नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 3 जनवरी को पेश होने के लिए समन के बावजूद प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं हुए। केजरीवाल ने जांच एजेंसी के समक्ष उपस्थित न होने के कारणों में राज्यसभा चुनाव, गणतंत्र दिवस समारोह और प्रवर्तन निदेशालय के दिल्ली आबकारी शुल्क नीति मामले में अब तक कोई ‘खुलासा ना कर सकने’ और ‘जवाबदेही की कमी’ का हवाला दिया है।
केजरीवाल ने पिछले दो समन पर ईडी को भेजे पत्र में आरोप लगाया कि समन भाजपा के इशारे पर जारी किए गए थे और कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि उन्हें किस क्षमता में बुलाया जा रहा है- “एक गवाह या एक संदिग्ध के रूप में।” झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसी तरह मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी के सात समन ठुकरा दिए हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल गुरुवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि “पिछले 2 साल से बीजेपी की सारी एजेंसी शराब घोटाले में कई छापेमारी की और कई गिरफ्तारी की। लेकिन अभी तक एक भी पैसे का हेरफेर नहीं मिला।….ऐसे फर्जी केस में कई आप (AAP) नेताओं को इन्होंने जेल में रखा हुआ है।….अब बीजेपी मुझे गिरफ्तार करना चाहती है फर्जी समन भेजकर ये लोग मुझे बदनाम करना चाहते हैं।…इन्होंने मुझे समन भेजा हुआ है और मेरे वकीलों ने बताया कि वो समन गैर कानूनी है।….कानूनी रूप से सही समन आएगा तो मैं पूरा सहयोग करूंगा। बीजेपी का मकसद मुझे लोकसभा चुनाव में प्रचार करने से रोकना है।…”
सीएम केजरीवाल ने कहा कि “मेरी एक-एक सांस, खून का एक-एक कतरा देश के लिए है, जी–जान से लड़ रहा हूं, आपका साथ चाहिए। अगर हमने भ्रष्टाचार किया होता, तो हम भी बीजेपी में शामिल होते। इनका सामना कर पा रहे हैं, क्योंकि एक पैसे का भ्रष्टाचार नहीं किया।
आज बीजेपी भ्रष्टाचारियों को नहीं पकड़ रही, उन्हें सीबीआई-ईडी (CBI-ED) के केस से डराकर बीजेपी में भर्ती करा रही है। खूब उदाहरण हैं इसके कि बीजेपी में करा कर सारे मामले रफा-दफा कर दिए।”
दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि “आज मनीष सिसोदिया, संजय सिंह, विजय नायर इसलिए जेल में नहीं हैं क्योंकि उन्होंने भ्रष्टाचार किया है, बल्कि इसलिए क्योंकि उन्होंने बीजेपी ज्वॉइन नहीं की। अगर विपक्ष के नेताओं को, जो लोगों के लिए सरकार से सवाल पूछते हैं, उनको जेल में डाल दिया जाएगा, तो प्रजातंत्र बचेगा कहां? सरकार किसकी तरफ़ जवाबदेही रखेगी? बीजेपी अकेली चुनाव लड़ेगी, भाषण देगी, देश का दुर्भाग्य होगा, लोकतंत्र खत्म होगा। ये मामला केवल अरविंद केजरीवाल का नहीं, ये मामला प्रजातंत्र को बचाने का मामला है।”
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि “ मैं हैरान हूं जब भाजपा के नेता कहते हैं कि एजेंसियां अपना काम कर रही हैं। एजेंसी ऐसे कैसे काम करती है कि बीजेपी में जाने से केस बंद हो सकते हैं?
(जनचौक की रिपोर्ट।)
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