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रिपब्लिक से ई-मेल के जरिये हुई निजी और गोपनीय वार्ता को गलत तरीके से पेश करने पर बार्क ने जताया कड़ा एतराज

नई दिल्ली। टीआरपी एजेंसी बार्क यानी ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च कौंसिल ने रिपब्लिक टीवी पर अपने निजी और गोपनीय संचार का बेजा इस्तेमाल करने और उसे गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगाया है। बार्क का कहना है कि रेटिंग को गलत तरीके से तोड़ने-मरोड़ने के रिपब्लिक पर लगे आरोपों पर उसने कोई टिप्पणी नहीं की है।

बार्क ने एक बयान में कहा है कि वह टीआरपी के तोड़ने-मरोड़ने वाले मामले में कानूनी एजेंसियों को जांच में पूरा सहयोग कर रही है।

गौरतलब है कि रिपब्लिक ने दावा किया था कि बार्क का ई-मेल चैनल के किसी भी कथित गलत काम में शामिल न होने का प्रमाण है। रिपब्लिक के इस दावे पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए बार्क ने कहा कि प्रसारणकर्ता के रवैये से उसे बेहद निराशा हुई है।

उसने कहा कि “बार्क इंडिया निजी और गोपनीय संचार का खुलासा करने और उसको गलत तरीके से पेश करने को लेकर बेहद निराश है।”

उसने कहा कि “बार्क इंडिया इस बात को दोहराता है कि उसने जारी जांच पर कोई टिप्पणी नहीं की है और बार्क इंडिया के अधिकारों के प्रति पक्षपाती हुए बगैर वह रिपब्लिक नेटवर्क की हरकत से अपनी गैररजामंदी जाहिर करता है।” 

बार्क का बयान रिपब्लिक टीवी के उस खुलासे के बाद आया है जिसमें उसका कहना था कि उसने जो बात कही है वह एजेंसी के सीईओ सुनील लूला और रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के सीईओ विकास खानचंदानी के बीच हुई एक ईमेल बातचीत के मुताबिक थी। 

टीवी नेटवर्क की वेबसाइट के मुताबिक खानचंदानी ने 16 अक्तूबर को बार्क को एक ईमेल भेजा था जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें सार्वजनिक रूप से इस बात की पुष्टि करनी चाहिए कि उसने रिपब्लिक के संचालन में किसी भी तरह की अनियमितता नहीं पायी है।

वेबसाइट का कहना है कि “खानचंदानी के ईमेल का बार्क ने 17 अक्तूबर को जवाब दिया जिसमें उसने बार्क के आंतरिक तंत्र में विश्वास जताने के लिए नेटवर्क को धन्यवाद दिया और कहा कि अगर ‘एआरजी आउटलायर मीडिया’ (रिपब्लिक की मालिक) के खिलाफ किसी तरह की अनुशासनात्कम कार्रवाई शुरू की जाती तब बार्क इंडिया आपको जवाब देने के लिए जरूरी दस्तावेजों के साथ आपके साथ संचार करता।”

इसमें आगे कहा गया है कि “इस तरह से यह ईमेल इस बात को साबित करता है कि बार्क ने रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के खिलाफ किसी भी तरह की अनियमितता का आरोप नहीं लगाया है।”

बार्क के बयान पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए रिपब्लिक टीवी के मालिक अर्णब गोस्वामी ने पीटीआई को बताया कि बार्क का ईमेल इस बात की पुष्टि करता है कि पुलिस कमिश्नर झूठ बोले। गोस्वामी ने कहा कि उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए।

बार्क ने ईमेल के ठीक उस हिस्से को चिन्हित नहीं किया जिसको संचार में गलत तरीके से पेश करने की वह बात कर रहा है।

टीआरपी के इस घोटाले में अब तक छह लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। जिसमें कथित तौर पर रिपब्लिक टीवी समेत दो अन्य चैनलों पर टीआरपी को मैनिपुलेट करने का आरोप लगाया गया था।

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