‘द हिंदू’ के पत्रकार लांगा के खिलाफ गुजरात पुलिस ने दर्ज किए नये आरोप

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नई दिल्ली। गुजरात पुलिस वरिष्ठ पत्रकार महेश लांगा के पीछे पड़ गयी है। जीएसटी के मामले को कोर्ट में कमजोर होता देख अब उसने उनके खिलाफ एक नया मामला निकाल लिया है। हालांकि एक पत्रकार के लिहाज से कानूनी मोर्चे पर इसके भी टिके रहने की उम्मीद कम है। गुजरात पुलिस द्वारा उनके खिलाफ “गोपनीय” सरकारी दस्तावेज़ रखने के आरोप में एक नया मामला दर्ज किया गया है। आपको बता दें कि द हिंदू का यह वरिष्ठ सहायक संपादक इस समय न्यायिक हिरासत में है। और गुजरात पुलिस ने उस पर जीएसटी में चोरी का आरोप लगाया है।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार लांगा पर गुजरात समुद्री बोर्ड (GMB) से संबंधित दस्तावेज़ रखने का आरोप है। ये दस्तावेज़ लांगा की गिरफ्तारी के वक्त कथित कर चोरी के मामले में उनके यहां पड़े छापे के दौरान बरामद किए गए थे। रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने लांगा के खिलाफ लगाए गए इन आरोपों को अभी विस्तार से नहीं बताया है। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि गांधीनगर पुलिस ने 22 अक्टूबर को गुजरात समुद्री बोर्ड (जीएमबी) कार्यालय में जांच किया। ताकि उस शख्स की पहचान की जा सके जिसने लांगा को ये दस्तावेज़ मुहैया कराये थे।

लांगा को 8 अक्टूबर को भारतीय दंड संहिता की धाराओं 420, 467, 468, 471, 474 और 120-B के तहत गिरफ्तार किया गया था। उन पर आरोप है कि उनके भाई की कंपनी डीए एंटरप्राइजेज कर चोरी कर रही थी। सबसे दिलचस्प बात यह है कि पुलिस ने मनोज कुमार को गिरफ्तार नहीं किया। अधिकारियों का आरोप है कि लांगा ही इस फर्म का उपयोग “धोखाधड़ी गतिविधियों” के लिए कर रहे थे। इस मामले में अब तक कुल 13 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

इस बीच, वरिष्ठ पत्रकारों ने लांगा के खिलाफ की गई कार्रवाई की कड़े शब्दों में भर्त्सना की है।

लेखक और पत्रकार कल्पना शर्मा ने कहा कि लांगा के खिलाफ नए आरोप यह साबित करते हैं कि ‘द हिंदू’ के पत्रकार को उनकी पत्रकारिता के कारण झूठे आरोपों में फंसाकर परेशान किया जा रहा है, जो भाजपा के नेतृत्व वाली गुजरात सरकार की आलोचना करती थी।

कल्पना शर्मा ने एक्स पर लिखा कि “दो हफ्ते पहले, जब @LangaMahesh, जो @thehindu के वरिष्ठ सहायक संपादक हैं, को जीएसटी घोटाले में गिरफ्तार किया गया था, हममें से कई लोगों ने सवाल उठाया था कि क्या यह उनकी पत्रकारिता के कारण है। आज, हास्यास्पद अतिरिक्त आरोप हमारे संदेह को और मजबूत करते हैं,”।

‘द कारवां’ के कार्यकारी संपादक, हरतोश सिंह बल ने कहा कि लांगा को उनकी पत्रकारिता के कारण राज्य द्वारा निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने सभी पत्रकारों, विशेष रूप से ‘द हिंदू’ के पत्रकारों से आग्रह किया कि इसे एक ऐसे मामले के रूप में देखा जाए, जहां एक पत्रकार को अपना काम करने के लिए परेशान किया जा रहा है। उन्होंने लिखा कि “अब कोई संकोच नहीं बचा है, हम सभी, जो खुद को पत्रकार मानते हैं, को अब निष्क्रिय नहीं रहना चाहिए, इसमें @the_hindu भी शामिल है। जिनके मन में कोई संदेह था, यह स्पष्ट रूप से एक पत्रकार को पत्रकार होने के कारण प्रताड़ित करने का मामला है।”

इसी तरह, Scroll.in की कार्यकारी संपादक सुप्रिया शर्मा ने लांगा के खिलाफ लगाए गए आरोपों को “हास्यास्पद” करार दिया। उन्होंने कहा कि “किसी पत्रकार के घर पर सरकारी दस्तावेज़ मिलना वैसा ही है जैसे किसी पुस्तकालय में किताबें मिलना। दस्तावेज़ इकट्ठा करना और उनका विश्लेषण करना हमारा काम है।”

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