देहरादून। महिला पहलवानों से यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे भारतीय जनता पार्टी के सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ उत्तराखंड में भी गुस्सा भड़क उठा है। विभिन्न जनवादी संगठनों की पहलकदमी पर बृहस्पतिवार को सांसद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर राज्य की राजधानी देहरादून में सांसद का पुतला फूंका गया। इस दौरान दिल्ली में धरने पर बैठी महिला पहलवानों का भी समर्थन किया गया।
मालूम हो कि महिला पहलवानों ने बीते दिनों रेसलर फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर खिलाड़ियों को गाली देने के आरोप लगाए थे। पहलवानों का इल्जाम था कि भाजपा सांसद की ओर से राज्य विशेष के खिलाड़ियों को टारगेट किया जा रहा है।
भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष के खिलाफ एक नाबालिग सहित सात महिला पहलवानों ने पुलिस को लिखित तहरीर तक दी है। जिसमें इन महिला पहलवानों ने संघ अध्यक्ष पर यौन उत्पीड़न का भी आरोप लगाया है। इससे पूर्व जनवरी में महिला रेसलरों ने दिल्ली में जंतर मंतर में प्रदर्शन भी किया था। कार्रवाई नहीं होने पर वह अब दुबारा धरने पर बैठी हैं। जिसे देशव्यापी समर्थन हासिल हो रहा है। जिसकी अगली कड़ी के रूप में उत्तराखंड में भी प्रतिक्रिया होनी शुरू हुई है।
अपने तयशुदा कार्यक्रम के अनुसार एसएफआई, सीटू, एआईकेएस, एआईडीडब्ल्यूए आदि विभिन्न जनवादी संगठनों से जुड़े कार्यकर्ताओं ने राज्य की राजधानी देहरादून में राजपुर रोड स्थित न्यू इंदिरा मार्केट में सीटू कार्यालय के पास भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष तथा भाजपा सांसद सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए उनका पुतला फूंका।

इस मौके पर कई वक्ताओं ने महिला पहलवानों के यौन उत्पीडन को भाजपा नेता का शर्मनाक कारनामा बताते हुए कहा कि “बेटी बचाओ” का नारा देने वाली पार्टी का समूचा चरित्र ही स्तब्ध कर देने वाला है।
सीटू देहरादून जिला सचिव लेखराज ने साहसिक पहलवानों का समर्थन करते हुआ कहा कि यह बड़ी हिम्मत का काम है कि इस नाजुक दौर में भी शक्तिशाली और प्रभावशाली नेता की ओर से किए गए उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाई जा रही है। उन्होंने कहा कि हम केंद्र सरकार की इस मुद्दे पर की गई कार्रवाई की कड़ी निंदा के साथ ही बृजभूषण शरण सिंह के तत्काल इस्तीफे की मांग करते हैं।
एसएफआई के उत्तराखंड स्टेट सचिव हिमांशु चौहान ने कहा कि सेक्सुअल उत्पीड़न और पहलवानों के द्वारा उनके साथ बर्ताव की गंभीर आरोपों के कारण व सरकार द्वारा कोई भी ठोस कार्यवाही नहीं की गई है। यदि सरकार ऐसा ही रवैया अपनाती है तो एसएफआई छात्रों को लामबंद कर अनेको संगठनों के साथ प्रदर्शन करेगी।
एडवा की राज्य सचिव दमयंती नेगी के अनुसार आज के दिन जनवादी संगठनों द्वारा पूरे देश में यह प्रदर्शन किया जा रहा है। अखिल भारतीय किसान सभा उपाध्यक्ष राजेन्द्र पुरोहित ने कहा कि आज के समय में समाज का कोई भी वर्ग नहीं बचा है, जो भाजपा सरकार से नीतियों से आहत न हो। उन्होंने खिलाड़ियों के साथ कंधे से कन्धा मिला कर खड़े होने का भरोसा दिलाते हुए इस लड़ाई को मुकाम पर पहुंचाने का आह्वान भी किया।
इस दौरान प्रदर्शनकारियों में एसएफआई के प्रदेश अध्यक्ष नितिन मलेठा, डीएवी छात्रसंघ उपाध्यक्ष सोनाली नेगी, प्रदेश उपाध्यक्ष शैलेन्द्र परमार, सीटू के उपाध्यक्ष भगवंत सिंह पयाल, राम सिंह भंडारी, रविन्द्र नोडियल, विनोद कुमार, बचन सिंह, नरेन्द्र सिंह, मंगरु, पूर्व डीएवी छात्रसंघ उपाध्यक्ष अभिषेक भंडारी, वरिष्ठ पत्रकार व समाजिक कार्यकर्ता त्रिलोचन भट्ट, जनवादी महिला समिति से अंजली पुरोहित, अनीता, मधु, मामचंद, देवानंद पटेल आदि शामिल थे।
(सलीम मलिक वरिष्ठ पत्रकार हैं और उत्तराखंड के रामनगर में रहते हैं।)
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