मद्रास हाईकोर्ट: नए आईटी क़ानून से मीडिया की स्वतंत्रता छिनने का खतरा, दो उपबंधों पर लगायी रोक

Estimated read time 2 min read

मद्रास हाईकोर्ट ने नए सूचना प्रौद्योगिकी क़ानून के उन प्रावधानों पर रोक लगा दी है जिनके तहत मीडिया को नियंत्रित करने की कोशिश की जा सकती है। मद्रास हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजीब बनर्जी और जस्टिस पीडी आदिकेशवालू की खंडपीठ ने इन्फार्मेशन टेक्नोलाजी रूल्स 2021 के दो उपबंधों के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी है। खंडपीठ ने कहा है कि पहली नज़र में ऐसा लगता है कि मीडिया को नियंत्रित करने की सरकारी प्रक्रिया (ओवरसाइट मैकेनिज़म) से मीडिया की आज़ादी छीनी जा सकती है, और लोकतंत्र का चौथा स्तंभ अपनी जगह नहीं टिक पाएगा।

खंडपीठ ने यह फैसला याचिकाकर्ताओं के यह आशंका जताने पर किया कि इन उपबंधों के चलते मीडिया की स्वतंत्रता बाधित होगी और ये लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ हैं। अगस्त में बाम्बे हाईकोर्ट ने भी इसी तरह का आदेश पारित कर नए इन्फार्मेशन टेक्नोलाजी रूल्स के कुछ प्रावधानों पर रोक लगाई थी। मद्रास हाईकोर्ट ने आईटी नियम नौ के उपबंध (1) और (3) पर रोक लगाई है। इन उपबंधों को बीती फरवरी में पूर्व में लागू आईटी रूल्स में शामिल किया गया था।

खंडपीठ ने संगीतकार टीएम कृष्णा और डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स एसोसिएशन द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर अंतरिम आदेश जारी किया। इस एसोसिएशन में तमिलनाडु के 13 मीडिया आउटलेट शामिल हैं। याचिका में आईटी रूल्स की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है। मामले को 27 अक्टूबर को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।

खंडपीठ ने कहा कि प्रथम दृष्टि में प्रतीत होता है कि सरकार ने मीडिया (प्रिंट और इलेक्ट्रानिक) पर नियंत्रण वाली व्यवस्था बनाई है। इससे मीडिया की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक मूल्य प्रभावित होंगे। पीठ अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में फिर से मामले की सुनवाई करेगी। इसके पहले बाम्बे हाईकोर्ट ने भी लोकतांत्रिक मूल्यों का हवाला देकर अगस्त में नियम नौ के उप बंध (1) और (3) पर ही रोक लगाई थी।

खंडपीठ ने सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थों और डिजिटल मीडिया आचार संहिता के लिए दिशानिर्देश) नियम, 2021 (आईटी नियम 2021) के नियम 9 के उप-नियम (1) और (3) के आवेदन पर रोक लगा दी। नियम 9 के उप-नियम (1) और (3) आचार संहिता का पालन करते हैं जो आईटी नियम, 2021 से जुड़ा हुआ है और प्रकाशकों के संबंध में की गई शिकायतों को दूर करने के लिए तीन स्तरीय संरचना प्रदान करता है।

इसके अलावा खंडपीठ ने अपने अंतरिम आदेश में यह भी कहा कि आईटी नियम 2021 के नियम 3 और 7 का हवाला देते हुए की गई कोई भी कार्रवाई नियमों की संवैधानिक वैधता को चुनौती के परिणाम के अधीन होगी। नियम 3 बिचौलियों द्वारा उचित परिश्रम करने के दायित्व के बारे में बताता है और नियम 7 नियमों के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए बिचौलियों के खिलाफ जबरदस्ती कार्रवाई का प्रावधान करता है।

कर्नाटक संगीत गायक टी एम कृष्णा, भारत के डिजिटल समाचार प्रकाशक, द हिंदू के पूर्व संपादक, एन राम और एक वरिष्ठ पत्रकार द्वारा दायर याचिकाओं में नए आईटी कानून की व्याख्या करने की मांग की गई है ।अन्य बातों के अलावा, याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि आरोपित नियमों का भाग संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत गारंटीकृत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार पर अवैध रूप से प्रतिबंध लगाता है।

इसके पहले नए डिजिटल मीडिया नियमों के दो प्रावधानों पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (इंटरमीडियरी गाइडलाइन्स एंड डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड) रूल्स, 2021 के नियम 9(1) और 9(3) पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है बॉम्बे हाईकोर्टने कहा कि दोनों नियम अभिव्यक्ति की आजादी के संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन करते हैं और ये सरकार की कानून बनाने की शक्ति के परे हैंदोनों नियमों के तहत इंटरनेट पर समाचार प्रकाशित करने वालों को सरकार द्वारा तय की गई एक नीति-संहिता या कोड ऑफ एथिक्स का पालन करना अनिवार्य था। इसके अलावा इनके तहत एक तीन-स्तरीय शिकायत निवारण प्रणाली बनाने का भी आदेश दिया गया था जिसकी अध्यक्षता सरकार के ही हाथ में होगी।

हाल ही में उच्चतम न्यायालय ने सोशल मीडिया प्‍लेटफार्मों और वेब पोर्टल्स पर फर्जी खबरों को लेकर गंभीर चिंता जताई थी। उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि मीडिया के एक वर्ग में दिखाई जाने वाली खबरों में सांप्रदायिकता का रंग होने से देश की छवि खराब हो रही है। वहीं केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था वेब पोर्टल्स समेत ऑनलाइन सामग्री के नियमन के लिए आईटी नियम बनाए गए हैं। उच्चतम न्यायालय ने यह भी कहा कि सोशल मीडिया केवल शक्तिशाली आवाजों को ही सुनता है।

(जेपी सिंह वरिष्ठ पत्रकार होने के साथ कानूनी मामलों के जानकार हैं।)

+ There are no comments

Add yours

You May Also Like

More From Author