भारतीय जनता पार्टी दावा कर रही है कि भाजपा ने 570 नए विश्वविद्यालयों की स्थापना की है। मोदी सरकार के 11 साल पूरा होने के मौके पर जबरदस्त प्रचार किया जा रहा है और विभिन्न प्रकार के दावे किए जा रहे हैं। भाजपा ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक पोस्टर ट्वीट किया है, जिसमें भाजपा के द्वारा युवाओं के लिए किए गए कामों का बखान किया गया है और शीर्षक दिया है “बड़ी उपलब्धियां, अमृत पीढ़ी का सशक्तीकरण”। इसी पोस्टर में लिखा है कि भाजपा ने 570 नए विश्वविद्यालयों का निर्माण किया है।
भाजपा के इस दावे के हिसाब से तो देश के लगभग आधे विश्वविद्यालय पिछले ग्यारह साल में स्थापित हुए हैं। क्या ये दावा सच है? आइये पड़ताल करते हैं।
देश में विश्वविद्यालयों की स्थिति
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) उच्च शिक्षा विभाग, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के तहत कार्य करने वाली एक स्वायत्त संस्था है, जो भारत में उच्च शिक्षा के तमाम पहलूओं की देख-रेख करती है। विश्वविद्यालय और कॉलेज भी यूजीसी के ही अंतर्गत आते हैं। यूजीसी की वेबसाइट पर भारत में जितने विश्वविद्यालय हैं, उन सब की सूची मौजूद है। सूची में केंद्रीय विश्वविद्यालय, राज्य विश्वविद्यालय, प्राइवेट विश्वविद्यालय और डीम्ड युनिवर्सिटी की सूची श्रेणी के अनुसार उपलब्ध है।
यूजीसी की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के हिसाब से भारत में 57 केंद्रीय विश्वविद्यालय, 502 राज्य विश्वविद्यालय, 512 प्राइवेट विश्वविद्यालय और 112 डीम्ड युनिवर्सिटी हैं। यानी भारत में कुल 1213 विश्वविद्यालय है।
भाजपा के दावे की पड़ताल
ऊपर दिए गए आंकड़े स्पष्ट कर रहे हैं कि भारत में कुल 559 सरकारी विश्वविद्यालय हैं। जबकि भाजपा दावा कर रही है कि उसने पिछले ग्यारह साल में 570 विश्वविद्यालयों का निर्माण किया है। ये कैसे हो सकता है? कुल सरकारी विश्वविद्यालयों की संख्या से ज्यादा विश्विद्यालयों का निर्माण कैसे हो सकता है? इसका अर्थ साफ है कि दाल में कुछ काला है। असल में भाजपा प्राइवेट विश्वविद्यालयों को भी इस आंकड़े में शामिल कर रही है।
असल में ये उच्च शिक्षा का अमृतकाल नहीं चल रहा है, बल्कि शिक्षा के प्राइवेटाइजेशन का दौर है। अगर हम यूजीसी के आंकड़ों पर गौर करें, तो पाएंगे कि भारत में प्राइवेट विश्वविद्यालयों की संख्या सरकारी विश्वविद्यालयों से ज्यादा है। देश में कुल 624 प्राइवेट और डीम्ड युनिवर्सिटी हैं और सरकारी विश्वविद्यालय मात्र 559 हैं। असल में भाजपा प्राइवेट विश्वविद्यालयों के निर्माण को सरकारी और जनहित के काम की तरह पेश कर रही है और शिक्षा के प्राइवेटाइजेशन को एक उपलब्धि की तरह प्रचार कर रही है।
(राजकुमार स्वतंत्र पत्रकार एवं फ़ैक्ट-चेकर हैं।)