कोलकाता पुलिस ने डॉक्टरों को धरना देने की नहीं दी अनुमति, अदालत जाने की योजना बना रहा है जेपीडी

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नई दिल्ली। आरजी कर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए कथित रेप और हत्या के मामले में इंसाफ की मांग को लेकर डॉक्टरों ने लंबे प्रदर्शन का ऐलान किया है। डॉक्टरों के संगठन संयुक्त मंच (ज्वाइंट प्लेटफॉर्म ऑफ डॉक्टर्स, जेपीडी) ने इस सिलसिले में पुलिस से अनुमति मांगी है।

जेपीडी के सदस्य तमनाश चौधरी ने कहा कि “हमने पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर बताया है कि हम 26 दिसंबर के बाद भी प्रदर्शन जारी रखना चाहते हैं। जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक यह प्रदर्शन जारी रहेगा।”

डॉक्टरों के संयुक्त मंच (जेपीडी) ने एस्प्लेनेड में चल रहे धरने को गुरुवार के बाद भी जारी रखने की अनुमति के लिए कोलकाता पुलिस को पत्र लिखा है। लेकिन मिली सूचना के मुताबिक कोलकाता पुलिस ने धरनारत जूनियर डॉक्टरों के अनुरोध को ठुकरा दिया है।

डॉक्टरों ने कहा कि वे आरजी कर मुद्दे पर धरना जारी रखने की अनुमति के लिए फिर से अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं।

सोमवार को कोलकाता पुलिस आयुक्त को एक ईमेल में, जेपीडी ने धरने के विस्तार की अनुमति मांगी थी। जेपीडी द्वारा साझा किए गए ईमेल में कहा गया है: “डोरिना क्रॉसिंग (मेट्रो चैनल) के पास हमारा धरना प्रदर्शन 26 दिसंबर, 2024 के बाद कुछ और दिनों तक जारी रहेगा।”

ईमेल में कहा गया, “यह प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जातीं।”

जेपीडी के सदस्य तमोनस चौधरी ने कहा, “हम धरने को आगे बढ़ाने की अनुमति के लिए फिर से उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकते हैं। हमने कोलकाता पुलिस से धरने को गुरुवार से आगे बढ़ाने की अनुमति मांगी लेकिन पुलिस ने अपनी सहमति नहीं दी है।”

चौधरी ने कहा कि जेपीडी ने बंगाल के मुख्य सचिव, मनोज पंत को भी पत्र लिखकर अपनी मांगों पर चर्चा करने के लिए उनसे मिलने का समय मांगा है।

चौधरी ने कहा “हमें अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। अगर वह हमसे नहीं मिलते हैं, तो हमें फिर से अदालत का दरवाजा खटखटाना होगा। ”

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि शहर पुलिस की प्रतिक्रिया पूरी तरह से अदालत के आदेश पर आधारित थी। एक अधिकारी ने कहा, ”हम अदालत के आदेश का अक्षरश: पालन करेंगे।”

मंगलवार को भेजे गए पुलिस के ईमेल में उल्लेख किया गया है कि जेपीडी को गुरुवार के बाद विरोध स्थल से धरने के लिए बनाए गए मंच और कचरे को हटा देना चाहिए।

न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष ने शुक्रवार को जेपीडी को डॉक्टरों के मंच द्वारा दायर याचिका में उल्लिखित तारीख 26 दिसंबर तक मेट्रो चैनल में धरना देने की अनुमति दी थी। जेपीडी ने पहले 15 दिसंबर को कोलकाता पुलिस को पत्र लिखकर धरने की अनुमति मांगी थी।

पुलिस ने अगले दिन विरोध प्रदर्शन की अनुमति देने से इनकार कर दिया। पुलिस की ओर से जेपीडी को भेजे गए एक ईमेल में कहा गया है, “उक्त कार्यक्रम के कारण बड़े पैमाने पर यातायात जाम होने और आम जनता को असुविधा होने की पूरी संभावना है।”

राज्य सरकार ने एकल-न्यायाधीश पीठ के आदेश के खिलाफ न्यायमूर्ति हरीश टंडन के नेतृत्व वाली कलकत्ता उच्च न्यायालय की खंडपीठ के समक्ष अपील की।

सोमवार को खंडपीठ ने आदेश दिया कि विरोध स्थल पर 100 से अधिक लोगों को अनुमति नहीं दी जाएगी। जेपीडी और अभय मंच ने 31 दिसंबर को “रिक्लेम द नाइट” विरोध का आह्वान किया है।

जेपीडी के एक सदस्य ने कहा कि वे लोगों से 31 दिसंबर की रात को फिर से सड़कों पर कब्जा करने का अनुरोध कर रहे हैं। जेपीडी के एक सदस्य ने कहा, “आरजी कर बलात्कार और हत्या की पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए हम नए साल का स्वागत इस तरह से करना चाहते हैं।”

(जनचौक की रिपोर्ट)

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