सर्व सेवा संघ विध्वंस के एक साल: न्याय के दीप जलाएं सत्याग्रह जारी

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वाराणसी। आज से एक वर्ष पहले मोदी सरकार ने वाराणसी के राजघाट स्थित सर्व सेवा संघ की इमारतों को बुल्डोजर लगाकर ध्वस्त कर दिया था। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों द्वारा निर्मित सर्व सेवा संघ के विध्वंस के प्रतिकार और परिसर पुनर्निर्माण के संकल्प को पूरा करने के लिए गांधी-जन 11 सितंबर 2024 से 100 दिन का सत्याग्रह शुरू किया है।

सत्याग्रह का आज दूसरा दिन है। आज यानि गुरुवार को ओडिशा के खुर्दा जिले के सर्वोदयी कार्यकर्ता राबिया बेगम उपवास पर बैठी हैं तथा ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं विख्यात गांधीवादी नबकृष्ण चौधरी की सुपुत्री कृष्णा मोहंती, उत्कल सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष मिहिर प्रताप दास, ललित मोहन बेहरा, अन्तर्यामी बराल, चिन्तामणि साहू, सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष चंदन पाल, उत्तर प्रदेश सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष राम धीरज, के अलावा अरविंद अंजुम, अरविंद कुशवाह, गौरांग महापात्र, शेख हुसैन, गौरांग राउत ,अजय यादव, अशोक भारत, विद्याधर मास्टर, चेखुर प्रजापति, अफलातून, पंकज भाई, रमेश सिंह, राम दयाल वर्मा, बल्लभाचार्य पांडे, सुरेंद्र सिंह, जितेंद्र आदि प्रमुख लोग सत्याग्रह में शामिल हुए। 12 सितंबर से 21 सितंबर 2024 तक ओडिशा के भुवनेश्वर, ढेकानाल, कटक, बरगढ,अंगुल, जाजपुर आदि जिलो के एक-एक साथी हर दिन उपवास पर बैठेंगे।

अरविंद अंजुम ने बताया कि सेवा संघ के राजघाट परिसर को वाराणसी प्रशासन ने झूठ और अफवाह फैलाकर अवैध रूप से कब्जा कर लिया है। प्रशासन ने यह झूठ फैलाया कि सर्व सेवा संघ ने नॉर्दर्न रेलवे की जमीन को कब्जा कर रखा था जिसे प्रशासन ने मुक्त कराया है जबकि यह सरासर झूठ है। सच्चाई तो यह है कि आज से 65 साल पहले सर्व सेवा संघ ने नॉर्दर्न रेलवे से यह जमीन खरीदी थी।

काशी मल्टी मॉडल डेवलपमेंट प्लान की रूपरेखा बनाने के लिए जिस एजेंसी- प्राइस वाटर कूपर को नियुक्त किया था, उसने अपनी विस्तृत रिपोर्ट में तीन नक्शों को दर्शाया है। इसमें से एक नक्शा वाराणसी डेवलपमेंट अथॉरिटी का है, और दूसरा नक्शा आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया का है और एक तीसरा नक्शा जिला प्रशासन का है। इन तीनों नक्शे में सर्व सेवा संघ का सीमांकन एवं नाम उल्लिखित है। इस संबंध में यह भी जानकारी देना आवश्यक है कि इस परिसर में सर्व सेवा संघ के नाम पर 65 साल से सरकारी पोस्ट ऑफिस भी चलता था तथा प्रारंभिक दिनों में इस परिसर में रेलवे विभाग जल आपूर्ति करता था और सर्व सेवा संघ उसका भुगतान करता था।

सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष चंदन पाल ने कहा कि सत्याग्रह अन्याय के खिलाफ सत्य और न्याय का दीप जलाने के लिए है। हम समाज में सभी तरह के अन्याय को समाप्त करना चाहते हैं। वाराणसी प्रशासन ने केन्द सरकार के इशारे पर घोर अन्याय किया है।इसका परिमार्जन होना चाहिए।

उत्तर प्रदेश सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष एव लोकतंत्र सेनानी रामधीरज ने बताया कि मोदी सरकार ने इस ऐतिहासिक विरासत को ध्वस्त करके आपराधिक कार्य किया है। दुनियाभर की सरकारे अपनी विरासत को सहेजकर रखती है और इस अहंकारी सरकार ने एक राष्ट्रीय विरासत को मटियामेट कर दिया। इस अपराध की सजा जनता देगी।

(प्रेस विज्ञप्ति)

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