वाराणसी। न्याय के दीप जलाएं- 100 दिनी सत्याग्रह आज 13 अक्टूबर 2024 को 33 वें पायदान का सफर सफलतापूर्वक पार कर लिया है। उत्तर प्रदेश के चन्दौली जिले के जोखन यादव उपवास पर बैठे हैं। जोखन यादव छात्र जीवन से सामाजिक कार्यों से जुड़े रहे हैं।
उन्होंने उर्दू व हिन्दी से एमए किया है। लोकप्रिय होने के कारण गांव के लोगों ने उन्हें प्रधान चुना। जोखन यादव ने समरसता सेवा संगठन बनाया है। सामाजिक भेदभाव के विरुद्ध और साम्प्रदायिक सद्भाव के लिए काम कर रहे हैं। शिक्षा के प्रति लगन और निष्ठा का ही नतीजा है कि बेटा, बेटी, बहू सभी डॉक्टर हैं।
कौमी एकता को बढ़ावा देने के लिए मुशायरा और कवि सम्मेलन आयोजित कराते हैं। गांधी के विचारों से बचपन से प्रभावित हो कर समाज में कार्य कर रहे हैं। किसानों के मुद्दों पर भी सक्रिय हैं। खुद भी खेती करने वाले जमीन से जुड़े ग्रामीण पृष्ठभूमि के कर्तव्यनिष्ठ कार्यकर्ता है।
सत्याग्रह स्थल से आज यह वक्तव्य जारी किया गया कि बनारस के गरीबों, मछुआरों, ठेला लगाने वालों, ऑटो-टोटो चालकों, किसानों, स्लम में रहने वालों को उजाड़कर कॉर्पोरेट को सौंपा जा रहा है। एक नाटकीय इंसान बनारस लूटने आया है। उससे सावधान रहने की जरूरत है।
ताजा आंकड़ों के अनुसार भारत के पूंजीपतियों की संपत्ति पिछले 10 वर्षों में तीन गुना और गत एक वर्ष में 40% बढ़ी है। अमृतकाल के दौर में अमीरों की अमीरी और गरीबों की गरीबी भी बढ़ी है। हमें समझ जाना चाहिए कि मुंह में राम और बगल में छुरी है जिससे गरीबों का पॉकेट काटा जा रहा है।
उपवासकर्ता जोखन यादव के साथ ईश्वर चन्द्र, महेन्दर, ओमप्रकाश, जागृति राही, रामजनम, नंदलाल मास्टर, समाजवादी जनपरिषद के प्रो. महेश विक्रम, डॉ सन्तोष कुमार, डॉ राजेश, ललित नारायण मौर्य, डॉ राकेश भारद्वाज, डॉ आनन्द कुमार, जितेंद्र, कहकशां, तारकेश्वर सिंह, सुरेंद्र नारायण सिंह, विजय कुमार साहू, शक्ति कुमार, एसपी राय, रामधीरज, अनूप श्रमिक आदि साथी समर्थन में बैठे।
(रामधीरज, सर्व सेवा संघ द्वारा जारी)
Iss jokhan Yadav ko bolo yea sab natak Bharat ke Daan diya hua Pakistan aur Bangladesh mein jaakay sikhaye ya wahan geeli ho jati hei lungi??