व्यक्तियों को चेतावनी देते हुए आयरन…
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पांच लोगों की सामूहिक आत्महत्या से सन्न रह गया बिहार
बीते साल 13 मार्च 2021 में बिहार के सुपौल के राघोपुर थाना क्षेत्र के गद्दी गांव में एक ही परिवार के पांच लोगों की सामूहिक आत्महत्या को लोग भूल भी नहीं पाए हैं कि बिहार के ही समस्तीपुर के विद्यापति नगर थाना के मऊ गांव में 4 जून को एक ही परिवार के पांच लोगों की सामूहिक आत्महत्या…
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दास्तान-ए-झारखंड पुलिसः एक साल बाद दर्ज हुई ब्रम्हदेव सिंह के हत्या में शामिल सुरक्षा बलों के खिलाफ प्राथमिकी
12 जून, 2021 को झारखंड के लातेहार जिला अन्तर्गत गारू थाना क्षेत्र के पिरी गांव निवासी 24 वर्षीय ब्रम्हदेव सिंह (खरवार जनजाति) की हत्या नक्सल के नाम पर किये जा रहे सर्च अभियान पर निकले सुरक्षा बलों ने कर दी थी। ब्रम्हदेव सिंह की पत्नी जीरामनी देवी ने अपने पति की हत्या में शामिल सुरक्षा…
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जहां मरने को अभिशप्त है अवैध उत्खनन में लगा मजदूर
रांची। झारखंड के कोयलांचल में जहां कोयले के अवैध उत्खनन में लगा मजदूर क्लास मरने को अभिशप्त है वहीं माफिया, प्रशासन व राजनीतिक गठजोड़ का पौ बारह है। बताना जरूरी होगा कि कोयले के अवैध उत्खनन के दौरान लगातार हो रहीं मौतों के बावजूद थमने का नाम नहीं ले रहा अवैध खनन का कारोबार। हम…
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सरकारी दावों पर पानी फेरता झारखंड के पानी का सच
कहा जाता है कि पहाड़ से पानी का रिश्ता सदियों पुराना है। प्रकृति के इसी गठबंधन की वजह से पहाड़ और जंगल से घिरे इलाकों में कभी पानी की कमी नहीं रही। लेकिन झारखंड में पिछले तीस साल के दौरान तकरीबन 1500 पहाड़ खत्म कर दिए गए हैं। यह साफ दिखने लगा है कि जिन…