कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने 26 मार्च को भारत बन्द का किया ऐलान

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सयुंक्त किसान मोर्चा के डॉ. दर्शन पाल ने 112 वां दिन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन तेज करने कि बात करते हुए कहा कि किसान आन्दोलन की आगे की रणनीति व 26 March को भारत बंद को सफल बनाने के लिए सिंघू बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आयोजित एक बैठक में कई अलग-अलग प्रगतिशील संगठनों ने भाग लिया। संगठित और असंगठित क्षेत्रों के ट्रेड यूनियनों, व्यापारियों और आड़तिया संघों, श्रमिक यूनियनों सहित कृषि यूनियनों, ट्रांसपोर्टर संघों, शिक्षक संघों, युवाओं और छात्र संघों और अन्य लोगों ने बैठक में हिस्सा लिया। सभी संगठनों ने इस आंदोलन को तेज करने में लोगों को जोड़ने और दिल्ली के आसपास के धरना स्थलों में शामिल होने में हरसंभव सहयोग की अपील की।

सयुंक्त किसान मोर्चा ने संज्ञान में लिया कि धरना स्थलों के आसपास अधिक बैरिकेडिंग की जा रही है। हम दिल्ली पुलिस के इस गैरकानूनी और तर्कहीन कार्य की निंदा करते हैं। सयुंक्त किसान मोर्चा मांग करता है कि पुलिस आंतरिक सड़कों सहित अन्य ऐसे ही बैरिकेडिंग को हटाए ताकि स्थानीय लोगों के जीवन को आसान बनाया जा सके और उनकी आजीविका की रक्षा की जा सके।

शहीद यादगार किसान मजदूर पदयात्रा 18 से 23 मार्च तक आयोजित की जाएगी। भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के शहीद दिवस के उपलक्ष्य में हरियाणा, यू.पी. व पंजाब से किसान मजदूर पदयात्राओं के आयोजन की तैयारियां जोरों पर हैं। एक पदयात्रा 18 मार्च को लाल सड़क हांसी, हिसार हरियाणा से शुरू होकर 23 मार्च को टीकरी बार्डर पहूंचेगी। दूसरी पंजाब के खटकड़ कलां से शुरू हो कर पानीपत आएगी और हरियाणा के जत्थे से मिलकर पैदल 23 मार्च को सिंघू बार्डर पहूंचेगी। तीसरी मथुरा से शुरू होकर पलवल पड़ाव पर पहूंचेगी।

कर्नाटक में 400 किलोमीटर की पदयात्रा तय मार्ग के साथ गांवों में भारी भागीदारी के साथ आगे बढ़ रही है। 23 मार्च को बेलारी में यात्रा पूरी करने के बाद, 6 अप्रैल को कर्नाटक के गांवों की इकट्ठा की जा रही मिट्टी को सिंघु बोर्डर पर लाया जाएगा। यहां आंदोलन के शहीदों के लिए स्मारक बनाने की योजना बनाई जा रही है।

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