वाराणसी। सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष चंदन पाल ने कहा कि हमारा सत्याग्रह किसी व्यक्ति के विरुद्ध नहीं बल्कि अन्याय के विरुद्ध न्याय के लिए है। सर्व सेवा संघ परिसर को अन्यायपूर्ण तरीके से कब्जाकर ध्वस्त किया गया।
उन्होंने कहा कि कल जिस तरह राजघाट परिसर के सामने 87 दिन से लगातार चल रहे शांतिपूर्ण सत्याग्रह को रोका गया, सत्याग्रहियों को हिरासत में लिया गया तथा उत्तर प्रदेश सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष रामधीरज, सर्व सेवा संघ के पूर्व प्रबंधक ट्रस्टी अशोक शरण, लोक समिति के प्रमुख नंदलाल मास्टर तथा गांधीवादी जोखन सिंह यादव को थाने में रोक कर रखा गया, वह अत्यंत दुखद है।
एक आजाद मुल्क में संविधान द्वारा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को सुनिश्चित किए जाने के बावजूद प्रशासन ने दमनकारी कदम उठाया है। फिर भी हमारा विश्वास सत्याग्रह में ही है। हम उसी रास्ते पर चलते रहेंगे।
आज उपवास पर बैठे अशोक भारत जीवन की सार्थकता की खोज में प्रेमचंद के माध्यम से गांधी के पास पहुंचे। बचपन में प्रेमचंद के बयान ‘बिगाड़ के डर से ईमान की बात नहीं कहोगे’ ने इन्हें प्रभावित किया और धीरे-धीरे गांधी मार्गी हो गये।
इस क्रम में बाबा आमटे द्वारा आयोजित भारत जोड़ो अभियान (1988-89) में ईटानगर से ओखा, गुजरात तक लगभग 6 महीने की 10, 000 किलोमीटर की साइकिल यात्रा में शामिल रहे। जिससे इनके जीवन एवं सोच में बुनियादी परिवर्तन हुआ।
इसके बाद वे कई साइकिल, वाहन एवं पदयात्राओं का आयोजक एवं हिस्सा रहे हैं। इनका भारत जन आंदोलन, आजादी बचाओ आंदोलन, गंगा मुक्ति आंदोलन, नदी बचाओ जीवन बचाओ आंदोलन, हिमालय बचाओ आंदोलन आदि आंदोलनों से जुड़ाव रहा है।
भारत का कहना है- आज जो कुछ भी हूं उनमें गांधी जैसे लोगों का बहुत बड़ा योगदान है। ये वर्तमान में बाबा आमटे एकता अभियान ट्रस्ट, गीताई मिशन, राष्ट्रीय युवा योजना, शांति सेना, निवेदिता निलयम युवा केंद्र, युवा संवाद अभियान, युवा परिवार, भारत परिवार, सर्व सेवा संघ आदि और संगठनों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
इसलिए राह संघर्ष की हम चुनें, जिंदगी आंसुओं से नहाई न हो’ यह इन्हें प्रेरणा देता है, सामाजिक काम करने की।
अशोक भारत का कहना है कि सरकार एवं वाराणसी प्रशासन द्वारा सर्व सेवा संघ परिसर, राजघाट का गैर-कानूनी बेदखली एवं ध्वस्तीकरण के खिलाफ न्याय और सत्य की स्थापना के लिए सत्याग्रह में शामिल हूं। हमारा मार्ग सत्य का, न्याय का मार्ग है। सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं। हमें पूरा विश्वास है, अंततः सत्य की जीत होगी।
सरकार एवं वाराणसी प्रशासन की साजिश विफल होगी। राजघाट पर हमला गांधी पर हमला, गांधी विचार पर हमला है। गांधी को कोई खत्म नहीं कर सकता। गांधी दुनिया की उम्मीद, भविष्य की आशा हैं। गांधी ने मानव मुक्ति का जो पैगाम दिया है, इसे सुनकर हर काल में बंदी मानवता न सिर्फ मुक्ति के लिए संघर्ष करेगी बल्कि जीत कर मुक्त भी होगी।
गांधी विरासत को बचाने के लिए वाराणसी स्थित राजघाट परिसर के सामने चल रहे सत्याग्रह का आज 88 वां दिन है।
आज सत्याग्रह में उपवासकर्ता सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष चंदन पाल, प्रकाशन समिति के संयोजक अशोक भारत, उत्तर प्रदेश सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष रामधीरज, छत्तीसगढ़ सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष दीनदयाल चौधरी, सामाजिक कार्यकर्ता सिराज अहमद एवं ईश्वर प्रसाद देशमुख के अलावा वरिष्ठ गांधीवादी विद्याधर, लोक समिति के प्रमुख नंदलाल मास्टर, सुधीर सिंह, प्रमोद सिंह, महिला चेतना समिति की रंजू सिंह, पूनम, समाज सेविका सिस्टर फ्लोरिन, रागिनी, विनोद जायसवाल, वल्लभ, फादर आनंद, संजीव सिंह, विनय राय मुन्ना आदि शामिल रहे।
(प्रेस विज्ञप्ति)
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