सर्व सेवा संघ परिसर के ध्वस्तीकरण के विरोध में मुंह पर काली पट्टी बांधकर धरना-प्रदर्शन

Estimated read time 1 min read

वाराणसी। सर्व सेवा संघ, राजघाट, वाराणसी के भवनों को मोदी सरकार के इशारे पर बुलडोजर से ध्वस्त करने के विरोध में उत्तर प्रदेश औऱ देश के कई शहरों में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया है। मोदी सरकार की गांधी-विनोबा-जेपी की विरासत को ध्वस्त करने को गांधी विचार की हत्या करने के रूप में देखा जा रहा है। क्योंकि गांधी विचार सांप्रदायकिता और वैमनस्य के विरोध में है। वर्तमान सत्ता समाज में सांप्रदायिकता और घृणा फैलाकर राज करना चाहती है। गांधी विनोवा जेपी की ऐतिहासिक विरासत वाराणसी सर्व सेवा संघ परिसर के ध्वस्तीकरण के खिलाफ रविवार को देशभर में जगह-जगह सुबह 10-11 बजे से मुंह पर काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया।

इस कड़ी में मिर्जामुराद के आदर्श ग्राम नागेपुर में गांधीवादियों ने लोक समिति कार्यकर्ता व ग्रामीणों के साथ मुंह पर काली पट्टी बांधकर धरना प्रदर्शन किया गया। गांव के लोक समिति आश्रम से अम्बेडकर पार्क तक सैकड़ों की संख्या में आए लोगों ने प्रशासन और सरकार के मनमानी के खिलाफ मुंह पर काली पट्टी बांध कर रैली निकालकर काला दिवस मनाया। धरना में लोगों ने हाथ में ‘क्षुब्ध हृदय है बंद जुबान’ लिखे तख्तियां लेकर ‘सर्व सेवा संघ पर अवैध कब्जा बंद करो’, ‘गांधी विचार पर हमला नहीं सहेंगे’, ‘महात्मा गांधी, जय प्रकाश नारायण, विनोवा भावे अमर रहे’ के नारे लगाते हुए जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान गांव में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया था।

गांधी-जेपी विरासत संघर्ष समिति के संयोजक रामधीरज भाई ने बताया कि कल 12 अगस्त को सरकार ने सर्व सेवा संघ की ऐतिहासिक इमारत को बुलडोज कर दिया। मुगल और ब्रिटिश काल में इक्के-दुक्के उदाहरण मिलते हैं, जब बादशाहों, नवाबों, अंग्रेज अधिकारियों ने हुकूमत का विरोध करने वालों के घरों को नष्ट कर दिया। जमीदारों और राजाओं की रियासतों को छीन लिया था। लेकिन आजाद भारत में देश को आजाद कराने वालों के घरों को, समाज के निर्माण में लगी संस्थाओं को भी गिरा दिया जाएगा, यह मैंने सपने में भी नहीं सोचा था। हम कोई राष्ट्र विरोधी लोग नहीं थे।

धरना का नेतृत्व कर रहे लोक समिति संयोजक नन्दलाल मास्टर ने कहा कि इस घटना से यह साफ हो गया है कि पहले इन लोगों ने गांधी को गोली मारा था अब गांधी विचार को नष्ट करना चाहते हैं। लेकिन गांधी विचार मरेगा नहीं, हम ऐसे 100 केंद्र खड़े करेंगे। किताबें फिर से छपेंगी, लाइब्रेरी बनाए जाएंगे। जनता के बीच जाएंगे और सच्चाई बताएंगे, लोकतंत्र के लिए लड़ेंगे।

ग्राम प्रधान मुकेश कुमार ने कहा कि सरकार अब इस जमीन को जबरदस्ती हड़पना चाहती है। जब तक सरकार इस फैसले को वापस नहीं लेती, हम इस धरोहर को बचाने के लिए इसी तरह विरोध करते रहेंगे। धरने में नन्दलाल मास्टर, मुकेश प्रधान,रामधीरज भाई,जागृति राही, अनूप श्रमिक, शर्मिला, उर्मिला, महेंद्र राठौर, विनोद, ईश्वरचंद त्रिपाठी, अमित, राजेश सिंह,प्रियंका,रचना,वंदना, अनीता, सोनी, श्यामसुंदर, पंचमुखी, रामवचन, शिवकुमार, सरोज, मधुबाला, अरविन्द, संजू तारा, बाबा, प्रमिला, सीता, तारा समेत सैकड़ों लोग शामिल हुए। धरने की अध्यक्षता मुकेश प्रधान और संचालन नंदलाल मास्टर ने किया।

+ There are no comments

Add yours

You May Also Like

More From Author