सिंघू बार्डर पर किसानों से मिलने पहुंचे केजरीवाल, कहा- मेरी सरकार है किसानों की सेवादार

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हरियाणा-दिल्ली सीमा पर स्थित सिंघू बॉर्डर पर पूरी कैबिनेट के साथ किसानों से मिलने पहुंचे। केजरीवाल ने किसानों से मुलाकात की और वहां की सुविधाओं का जायजा लिया। उन्होंने किसानों की सभी मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि उनकी सरकार किसानों की सेवादार है। किसानों का मुद्दा और उनकी मांग जायज है। मैं और मेरी पार्टी उनके साथ खड़े हैं।

किसान काफी दिनों से तीन कृषि कानूनों की मुखालफत कर रहे हैं। उन्होंने 26-27 नवंबर को ‘दिल्ली चलो’ का एलान किया था। किसानों कों दिल्ली पहुंचने से रोकने के लिए हरियाणा की खट्टर सरकार ने 25 नवंबर से ही उन्हें हिरासत में लेना शुरू कर दिया था। यही नहीं दिल्ली जाने से रोकने के लिए रास्ते में जगह-जगह गड्ढे खोद दिए गए थे। उनका रास्ता रोकने के लिए कटीले तार और बैरिकेडिंग की गई थी।

26 नवंबर को किसान जब दिल्ली की तरफ कूच करने लगे तो उन पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था और आंसू गैस के गोले दागे थे। यही नहीं सर्दी के दिनों में उन पर ठंडे पानी की बौछार भी की गई थी। इसके बाद भी किसानों का उत्साह ठंडा नहीं पड़ा और उन्होंने 12 दिन से दिल्ली बार्डर को घेर रखा है।

इस बीच किसानों की सरकार के साथ कई चरणों की वार्ता विफल हो गई है। सरकार के अड़ियल रवैये से नाराज किसानों ने कल 8 दिसंबर को ‘भारत बंद’ का आह्वान किया है। उससे एक दिन पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल किसानों से मिलने सिंघू बार्डर पर पहुंचे। उन्होंने किसानों से कहा, “किसानों का आंदोलन शुरू होने के वक्त दिल्ली पुलिस ने हमसे 9 स्टेडियम को जेल में बदलने की इजाजत मांगी थी। मेरे ऊपर दबाव बनाया था, लेकिन मैंने अनुमति नहीं दी।” आम आदमी पार्टी ने किसानों के 8 दिसंबर के भारत बंद को समर्थन भी दिया है।

विपक्ष की तमाम पार्टियों ने 8 दिसंबर के भारत बंद का समर्थन किया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के प्रमुख एमके स्टालिन तथा गुपकर घोषणापत्र गठबंधन (पीएजीडी) के अध्यक्ष फारूख अब्दुल्ला समेत प्रमुख विपक्षी नेताओं ने रविवार को संयुक्त बयान जारी कर ‘भारत बंद’ का समर्थन किया है।

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