Thursday, April 25, 2024

ज़ाहिद खान

जब बेदी और मंटो में ख़तो-किताबत बंद हो गई

अफ़साना निगार राजिंदर सिंह बेदी का दौर वह हसीन दौर था, जब उर्दू अदब में सआदत हसन मंटो, कृश्न चंदर, इस्मत चुग़ताई और ख़्वाजा अहमद अब्बास जैसे महारथी एक साथ अपने अफ़सानों से पूरे मुल्क में धूम मचाए हुए...

रणवीर सिंह के निधन पर विशेष: अस्त हो गया आधुनिक रंगमंच का एक चमकता नक्षत्र

आधुनिक रंगमंच के गहन अध्येता, अभिनेता-निर्देशक, नाट्य आलोचक और नाटककार रणवीर सिंह दुनिया के इस विशाल रंगमंच पर अपनी भूमिका निभाकर, हमेशा के लिए नेपथ्य में चले गए हैं। 23 अगस्त की सुबह जयपुर में उन्होंने अपनी आखिरी सांस ली।...

शंभु मित्र के जन्मदिन पर विशेष: जिन्होंने टैगोर के नाटकों का मंचन करके बतलाया

आधुनिक बांग्ला नाट्य मंच में शंभु मित्र की पहचान शीर्षस्थ नाटककार, अभिनेता और निर्देशक के रूप में है। उनकी पूरी जिंदगी नाटक के लिए समर्पित रही। उन्होंने न सिर्फ़ नाटकों में अभिनय-निर्देशन किया, बल्कि फ़िल्मों में भी अपने आप...

आजादी की लड़ाई में कई तरक्कीपसंद शायरों ने सीधे तौर पर की थी हिस्सेदारी

देश की आज़ादी लाखों-लाख लोगों की कु़र्बानियों का नतीज़ा है। जिसमें लेखक, कलाकारों और संस्कृतिकर्मियों ने भी एक अहम रोल निभाया। ख़ास तौर से तरक़्क़ीपसंद तहरीक से जुड़े लेखक, कलाकार आज़ादी के आंदोलन में पेश-पेश रहे। अपने गीत, ग़ज़ल, नज़्म, नाटक, अफ़सानों और आलेखों के...

जश्न और जुलूसों के नाम थी आज़ादी की वह सुबह

देश की आज़ादी लाखों-लाख लोगों की कु़र्बानियों का नतीज़ा है। जिसमें लेखक, कलाकारों और संस्कृतिकर्मियों ने भी अपनी बड़ी भूमिका निभाई। ख़ास तौर से तरक़्क़ीपसंद तहरीक से जुड़े लेखक, कलाकार मसलन सज्जाद ज़हीर, डॉ. रशीद जहां, मौलाना हसरत मोहानी,...

अमृत महोत्सव के दौर में प्रतिरोध : प्रलेस का दो दिवसीय आयोजन

दिल्ली। 'अमृत महोत्सव के दौर में प्रतिरोध' आज के दौर में बेहद महत्वपूर्ण और विचारोत्तेजक विषय पर प्रगतिशील लेखक संघ की दिल्ली इकाई 8 और 9 अगस्त को दो दिवसीय आयोजन कर रही है। जिसमें चार सत्रों में अलग—अलग...

स्मृति दिवस पर विशेष: भुलाई नहीं जा सकती हैं निरंजन सेन की कु़र्बानियां

निरंजन सेन का इप्टा में एक अलग ही मुक़ाम है। उन्होंने इप्टा को संगठित और उसे खड़ा करने में अपनी पूरी ज़िंदगी कु़र्बान कर दी। वे लंबे समय तक इप्टा के महासचिव पद पर रहे। इस दरमियान संगठन का...

डॉ. पीएन सिंह: बौद्धिक आकाश को नया क्षितिज देने वाला अलहदा तारा

डॉ.परमानंद सिंह यानी पीएन सिंह अब हमारे बीच नहीं रहे। उनके जाने से सचमुच शदीद रंज-ओ-मलाल है। वे आला मार्क्सवादी नक़्क़ाद और बेहद ज़हीन दानिशवर थे। समूचे हिंदी साहित्यिक एवं एकेडमिक जगत में उनकी आर्गेनिक जनबुद्धिजीवी के तौर पर...

अर्जुमंद आरा को अरुंधति रॉय के उपन्यास के उर्दू अनुवाद के लिए साहित्य अकादमी अवार्ड

साहित्य अकादेमी ने अनुवाद पुरस्कार 2021 का ऐलान कर दिया है। राजधानी दिल्ली के रवींद्र भवन में साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष डॉ चंद्रशेखर कंबार की अध्यक्षता में कार्यकारी मंडल की बैठक में इसके लिए 22 पुस्तकों को अनुमोदित किया...

प्रेम धवन, जिनके गाने आज भी लोगों को देश प्रेम के रंग में डुबो देते हैं

प्रेम धवन की शिनाख़्त एक वतनपरस्त गीतकार की रही है। जिन्होंने अपने गीतों से देशवासियों में वतनपरस्ती का जज़्बा जगाया। एकता और भाईचारे का पैग़ाम दिया। प्रेम धवन, शुरुआत से ही प्रगतिशील लेखक संघ से जुड़ गए थे। पढ़ाई...

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