नई दिल्ली। चंद्रयान-3 मिशन की सफलता का सारा श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार लेने में लगी है। इस प्रक्रिया में वह भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू द्वारा देश में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने और वैज्ञानिक संस्थानों की स्थापना पर पर्दा डालने में लगी है। गौरतलब है कि भारतीय अन्तरिक्ष कार्यक्रम डॉ. विक्रम साराभाई और जवाहर लाल नेहरू की संकल्पना है। जिन्होंने भारत के भविष्य में वैज्ञानिक विकास को अहम मानते हुए 1961 में अंतरिक्ष अनुसंधान को परमाणु ऊर्जा विभाग की देखरेख में शुरू कराया था। 1962 में ‘अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए भारतीय राष्ट्रीय समिति’ (INCOSPAR) का गठन किया, जिसमें डॉ. साराभाई को सभापति के रूप में नियुक्त किया गया था।
अब मोदी सरकार यह जता रही है कि जैसे उसके शासनकाल में किए गए कार्यों की वजह से चंद्रयान मिशन सफल हुआ। कांग्रेस ने इसरो की स्थापना में प्रमुख भूमिका निभाने वाले जवाहरलाल नेहरू के योगदान को नकार पाने में असमर्थ लोगों पर निशाना साधा और कहा कि भारत के पहले प्रधानमंत्री वैज्ञानिक दृष्टिकोण को प्रोत्साहित करते थे।
भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में नेहरू और अन्य कांग्रेसी प्रधानमंत्रियों के योगदान को लेकर कांग्रेस और भाजपा में जुबानी जंग चल रही है, विपक्षी दल अपने नेताओं के प्रयासों को उजागर कर रहा है, जबकि सत्तारूढ़ दल का दावा है कि 2014 बाद इस क्षेत्र में बड़ी प्रगति हुई है।
रविवार को एक्स पर एक पोस्ट में, कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने कहा, “नेहरू वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देते थे। जो लोग इसरो की स्थापना में उनके योगदान को नहीं पचा पा रहे हैं, वो टीआईएफआर (टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च) के शिलान्यास के दिन का उनका भाषण सुन लें। उन्होंने टीआईएफआर के एक कार्यक्रम में नेहरू के भाषण का एक वीडियो भी साझा किया।
चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की सफलता के बाद कांग्रेस ने कहा था कि यह प्रत्येक भारतीय की सामूहिक सफलता है और इसरो की उपलब्धि निरंतरता की गाथा को दर्शाती है और वास्तव में शानदार है।
पार्टी ने कहा है कि भारत की अंतरिक्ष यात्रा 1962 में INCOSPAR के गठन के साथ शुरू हुई, जो होमी जहांगीर भाभा और विक्रम साराभाई की दूरदर्शिता के साथ-साथ देश के पहले प्रधानमंत्री नेहरू के उत्साही समर्थन का परिणाम था। बाद में, अगस्त 1969 में, साराभाई ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की स्थापना की।
जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा, “रडार से सुरक्षा प्रदान करने वाले बादलों के विज्ञान के बारे में ज्ञान देने वाले व्यक्ति के विपरीत, उन्होंने (नेहरू) सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें नहीं कीं, बल्कि बड़े फैसले भी लिए।”
(जनचौक की रिपोर्ट।)
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