असमः बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल चुनाव नतीजों के बाद भाजपा ने छोड़ा बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट का साथ

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भाजपा ने असम में बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल का चुनाव परिणाम आने के बाद अपनी सरकार में सहयोगी बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट से किनारा करके यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) और गण सुरक्षा पार्टी (जीएसपी) के साथ गठबंधन कर लिया है।

दरअसल बिहार में भी भाजपा का यही गेम प्लान था, जहां भाजपा के इशारे पर उसके सहयोगी लोजपा ने बगावत करके जदयू के खिलाफ मजबूत प्रत्याशी उतार दिए थे, लेकिन चुनाव परिणामों में लोजपा साफ हो गई और नीतीश के नेतृत्व में जदयू को भी कम सीटें मिलीं। यदि लोजपा को इतनी सीटें मिली होतीं कि भाजपा और लोजपा की सरकार बन जाती तो भाजपा नीतीश को उसी तरह डंप कर देती जिस तरह असम में बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट को किया है। हालांकि नीतीश भाजपा की इस चाल को समझते हैं और 14 जनवरी के बाद बिहार में राजनीति किसी भी करवट बैठ सकती है।

बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल (बीटीसी) के चुनाव परिणामों में किसी को अकेले बहुमत नहीं मिला, बल्कि त्रिशंकु परिषद् चुना गया है। भाजपा ने संयुक्त रूप से अगली परिषद बनाने के लिए यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) और गण सुरक्षा पार्टी (जीएसपी) के साथ हाथ मिला लिया और अपने सहयोगी दल बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट से किनारा कर लिया है, जबकि असम की सर्वानंद सोनेवाल सरकार में उसके तीन मंत्री हैं।

40 सीटों वाली बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद के चुनावों में बीटीसी पर शासन करने वाली बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी है, लेकिन बहुमत के लिए जरूरी 21 सीटें जीतने में नाकाम रही है। उसे सिर्फ 17 सीटों पर जीत मिली है। 2015 में उसे 20 सीटें मिली थीं, जो इस बार तीन कम हैं। आतंकवादी से राजनेता बने हाग्रामा मोहिलरी के नेतृत्व वाला संगठन इस चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरा है।

पिछले चुनाव में बीपीएफ और बीजेपी के बीच गठबंधन था। बीजेपी और बीपीएफ ने एजीपी के साथ मिलकर 2016 के असम विधानसभा चुनाव एक साथ लड़े थे, जिसमें बीपीएफ को वे सभी 12 सीटें मिली थीं, जिस पर उन्होंने चुनाव लड़ा था। इस बार बीजेपी ने न केवल एकला चलो की नीति अपनाई बल्कि पूर्व सहयोगी बीपीएफ को कड़ी टक्कर देते हुए और नया गठबंधन बनाते हुए उसे किनारे लगा दिया है। इससे पहले, असम भाजपा ने संकेत दिया था कि वह बीपीएफ के साथ 2021 के असम चुनावों में गठबंधन जारी रखना पसंद नहीं करेगी, जो केवल छह महीने दूर है।

बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट ने 40 सदस्यीय निकाय में 17 सीटें जीतीं, जबकि यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) ने 12 सीटें जीतीं, भाजपा ने नौ, जबकि कांग्रेस और गण सुरक्षा पार्टी (जीएसपी) ने लोकसभा सांसद नबा सरानिया की अगुवाई में एक-एक सीट हासिल की।

मुख्यमंत्री सोनोवाल के अनुसार 40 सदस्यीय नई परिषद का नेतृत्व यूपीपीएल के प्रमुख प्रोमोड बोरो करेंगे। बोरो ऑल बोडो स्टूडेंट्स यूनियन का पूर्व अध्यक्ष है। कट्टरपंथी पार्टी यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) 12 सीटों के साथ इस चुनाव में उभरी है। इसका नेतृत्व छात्र-नेता से नेता बने प्रमोद बोरो ने किया है, जो बोडो शांति समझौते के प्रमुख हस्ताक्षरकर्ता हैं।

बीटीसी संविधान की छठी अनुसूची के तहत एक स्वायत्त स्वशासी निकाय है। यह एक विशेष प्रावधान है, जो पूर्वोत्तर के कुछ आदिवासी क्षेत्रों में अधिक से अधिक राजनीतिक स्वायत्तता और विकेंद्रीकृत शासन की अनुमति देता है। इसके अधिकार क्षेत्र में पश्चिमी असम (उदलगुरी, बक्सा, चिरांग और कोकराझार) के चार बोडो बाहुल्य जिले हैं, जिन्हें बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र (बीटीआर) के रूप में जाना जाता है।

इस बीच बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट के अध्यक्ष हाग्रामा मोहिलरी ने कहा कि उनकी पार्टी ने बार-बार भाजपा से ‘गठबंधन’ मानदंडों का पालन करने और बीटीसी में ‘सरकार’ बनाने में मदद करने की अपील की, लेकिन भाजपा ने उनके आग्रहों को नजरअंदाज कर दिया, जबकि बीपीएफ और यूपीपीएल को बोडो बहुल क्षेत्रों में प्रतिद्वंद्वी माना जाता है, लेकिन अन्य दलों के बीच चुनाव पूर्व गठबंधन नहीं था। मोहिलरी ने कहा कि हमने भाजपा के साथ गठबंधन नहीं तोड़ा है और उसे गठबंधन का पालन करना चाहिए।

बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद में कुल 46 सीटें हैं। इनमें से छह नामांकित होते हैं, जबकि 40 पर चुनाव होता है। इन 40 सीटों पर 7 और 10 दिसंबर को चुनाव हुए थे। फरवरी 2020 में बोडो शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद यह पहला चुनाव था।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी राज्य में नया गठबंधन बनाने पर एनडीए नेताओं और राज्य के मुख्यमंत्री को बधाई दी है और कहा है कि एनडीए ने बीटीसी चुनावों में सहज बहुमत हासिल कर लिया। अमित शाह ने कहा कि एनडीए ने असम बोडोलैंड प्रादेशिक परिषद चुनावों में बहुमत हासिल किया। हमारे सहयोगी यूपीपीएल, सीएम सोनोवाल, राज्य के मंत्री हेमंत बिस्वसरमा और पार्टी की असम इकाई को बधाई देता हूं। मैं असम के लोगों को विकसित नॉर्थ ईस्ट के प्रति पीएम के संकल्प में उनके निरंतर विश्वास के लिए धन्यवाद देता हूं।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं और इलाहाबाद में रहते हैं।)

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